एयरबस
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प्रकार | Subsidiary |
---|---|
उद्योग | Aerospace |
स्थापना |
1970 (Airbus Industrie) 2001 (Airbus SAS) |
मुख्यालय | Blagnac, France |
प्रमुख व्यक्ति |
Thomas Enders, CEO Harald Wilhelm, CFO John Leahy, Chief Commercial Officer Fabrice Brégier, COO |
उत्पाद | Commercial airliners (list) |
राजस्व | साँचा:profit €27.45 billion (FY 2008)[१] |
निवल आय | साँचा:profit €1.597 billion (FY 2008) |
कर्मचारी | 57,000[२] |
मातृ कंपनी | EADS |
सहायक कंपनियाँ | Airbus Military |
वेबसाइट | www.airbus.com |

एयरबस SAS (अंग्रेज़ी में साँचा:pron-en, फ़्रांसीसी में /ɛʁbys/ और जर्मन में /ˈɛːɐbʊs/) एक यूरोपीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कम्पनी EADS की एक वायुयान निर्माण सहायक कम्पनी है। ब्लैगनैक, फ़्रांस में ट्युलाउज़ के पास स्थित[३][४] और पूरे यूरोप में महत्वपूर्ण गतिविधि वाली यह कम्पनी समस्त विश्व के जेट विमानों की कुल संख्या के लगभग आधे का उत्पादन करती है।
एयरबस की शुरुआत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उत्पादकों के एक संघ के रूप में हुई। सदी के अंत के दौरान यूरोपीय सैन्य और अंतरिक्ष अनुसंधान कम्पनियों के एकीकरण ने 2001 में सरलीकृत संयुक्त स्टॉक कंपनी की स्थापना की अनुमति दी, जिसका स्वामित्व EADS (80%) और BAE सिस्टम्स (20%) के पास था। एक लंबी विक्रय प्रक्रिया के बाद 13 अक्टूबर 2006 को BAE ने अपनी हिस्सेदारी EADS को बेच दी। [५]
यूरोपीय संघ के चार देशों: जर्मनी, फ़्रांस, यूनाइटेड किंगडम और स्पेन, के सोलह स्थानों पर एयरबस के लगभग 57,000 कर्मचारी कार्य करते हैं। अंतिम असेम्बली उत्पादन ट्युलाउज़ (फ़्रांस), हैम्बर्ग (जर्मनी), सेविल (स्पेन) और, 2009 से, तियान्जिन (चीन) में होता है।[६] संयुक्त राज्य अमरीका, जापान, चीन और भारत में एयरबस की सहायक कम्पनियां कार्यरत हैं।
यह कम्पनी वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य पहले फ़्लाइ-बाइ-वायर (fly-by-wire) वायुयानों के उत्पादन और विपणन के लिये जानी जाती है।[७][८]
इतिहास
उद्गम
एयरबस इंडस्ट्री का प्रारंभ बोइंग, मैक्डोनेल डग्लस और लॉकहीड जैसी अमरीकी कम्पनियों से प्रतिस्पर्धा करने के लिये यूरोपीय वैमानिकी प्रतिष्ठानों के एक संघ के रूप में हुआ।[९]
हालांकि अनेक यूरोपीय वायुयान उन्नत थे, फिर भी सर्वाधिक सफल वायुयानों की उत्पादन खपत भी कम थी।[१०] 1991 में, एयरबस इंडस्ट्री के तत्कालीन CEO और प्रबंध निदेशक जीन पियर्सन ने अमरीकी विमान उत्पादकों के वर्चस्व की व्याख्या करनेवाले अनेक कारकों का वर्णन किया: संयुक्त राज्य अमरीका के भौगोलिक विस्तार ने हवाई-परिवहन को यात्रा का पसंदीदा विकल्प बना दिया; 1942 के एंग्लो-अमरीकी समझौते ने परिवहन विमानों का उत्पादन US को सौंप दिया; और द्वितीय विश्व युद्ध ने अमरीका को एक "लाभकारी, बलवान, शक्तिशाली और संरचनायुक्त वैमानिकी उद्योग" प्रदान किया।[१०]
"For the purpose of strengthening European co-operation in the field of aviation technology and thereby promoting economic and technological progress in Europe, to take appropriate measures for the joint development and production of an airbus."
Airbus Mission Statement
1960 के दशक के मध्य में, यूरोपीय सहयोगपूर्ण प्रस्ताव के संदर्भ में प्रायोगिक बातचीत की शुरूआत हुई। एकल विमान कम्पनियां पहले ही ऐसी आवश्यकता पर विचार कर चुकी थीं; 1959 में हॉकर सिडली ने आर्मस्ट्रांग व्हिटवर्थ AW.660 आर्गोज़ी[११] के "एयरबस" संस्करण का एक विज्ञापन दिया था, जो "अत्यंत छोटे मार्गों पर 2d. प्रति सीट मील की प्रत्यक्ष संचालन लागत पर 126 यात्रियों तक को ढोने में सक्षम होता."[१२] हालांकि यूरोपीय वायुयान उत्पादक ऐसे जोखिमों के विकास के प्रति सजग थे और उन्होंने, अपनी सरकारों के साथ, यह स्वीकार करना प्रारंभ कर दिया था कि ऐसे किसी वायुयान का विकास करने और अधिक शक्तिशाली US उत्पादकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिये सहयोग आवश्यक था। 1965 के पेरिस एयर शो में प्रमुख यूरोपीय एयरलाइनों ने कम लागत पर छोटी से मध्यम दूरियों तक 100 या अधिक यात्रियों का परिवहन कर पाने में सक्षम एक नये "एयरबस" की उनकी आवश्यकताओं पर अनौपचारिक रूप से चर्चा की। [१३] उसी वर्ष एयरबस डिज़ाइनों का अध्ययन करने के लिये हॉकर सिडली ने (UK सरकार के आग्रह पर) ब्रेग्वेट और नॉर्ड के साथ मिलकर एक दल बनाया। हॉकर सिडली/ब्रेग्वेट/नॉर्ड समूह HBN 100 इस परियोजना को जारी रखने का आधार बना। 1966 तक सुद एवियेशन, बाद में एरोस्पेशियेल (फ़्रांस), आर्बित्स्गेमीन्शाफ़्ट एयरबस, बाद में ड्युश एयरबस (जर्मनी) और हॉकर सिडली इसके साझेदार थे।[१३] अक्टूबर 1966 में तीनों सरकारों से वित्तीय सहायता की मांग की गई।[१३] 25 जुलाई 1967 को तीनों सरकारें प्रस्ताव पर आगे बढ़ने को राज़ी हुईं.
इस समझौते के दो वर्षों बाद, ब्रिटिश और फ़्रांसीसी दोनों सरकारों ने परियोजना के बारे में आशंकाएं व्यक्त कीं. MoU (सहमति-पत्र) में कहा गया था कि 31 जुलाई 1968 तक 75 ऑर्डर अनिवार्य रूप से प्राप्त कर लिये जाने चाहिये। फ़्रांसीसी सरकार ने एयरबस A300, कौन्कौर्ड और डसौल्ट मर्क्युर के विकास को एक ही समय पर वित्तीय सहायता दिये जाने के प्रति अपनी चिंताओं के चलते इस परियोजना से बाहर आ जाने की धमकी दी, लेकिन उसे मना लिया गया।[१४] दिसम्बर 1968 में A300B प्रस्ताव पर अपनी चिंताओं की घोषणा करने और इस भय के कारण कि विक्रय की कमी के कारण अपने निवेश की भरपाई नहीं की जा सकेगी, ब्रिटिश सरकार ने 10 अप्रैल 1969 को परियोजना छोड़ने की घोषणा की। [१३][१५] जर्मनी ने इस परियोजना में अपनी हिस्सेदारी 50% तक बढ़ाने के लिये इस अवसर का लाभ उठाया.[१४] उस बिंदु तक हॉकर सिडली की सहभागिता को देखते हुए, फ़्रांस और जर्मनी इसकी पंख रचना का भार ग्रहण करने के प्रति अनिच्छुक थे। इस प्रकार ब्रिटिश कम्पनी को एक विशेषाधिकार प्राप्त उप-संविदाकार के रूप में कार्य करते रहने की अनुमति मिल गई।[१०] हॉकर सिडली ने उपकरणों में GB£35 मिलियन का निवेश किया और अधिक धन की आवश्यकता के चलते जर्मन सरकार से GB£35 मिलियन का कर्ज़ लिया।[१४]
एयरबस इंडस्ट्री का निर्माण
औपचारिक रूप से 18 दिसम्बर 1970 को एयरबस इंडस्ट्री की स्थापना एक Groupement d'Interet Economique (वित्तीय अभिरुचि समूह या GIE) के रूप में की गई।[१४] इसका निर्माण 1967 में फ़्रांस, जर्मनी और UK के बीच शुरु हुई एक शासकीय पहल के द्वारा हुआ था। "एयरबस" नाम एक विशिष्ट आकार और श्रेणी के वाणिज्यिक विमान का उल्लेख करने के लिये 1960 के दशक में एयरलाइन उद्योग द्वारा प्रयुक्त एक ग़ैर-मालिक़ाना शब्दावली से लिया गया था। एरोस्पेशियल और ड्युश एयरबस में से प्रत्येक ने उत्पादन कार्य का 36.5%, हॉकर सिडली ने 20% और फॉकर-VFW ने 7% हिस्सा लिया।[१३] प्रत्येक कम्पनी को अपने पुर्ज़े पूर्णतः सुसज्जित, उड़ान-को-तैयार तत्वों के रूप में सौंपने थे। अक्टूबर 1971 में, एरोस्पेशियल और ड्युश एयरबस द्वारा अपनी हिस्सेदारी 47.9% पर घटाए जाने के बाद स्पेनी कम्पनी CASA ने एयरबस इंडस्ट्री की 4.2% हिस्सेदारी हासिल कर ली। [१३] जनवरी 1979 में, ब्रिटिश एरोस्पेस, जिसने 1977 में हॉकर सिडली को अधिग्रहित लिया था, ने एयरबस इंडस्ट्री की 20% हिस्सेदारी खरीद ली। [१६] मुख्य शेयरधारकों ने अपनी हिस्सेदारी घटाकर 37.9% कर दी, जबकि CASA ने अपना 4.2% हिस्सा कायम रखा। [१७]
एयरबस A300 का विकास
एयरबस द्वारा विकसित, उत्पादित और विपणन किया जाने वाला पहला वायुयान एयरबस A300 था। 1967 के प्रारंभ तक "A300" नाम का प्रयोग 320 सीटों वाले, दोहरे इंजन वाले प्रस्तावित वायुयान के लिये किया जाने लगा। [१३] 1967 में त्रि-शासकीय समझौते के बाद, रॉजर बेतिली को A300 विकास परियोजना का तकनीकी निदेशक नियुक्त किया गया।[१८] बेतिली ने एक श्रम-विभाजन विकसित किया, जो आने वाले वर्षों में एयरबस के उत्पादन के लिये आधार बनने जा रहा था: फ़्रांस को कॉकपिट, उड़ान नियंत्रण और विमानकबन्ध के निम्न केंद्रीय भाग का उत्पादन करना था; हॉकर सिडली, जिसकी ट्राइडेंट प्रौद्योगिकी ने उन्हें प्रभावित किया, को पंखों का विकास करना था;[१९] जर्मनी को विमानकबन्ध के अगले और पिछले भाग और साथ ही ऊपरी केंद्रीय भाग का विकास करना चाहिये; फ़्लैप और स्पॉइलर का निर्माण डच करनेवाले थे; अंततः स्पेन (जो अभी पूर्ण भागीदार नहीं बना था) को वायुयान की क्षैतिज पूंछ का निर्माण करना था।[१८] 26 सितंबर 1967 को जर्मन, फ़्रांसीसी और ब्रिटिश सरकारों ने लंदन में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये, जिसने विकास अध्ययनों को जारी रखने की अनुमति दी। इसने "नेतृत्व कंपनी" के रूप में सुद एवियेशन की भूमिका की पुष्टि भी कर दी कि फ़्रांस और UK में से प्रत्येक के पास 37.5% कार्य-भागीदारी होगी, जर्मनी 25% लेगा और इंजन का उत्पादन रॉल्स-रॉयस द्वारा किया जाएगा.[१०][१८]
300+ सीटों वाले एयरबस A300 के प्रति एयरलाइनों के मिश्रित समर्थन को देखते हुए भागीदारों ने A250 प्रस्ताव दिया, जो बाद में A300B बना, जो कि पूर्व-उपलब्ध इंजिनों द्वारा संचालित 250 सीटों वाला वायुयान था।[१३] इसने विकास लागत नाटकीय रूप से घटा दी क्योंकि A300 में प्रयोग किया जाने वाला रॉल्स-रॉयस RB207 लागत के बड़े भाग का प्रतिनिधित्व करता था। RB207 ने भी कठिनाइयों और देरी का सामना किया था क्योंकि रॉल्स-रॉयस ने अपना ध्यान लॉकहीड L-1011[१४] के लिये एक अन्य जेट इंजन, RB211, पर केंद्रित कर रखा था और 1971 में दिवालियेपन के कारण रॉल्स-रॉयस का प्रशासन में प्रवेश हुआ।[२०][२१] A300B अपने तीन इंजनवाले अमरीकी प्रतियोगियों से छोटा, लेकिन हल्का और अधिक किफायती था।[२२][२३]
"We showed the world we were not sitting on a nine-day wonder, and that we wanted to realise a family of planes…we won over customers we wouldn’t otherwise have won...now we had two planes that had a great deal in common as far as systems and cockpits were concerned."
Jean Roeder, chief engineer of Deutsche Airbus, speaking of the A310[१७]
1972 में, A300 ने अपनी पहली उड़ान भरी और पहला उत्पादन मॉडल, A300B2, 1974 में सेवा में आया;[२४] हालांकि A300 के विमोचन को उसी समय प्रस्तुत किये गये पराध्वनिक विमान कॉन्कॉर्ड द्वारा परास्त कर दिया गया।[२५] संघ की सफलता प्रारंभ में बुरी थी,[२६] लेकिन, कुछ हद तक अमरीका और एशिया की एयरलाइनों को लक्ष्य बनाकर एयरबस के CEO बर्नार्ड लैथियेर द्वारा प्रयुक्त विपणन कौशल के कारण,[२७] वायुयानों के लिये आने वाले ऑर्डरों की संख्या बढ़ती गई।[२८][२९] 1979 तक संघ के पास A300 के लिये 256 ऑर्डर थे,[२५] और पिछले वर्ष एयरबस ने एक अधिक उन्नत वायुयान, A310, का विमोचन किया था।[१७] 1981 में A320 के विमोचन ने वायुयान बाज़ार में एक बड़े खिलाड़ी के रूप में एयरबस की प्रतिष्ठा की गारंटी दी[३०]- 1972 में A300 के लिये प्राप्त 15 ऑर्डरों की तुलना में इस वायुयान की पहली उड़ान के पूर्व ही इसके लिये 400 ऑर्डर आ चुके थे।
एयरबस SAS की ओर संक्रमण
प्रभावी साझेदार कम्पनियों द्वारा उत्पादन और इंजीनियरिंग परिसंपत्तियों को रोक लिये जाने के कारण एयरबस इंडस्ट्री एक विक्रय और विपणन कम्पनी बन गई।[३१] इस व्यवस्था से अक्षमताएं उत्पन्न हुईं क्योंकि चारों साझेदार कम्पनियों को इसमें अंतर्निहित लाभ के टकरावों का सामना करना पड़ा; वे संघ की उप-संविदाकार और GIE की शेयरधारक, दोनों थीं। कम्पनियों ने एयरबस श्रेणी के विकास के लिये गठजोड़ किया, लेकिन अपनी स्वयं की उत्पादन गतिविधियों के वित्तीय विवरणों की रक्षा की और अपनी उप-असेंबलियों के स्थानांतरण मूल्यों को अधिकतम करने का प्रयास किया।[३२] यह स्पष्ट होता जा रहा था कि एयरबस अब केवल किसी एक वायुयान के उत्पादन के लिये किया गया कोई अस्थाई गठबंधन नहीं रह गया था, जैसा कि इसके मूल मिशन दस्तावेज़ में उल्लिखित था, बल्कि अब यह भावी वायुयानों के विकास के लिये लंबी अवधि का एक ब्रांड बन चुका था। 1980 के दशक के अंत तक मध्यम-आकार के नये वायुयानों के जोड़े, एयरबस A330 और एयरबस A340 पर कार्य शुरु हो चुका था, जो उस समय एयरबस नाम से उत्पादित होनेवाले सबसे बड़े हवाई जहाज़ थे।[३३][३४]
1990 के दशक के प्रारंभ में, एयरबस के तत्कालीन CEO जीन पियर्सन ने तर्क दिया कि GIE को समाप्त कर दिया जाना चाहिए और एक पारंपरिक कम्पनी के रूप में एयरबस की स्थापना की जानी चाहिये। [३५] हालांकि, चार कम्पनियों की परिसंपत्तियों के एकीकरण और मूल्यांकन की कठिनाई और साथ ही कानूनी मुद्दों ने इस पहल को विलंबित कर दिया। दिसंबर 1998 में, जब यह ख़बर आई कि ब्रिटिश एरोस्पेस और DASA विलय के करीब हैं,[३६] तो एरोस्पेशियल ने एयरबस के रूपांतरण पर चल रही बातचीत को पंगु बना दिया; इस फ़्रांसीसी कम्पनी को भय था कि संयुक्त BAe/DASA, जिसका एयरबस में 57.9% स्वामित्व हो जाएगा, कम्पनी पर वर्चस्व बना लेगी और इसने 50/50 विभाजन का आग्रह किया।[३७] हालांकि, जब मार्कोनी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स के साथ विलय करके BAE सिस्टम्स के निर्माण को प्राथमिकता देते हुए BAe ने DASA के साथ जनवरी 1999 में अपनी बातचीत रोक दी, तो यह मुद्दा सुलझ गया।[३८][३९][४०] इसके बाद 2000 में चार साझेदार कम्पनियों में से तीन (डैम्लरक्रिस्लर एरोस्पेस, ड्युश एयरबस की उत्तराधिकारी, एरोस्पेशियल-मात्रा, सुद-एवियेशन की उत्तराधिकारी; और CASA) का विलय करके EADS का निर्माण हो जाने से इस प्रक्रिया का सरलीकरण हुआ। EADS के पास अब एयरबस फ़्रांस, एयरबस ड्युशलैंड और एयरबस एस्पाना का स्वामित्व और इस प्रकार एयरबस इंडस्ट्री का 80%, स्वामित्व है।[३२][४१] BAE सिस्टम्स और EADS ने अपनी परिसंपत्तियां एक नई कम्पनी, एयरबस SAS, में उस कम्पनी में हिस्सेदारी के बदले स्थानांतरित कर दीं। [३२][४२]
A380 का विकास
<घटनाक्रम> इमेजसाइज़ = चौड़ाई:275 उंचाई :210 प्लॉटएरिया = बाएं:50 दाएं:0 अंतिम:10 शीर्ष:10 तिथिसंरूप = yyyy समयावधि = से:1991 तक:2007 गतिअक्ष = अभिसंस्करण:लंबरूप स्केलमेंजर = इकांक:वर्ष वृद्धि:1 प्रारंभ:1991
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</घटनाक्रम>
1980 की गर्मियों में एयरबस अभियंताओं के एक समूह ने अपनी स्वयं की उत्पाद श्रेणी को पूर्ण करने और बोइंग द्वारा 1970 के दशक से अपने 747 के साथ बाज़ार के इस भाग पर बनाए गए प्रभुत्व को तोड़ने के लिये जीन रोडेर के नेतृत्व में गुप्त रूप से एक अल्ट्रा-हाई-कैपेसिटी एयरलाइनर (UHCA) के विकास पर कार्य करना शुरु किया।[४३] इस परियोजना की घोषणा 1990 के फार्नब्रो एयर शो में हुई, जिसमें 747-400 की तुलना में 15% कल संचालन लागत का लक्ष्य बताया गया।[४४] भावी वायुयानों के डिज़ाइनों के लिये प्रौद्योगिकियां प्रस्तावित करने हेतु प्रत्येक EADS साझेदार (एरोस्पेशियल, डैम्लरक्रिस्लर एरोस्पेस, ब्रिटिश एरोस्पेस, EADS CASA) से एक दल का निर्माण करके एयरबस ने डिज़ाइनरों के चार दल बनाए। जून 1994 में एयरबस ने अपने स्वयं के बहुत बड़े एयरलाइनर का विकास प्रारंभ किया, जिसे उस समय A3XX नाम दिया गया।[२५][४५][४६] एयरबस ने अनेक डिज़ाइनों पर विचार किया, जिनमें एयरबस A340, जो उस समय एयरबस का सबसे बड़ा जेट था, से दो विमानकबन्धों का एक अजीब समानांतर संयोजन भी शामिल था।[४७] प्रचलित बोइंग 747-400 की तुलना में संचालन लागत में 15-20% की कमी का लक्ष्य रखते हुए एयरबस ने अपने डिज़ाइन को परिष्कृत किया। A3XX का डिज़ाइन एक डबल-डेकर अभिन्यास की ओर अभिमुख हुआ जिसने सिंगल-डेक वाले पारंपरिक डिज़ाइन की तुलना में अधिक यात्री घनत्व प्रदान किया।
परीक्षण और प्रदर्शन के लिये पांच A380 बनाए गए।[४८] पहले A380 का अनावरण 18 जनवरी 2005 को ट्युलाउज़ में एक समारोह में किया गया और इसकी पहली उड़ान 27 अप्रैल 2005 को हुई। तीन घंटों और 54 मिनटों बाद सफलतापूर्वक उतरने पर मुख्य परीक्षण पाइलट जैक्स रोसे ने कहा कि A380 को उड़ाना "साइकिल को नियंत्रित करने जैसा" था।[४९] 1 दिसम्बर 2005 को, A380 ने मैक 0.96 की अपनी अधिकतम डिज़ाइन गति प्राप्त की। [४८] 10 जनवरी 2006 को, A380 ने कोलंबिया स्थित मेडेलिन की ओर अपनी पहली अटलांटिक-पार उड़ान भरी। [५०]
3 अक्टूबर 2006 को, CEO क्रिस्टियन स्ट्रीफ़ ने घोषणा की कि वायुयान को बनाने में प्रयुक्त एक असंगत सॉफ्टवेयर का प्रयोग एयरबस A380 में देरी का कारण था। प्राथमिक रूप से, ट्युलाउज़ असेम्बली संयंत्र ने CATIA के नवीनतम संस्करण 5 (डेसौल्ट द्वारा निर्मित) का प्रयोग किया था, जबकि हैम्बर्ग कारखाने का डिज़ाइन केंद्र पुराने और असंगत संस्करण 4 का प्रयोग कर रहा था।[५१] नतीजा यह हुआ कि पूरे वायुयान में 530 किमी की केबल वायरिंग की पूर्णतः पुनर्रचना करनी पड़ी.[५२] हालांकि कोई भी ऑर्डर निरस्त नहीं करना पड़ा था, लेकिन फिर भी विलंबित-सुपुर्दगी दण्डों के रूप में एयरबस को लाखों का भुगतान करना पड़ा.[५१]
सौंपा गया पहला हवाई जहाज़ 15 अक्टूबर 2007 को सिंगापुर एयरलाइन्स को दिया गया था और यह 25 अक्टूबर 2007 को सिंगापुर से सिडनी के बीच उदघाटन उड़ान के द्वारा सेवा में शामिल हुआ।[५३][५४] दो माह बाद सिंगापुर एयरलाइन के CEO च्यु चूंग सेंग ने कहा कि एयरलाइन के तत्कालीन 747-400 बेड़े की तुलना में प्रति यात्री 20% कम ईंधन जलाते हुए A380 एयरलाइन और एयरबस दोनों की उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रहा था।[५५] 28 जुलाई 2008 को एमीरेट्स A380 की सुपुर्दगी स्वीकार करनेवाली दूसरी एयरलाइन बनी और इसने दुबई और न्यू यॉर्क के बीच[५६] 1 अगस्त 2008 को उड़ान की शुरुआत की। [५७] इसके बाद क़्वांटास ने 19 सितंबर 2008 को अनुपालन किया और 20 अक्टूबर 2008 को मेलबौर्न और लॉस एंजल्स के बीच उड़ानें शुरु कीं.[५८]
BAE हिस्सेदारी की बिक्री
6 अप्रैल 2006 को इस योजना की घोषणा की गई कि BAE सिस्टम्स एयरबस में अपनी 20% हिस्सेदारी को बेचनेवाली है, जिसका "सतर्कतापूर्वक मूल्य" उस समय €3.5 बिलियन (US$ 4.17 बिलियन) आंका गया।[५९] विश्लेषकों ने इसे आर्थिक और राजनैतिक, दोनों प्रकार से अधिक व्यवहार्य अमरीकी प्रतिष्ठानों के साथ साझेदारी करने के एक कदम के रूप में देखा.[६०] मूल रूप से BAE ने एक अनौपचारिक प्रक्रिया के द्वारा EADS के साथ किसी मूल्य पर सहमत होने का प्रयास किया। लंबी बातचीत और क़ीमत पर असहमति के कारण, BAE ने अपने नीलामी विकल्प का प्रयोग किया, जिसके लिये निवेश बैंक रोथशील्ड को एक स्वतंत्र मूल्यांकन प्रदान करने हेतु नियुक्त किया गया।
जून 2006 में इसके A380 में और देरी की घोषणा किये जाने के कारण एयरबस गंभीर अंतर्राष्ट्रीय विवाद में उलझ गई। इस घोषणा के बाद कुछ ही दोनों में संबंधित स्टॉक के मूल्य में 25% तक की गिरावट आई, हालांकि बाद में यह बहुत जल्द उबर गया। इसके तुरंत बाद इसके मुख्य कॉर्पोरेट अभिभावक EADS के CEO नोएल फोर्गीयर्ड पर आंतरिक व्यापार के आरोप लगे। संबंधित मूल्य की हानि BAE के लिये बड़ी चिंता थी, प्रेस ने BAE और EADS के बीच "उग्र विवाद" का वर्णन किया, जिसके अनुसार BAE का विश्वास था कि यह घोषणा इसके शेयरों का मूल्य गिराने के लिये रची गई थी।[६१] एक फ़्रांसीसी शेयरधारक समूह ने निवेशकों को A380 के विलंब के आर्थिक निहितार्थों की सूचना देने में विफल रहने के लिये EADS के ख़िलाफ़ एक श्रेणी कार्य मुक़दमा (class action lawsuit) दायर किया, जबकि सुपुर्दगी की प्रतीक्षा कर रही एयरलाइनों ने मुआवजे की मांग की। [६२] परिणामस्वरूप EADS प्रमुख नोएल फोर्गीयर्ड और एयरबस के CEO गुस्ताव हम्बर्ट ने 2 जुलाई 2006 को अपने त्यागपत्रों की घोषणा की। [६३]
2 जुलाई 2006 को रोथशील्ड ने BAE के हिस्से का मूल्यांकन £1.9 बिलियन (€2.75 बिलियन) किया, जो कि BAE के विश्लेषकों और यहां तक कि EADS की उम्मीद से भी बहुत कम था।[६४] 5 जुलाई को BAE ने इस बात की जांच करने के लिये स्वतंत्र लेखाकारों की नियुक्ति की कि एयरबस में इसके शेयर का मूल्य रोथशील्ड के मूल आकलनों से कम कैसे हो गया; हालांकि सितंबर 2006 में BAE ने एयरबस में अपने हिस्सेदारी £1.87 बिलियन (€2.75 बिलियन, $3.53 बिलियन) में EADS को बेचने पर सहमति व्यक्त की, जिसके लिये BAE के शेयरधारकों की अनुमोदन का इंतज़ार था।[६५] 4 अक्टूबर को शेयरधारकों ने बिक्री के समर्थन में मतदान किया,[६६] जिससे EADS को एयरबस का पूर्ण स्वामित्व मिल गया।
2007 पुनर्गठन
9 अक्टूबर 2006 को क्रिस्टियन स्ट्रीफ़, हम्बर्ट के उत्तराधिकारी, ने एयरबस के पुनर्गठन की उनकी योजना को क्रियान्वित करने के लिये उन्हें प्रदान की जाने वाली स्वतंत्रता की मात्रा को लेकर अभिभावक कम्पनी EADS के साथ मतभेदों के कारण इस्तीफ़ा दे दिया। [६७] उनका स्थान EADS के सह-CEO लुईस गैलोइस द्वारा लिया जाएगा, जिससे एयरबस अपनी अभिभावक कम्पनी के अधिक प्रत्यक्ष नियंत्रण में आ जाएगी.
28 फ़रवरी 2007 को CEO लुईस गैलोइस ने कम्पनी की पुनर्गठन योजनाओं की घोषणा की। पॉवर8 नामक इस योजना के द्वारा अगले चार वर्षों में 10,000 नौकरियों में कटौती होंगी; फ़्रांस में 4,300, जर्मनी में 3,700, UK में 1,600 और स्पेन में 400. 10,000 में से 5,000 उप-संविदाकारों के स्तर पर होंगी. सेंट नज़ायर, वैरेल और लौफीम के संयंत्र बेचे या बंद कर दिये जाएंगे, जबकि मीऑल्टे, नौर्डेनहैम और फिल्टन के संयंत्र "निवेशकों के लिये खुले" हैं।[६८] 16 सितंबर 2008 तक की जानकारी के अनुसार लैफीम संयंत्र डाह्यल एयरोस्पेस के निर्माण के लिये एक थेल्स-डाह्यल संघ को बेचा जा चुका है और फिल्टन के कार्यकलाप यूनाइटेड किंगडम के GKN को बेचे गए हैं।[६९] घोषणाओं का परिणाम यह हुआ है कि फ़्रांस में एयरबस यूनियनें हड़ताल की तैयारी कर रहीं हैं और संभवतः जर्मनी के एयरबस कर्मचारी भी उनका पालन करेंगे। [७०]
नागरिक उत्पाद
एयरबस उत्पाद श्रेणी की शुरुआत दो-गलियारों और दो-इंजनों वाले विश्व के प्रथम वायुयान A300 के साथ हुई। A300 के एक छोटे, नए पंखों और नए इंजनों वाले संस्करण को A310 के रूप में जाना जाता है। अपनी सफलता को जारी रखते हुए एयरबस ने A320 को अपने मौलिक फ्लाइ-बाइ-वायर नियंत्रण तंत्र के साथ जारी किया। A320 एक महान वाणिज्यिक सफलता रहा है, जो आज भी बरक़रार है। A318 और A319 छोटे व्युत्पन्न हैं, जिनमें से बाद वाले का कुछ भाग कॉर्पोरेट बिज़-जेट बाज़ार (एयरबस कॉर्पोरेट जेट) के लिये निर्माणाधीन है। एक विस्तारित संस्करण A321 के रूप में जाना जाता है और यह बाद वाले बोइंग 737 मॉडलों का प्रतियोगी साबित हो रहा है।[७१]
लंबी-श्रेणी के चौड़े ढ़ांचे वाले उत्पाद, जुड़वा-जेट A330 और चार-इंजनों वाले A340 में विंगलेट द्वारा बढ़ाए गए दक्ष पंख हैं। एयरबस A340-500 की संचालन सीमा 16 700 किलोमीटर (9000 समुद्री मील) की है, जो कि बोइंग 777-200LR (17 446 किमी या 9420 समुद्री मील की सीमा) के बाद किसी वाणिज्यिक जेट की दूसरी सबसे बड़ी सीमा है।[७२] कम्पनी को विशिष्ट रूप से अपनी फ़्लाइ-बाइ-वायर प्रौद्योगिकी के प्रयोग और संपूर्ण एयरक्राफ़्ट परिवार में समान कॉकपिट के प्रयोग, जिससे चालक दल को प्रशिक्षित करना बहुत सरल हो जाता है, पर गर्व है।
एयरबस "नए छोटी-दूरी के एयरक्राफ़्ट" के लिये A320 श्रृंखला के प्रतिस्थापन का अध्ययन कर रही है, जिसे परीक्षण के तौर पर NSR नाम दिया गया है।[७३][७४] उन अध्ययनों ने NSR के लिये अधिकतम 9-10% ईंधन दक्षता लाभ का संकेत दिया है। हालांकि एयरबस ने नए विंगलेट का प्रयोग करके और वायुगतिकीय वृद्धि पर कार्य करके अपने वर्तमान A320 के डिज़ाइन में सुधार करने का विकल्प चुना। [७५] इस "संवर्धित A320" की इंधन दक्षता में लगभग 4-5% का सुधार अनुमानित है, जिसने A320 के प्रतिस्थापन के विमोचन को 2017-2018 तक आगे बढ़ा दिया है।
24 सितंबर 2009 को COO फैब्राइस ब्रेगियर ने ले फ़िगारो को बताया कि नये वायुयानों के निर्माण को विकसित करने और 2015-2020 से संचालन के लिये निर्धारित C919[७६] जैसे नए प्रतियोगियों की तुलना में प्रौद्योगिक रूप से कम्पनी की बढ़त को बचाए रखने के लिये अगले छः वर्षों में कम्पनी को € 800 मिलियन से € 1 बिलियन तक की आवश्यकता होगी। [७७]
जुलाई 2007 में, एयरबस ने फेडएक्स (FedEx) को अपना अंतिम A300 सौंपा, जो A300/A310 उत्पादन श्रेणी के अंत का सूचक था। पूर्व-CEO क्रिस्टियन स्ट्रीफ़ के मार्गदर्शन में शुरु हुई अपनी पॉवर8 योजना के एक भाग के रूप में एयरबस का इरादा ट्युलाउज़ स्थित A320 अंतिम असेम्बली गतिविधि को हैम्बर्ग में पुनर्स्थापित करने और A350/A380 उत्पादन को विपरीत दिशा में रखने का है।[७८]
एयरबस ने 2003 में इसके सन्यास तक कौन्कौर्ड को प्रतिस्थापन पुर्ज़े और सेवायें प्रदान की। [७९][८०]
विमान | वर्णन | सीटें | अधिकतम | लॉन्च तारीख | 1 उड़ान | 1 डिलीवरी | उत्पादन स्थगन |
---|---|---|---|---|---|---|---|
A300 | 2 इंजन, ट्विन आइल | 228-254 | 361 | मई 1969 | 28 अक्टूबर 1972 | मई 1974 एयर फ्रांस |
27 मार्च 2007 |
A310 | 2 इंजन, ट्विन आइल, A300 संशोधित | 187 | 279 | जुलाई 1978 | 3 अप्रैल 1982 | दिसंबर 1985 एयर ऐल्जीरीअ |
27 मार्च 2007 |
A318 | 2 इंजन, एक आइल, A320 से 6.17 मीटर छोटा | 107 | 117 | अप्रैल 1999 | 15 जनवरी 2002 | अक्टूबर 2003 सीमांत एयरलाइंस |
|
A319 | 2 इंजन, एक आइल, A320 से 3.77 मीटर छोटा | 124 | 156 | जून 1993 | 25 अगस्त 1995 | अप्रैल 1996 स्विस्सैर |
|
A320 | 2 इंजन, एक आइल | 150 | 180 | मार्च 1984 | 22 फ़रवरी 1987 | मार्च 1988 एयर इंटर |
|
A321 | 2 इंजन, एक आइल, A320 से 6.94 मीटर लम्बा | 185 | 220 | नवम्बर 1989 | 11 मार्च 1993 | जनवरी 1994 लुफ्थांसा |
|
A330 | 2 इंजन, ट्विन आइल | 253-295 | 406-440 | जून 1987 | 2 नवम्बर 1992 | दिसंबर 1993 एयर इंटर |
|
A340 | 4 इंजन, ट्विन आइल | 239-380 | 420-440 | जून 1987 | 25 अक्टूबर 1991 | जनवरी 1993 एयर फ्रांस |
A340-200 & 300: सितम्बर 2008 |
A350 | 2 इंजन, ट्विन आइल | 270-350 | align="center" | दिसंबर 2006 | 2011 की उम्मीद | मध्य 2013 क़तर |
|
A380 | 4 इंजन, डबल डेक, ट्विन आइल | 555 | 853 | 2002 | 27 अप्रैल 2005 | 15 अक्टूबर 2007 सिंगापुर एयरलाइंस |
सैन्य उत्पाद
1990 के दशक के अंत में सैन्य विमानन बाज़ार में विकास और विक्रय करने में एयरबस की रुचि बढ़ गई। सैन्य वायुयान बाज़ार में विस्तार वांछित है क्योंकि ऐसा करना नागरिक विमानन उद्योग में गिरावट के प्रति एयरबस के ऋण जोखिम को कम कर देता है। इसने विकास के दो मुख्य क्षेत्रों में कार्य प्रारंभ किया: एयरबस A310 MRTT और एयरबस A330 MRTT के साथ हवा में ही इंधन भरना और A400M के साथ सामरिक हवाई परिवहन.
जनवरी 1999 में एयरबस ने टर्बोप्रॉप-चालित एक सामरिक परिवहन विमान, एयरबस मिलिटरी A400M, का विकास और उत्पादन प्रारंभ करने के लिये एयरबस मिलिटरी SAS नामक एक पृथक कम्पनी की स्थापना की। [८१][८२] A400M का विकास विभिन्न NATO सदस्यों, बेल्जियम, फ़्रांस, जर्मनी, लक्ज़ेम्बर्ग, स्पेन, तुर्की और UK द्वारा सामरिक हवाई परिवहन क्षमता के लिये यूक्रेनी एन्टोनोव An-124[८३] और अमरीकी C-130 हर्क्यूलस जैसे विदेशी विमानों पर आश्रित रहने के विकल्प के रूप में किया जा रहा है।[८४][८५] A400M परियोजना में कई बार विलंब हुआ है;[८६][८७] एयरबस ने सरकारी अनुदान न दिये जाने पर विकास को रद्द करने की धमकी दी है।[८८][८९]
2008 में पाकिस्तान ने एयरबस A310 MRTT के लिये एक ऑर्डर दिया है, जो एक वर्तमान हवाई ढ़ांचे का रूपांतरण होगा क्योंकि बुनियादी मॉडल A310 का उत्पादन अब बंद कर दिया गया है।[९०] 25 फ़रवरी 2008 को यह घोषणा की गई कि एयरबस ने संयुक्त अरब अमीरात से हवा में ईंधन भरनेवाले तीन मल्टि-रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (MRTT) वायुयानों, जो A330 यात्री जेटों से अनुकूलित किये गए हैं, का ऑर्डर जीता है।[९१] लेकिन 1 मार्च 2008 को यह घोषित किया गया कि एयरबस और नॉर्थ्रोप ग्रुमन के एक संघ ने USAF के लिये उड़ान के दौरान ईंधन भरनेवाले एक विमान KC-45A, MRTT का अमरीका में निर्मित संस्करण, के निर्माण की $35 बिलियन का अनुबंध प्राप्त किया है।[९२] इस निर्णय के कारण बोइंग ने एक औपचारिक शिकायत दर्ज़ कराई,[९३][९४] और नए सिरे से नीलामी प्रारंभ करने के लिये KC-X अनुबंध निरस्त कर दिया। [९५][९६]
बोइंग के साथ प्रतियोगिता
वायुयानों के लिये ऑर्डर पाने हेतु हर साल एयरबस की बोइंग से कड़ी प्रतियोगिता होती है। हालांकि दोनों उत्पादकों के पास एकल-गलियारे से लेकर व्यापक ढांचे तक विभिन्न खण्डों में व्यापक उत्पाद श्रेणी है, लेकिन उनके वायुयान सदैव ही प्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धा नहीं करते. इसकी बजाय वे मांग में किसी छिद्र का लाभ उठाने और बेहतर बढ़त पाने के लिये एक दूसरे से थोड़े बड़े या थोड़े छोटे मॉडल प्रस्तुत करके प्रतिकिया देते है। उदाहरण के लिये, A380 को 747 से भी बड़ा बनाया गया है। A350 XWB का मुक़ाबला 787 के उच्च संसकरण और 777 के निम्न संस्करण से है। A320, 737-700 से बड़ा, लेकिन 737-800 से छोटा है। A321, 737-900 से बड़ा है, लेकिन पिछले 757-200 से छोटा है। एयरलाइनें इसे एक लाभ के रूप में देखती हैं क्योंकि उन्हें 100 सीटों से लेकर 500 सीटों तक एक अधिक पूर्ण उत्पाद श्रेणी प्राप्त होती है, जो कि न मिली होती, यदि दोनों कम्पनियों द्वारा एक समान हवाई जहाज़ बनाए जाते.
हाल के वर्षों में बोइंग 777 की बिक्री एयरबस के समकक्षों, जिनमें A340 परिवार और साथ ही A330-300 शामिल हैं, से ज़्यादा हुई है। छोटे A330-200 की प्रतिस्पर्धा 767 से है, जिसकी बिक्री हाल के वर्षों में अपने बोइंग समकक्ष से ज़्यादा हुई है। ऐसा अनुमान है कि बहुत बड़े वायुयानों के बाज़ार में एयरबस की हिस्सेदारी को बढ़ाते हुए A380 आगे बोइंग 747 की बिक्री में और कमी लाएगा, हालांकि A830 कार्यक्रम में बार-बार होने वाले विलंबों ने अनेक उपभोक्ताओं को पुनर्निर्मित 747-8 के बारे में विचार करने पर बाध्य कर दिया है।[९७] तेज़ी से बिक रहे बोइंग 787 का मुक़ाबला करने के लिये एक प्रतिस्पर्धी मॉडल का उत्पादन करने हेतु एयरलाइनों की ओर से बढ़ते दबाव के कारण एयरबस ने A350 XWB का प्रस्ताव भी दिया है।[९८][९९]
हाल के वर्षों में वायुयानों के 50 प्रतिशत से अधिक ऑर्डर एयरबस द्वारा प्राप्त किये जाने के साथ ही वर्तमान में लगभग 5,102 एयरबस हवाई जहाज़ सेवा में हैं। अभी भी सेवारत बोइंग विमानों की संख्या एयरबस की तुलना में तीन गुना अधिक है (अकेले बोइंग 737 सेवारत विमानों की संख्या ही 4,500 से अधिक है). हालांकि यह ऐतिहासिक सफलता का सूचक है- एयरबस ने आधुनिक एयरलाइनस बाज़ार में देर से प्रवेश किया था (1972 बनाम बोइंग के लिये 1958).
2003 और 2004 में एयरबस ने ऑर्डरों का एक बड़ा भाग जीता। 2005 में, एयरबस ने 1111 (शुद्ध 1055)[१००] ऑर्डर प्राप्त किये, जिसकी तुलना में प्रतिस्पर्धी बोइंग को 1029 (शुद्ध रूप से 1002) ऑर्डर मिले। [१०१] हालांकि, बोइंग ने मूल्य के अनुपात में 2005 के 55% ऑर्डर जीते; और अगले साल बोइंग ने दोनों ही मापदण्डों के अनुसार अधिक ऑर्डर जीते। 2006 में एयरबस ने प्राप्त ऑर्डरों की संख्या, 824, के संदर्भ में अपने पूरे 35 वर्षों के इतिहास में दूसरा सर्वश्रेष्ठ वर्ष प्राप्त किया, जो केवल पिछले वर्ष की तुलना में दूसरा था।[१०२]
ऑर्डर और वितरण
Competition between Airbus and Boeing
अनुदान पंक्तियां
एयरबस को "प्रारंभिक सहायता" और अन्य प्रकार की सरकारी सहायता दिये जाने का बोइंग ने लगातार विरोध किया है, जबकि एयरबस का तर्क है कि बोइंग को सैन्य और अनुसंधान अनुबंधों एवं कर-चोरी के द्वारा अवैध अनुदान प्राप्त होता है।[१०३]
जुलाई 2004 में बोइंग के सीईओ हैरी स्टोनसिफर ने एयरबस पर सरकारों से बड़े नागरिक वायुयान समर्थन के लिये अनुशासन प्रदान करनेवाले 1992 के द्विपक्षीय EU-US समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. एयरबस को अमरीकी और यूरोपीय सरकारों द्वारा प्रतिपूर्ति प्रारंभ निवेश (RLI) प्रदान किया जाता है, जिसे "प्रारंभिक सहायता" कहा जाता है, जिसमें धन को ब्याज और अनिश्चितकालीन रॉयल्टी के साथ लौटाया जाता है, लेकिन केवल तभी, जब वायुयान वाणिज्यिक रूप से सफल हुआ है।[१०४] एयरबस का दावा है कि यह प्रणाली 1992 के समझौते और WTO नियमों का पूरी तरह पालन करती है। यह समझौता कार्यक्रम की लागत के 33 प्रतिशत तक की पूर्ति सरकारी कर्ज़ों के द्वारा करने की अनुमति देता है, जिन्हें ब्याज और रॉयल्टी के साथ 17 वर्षों के भीतर पूरी तरह लौटाया जाना आवश्यक है। ये कर्ज़ न्यूनतम ब्याज दर पर लिये जाते हैं, जो कि सरकार से कर्ज़ लेने की लागत और 0.25% होती है, जो एयरबस द्वारा सरकार के समर्थन के बिना उपलब्ध बाज़ार दरों से कम है।[१०५] एयरबस का दावा है कि 1992 में EU-US समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद से, इसने यूरोपीय सरकारों को U.S.$6.7 बिलियन से अधिक चुका दिये हैं और यह इसे प्राप्त हुए कर्ज़ का 40% से अधिक है।
एयरबस का तर्क है कि दूसरे सबसे बड़े अमरीकी रक्षा संविदाकार, बोइंग, को दिये गए पोर्क बैरल सैन्य अनुबंध, जैसे बोइंग KC-767 सैन्य अनुबंध समझौते से जुड़ा विवाद, भी अनुदान का ही एक प्रभावी रूप है। बोइंग को दी जाने वाली बड़ी कर-राहतों, जिसे कुछ लोग 1992 के समझौते और WTO नियमों का उल्लंघन मानते हैं, के साथ ही NASA के माध्यम से अमरीकी सरकार का महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी विकास समर्थन भी बोइंग को महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान करता है। अपने हालिया उत्पादों, जैसे 787, में बोइंग को स्थानीय और राज्य सरकारों द्वारा प्रत्यक्ष आर्थिक समर्थन भी प्रदान किया गया है।[१०६]
जनवरी 2005 में, यूरोपियन यूनियन और संयुक्त राज्य अमरीका के व्यापार प्रतिनिधि, क्रमशः पीटर मैंडेल्सन और रॉबर्ट ज़ोएलिक, बढ़ते हुए तनावों को सुलझाने पर लक्ष्यित वार्ता के लिये सहमत हुए हैं।[१०७][१०८] ये वार्ता सफल नहीं रही, जिससे विवाद किसी समझौते पर पहुंचने की बजाय अधिक उग्र होता जा रहा है।[१०९]
अंतरराष्ट्रीय उत्पादन उपस्थिति
एयरबस द्वारा एयरबस A400M श्रृंखला के लिये प्रयोग की जाने वाली अंतिम असेम्बली पंक्तियां ट्युलाउज़, फ़्रांस, हैम्बर्ग, जर्मनी, सेविल, स्पेन में और A320 श्रृंखला के लिये तियान्जिन, चीन में हैं।
हालांकि यूरोप के विभिन्न स्थानों पर बोइंग के अनेक अन्य संयंत्र हैं, जो एक संघ के रूप में इसकी स्थापना को प्रतिबिम्बित करते हैं। एयरबस हवाई जहाज़ के विमानकबन्ध के सभी भागों के परिवहन में सक्षम होने के लिये विशेष रूप से विस्तारित जेट विमानों "बेलुगा" का प्रयोग करना विभिन्न कारखानों और असेम्बली संयंत्रों के बीच हवाई जहाज़ के भागों के आवागमन की समस्या का मूल समाधान है।[११०] यह समाधान बोइंग द्वारा भी खोजा जा रहा है, जिसने 787 के घटकों के परिवहन के लिये अपने 747 विमानों में से 3 को पुनर्रचित किया है। इस योजना का एक अपवाद A380 है, जिसके विमानकबन्ध और पंख इतने ज़्यादा बड़े हैं[१११] कि बेलुगा द्वारा उनका परिवहन नहीं किया जा सकता. A380 के बड़े भाग जहाज़ के द्वारा बोर्डोक्स तक लाए जाते हैं और यहां से उनका परिवहन विशेष रूप से चौड़ी की गई एक सड़क द्वारा ट्युलाउज़ असेम्बली संयंत्र तक किया जाता है।
हवाई जहाज़ों की बिक्री और आपूर्ति दोनों के संदर्भ में उत्तरी अमरीका एयरबस के लिये एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। संपूर्ण विश्व में एयरबस द्वारा बेचे गए कुल लगभग 5,300 जेट विमानों में से 2,000, जिनमें 107 सीटों वाले A318 से लेकर 565-यात्रियों वाले A380 तक एयरबस की उत्पाद पंक्ति से प्रत्येक वायुयान शामिल है, के लिये ऑर्डर उत्तरी अमरीका के उपभोक्ताओं ने दिये हैं। एयरबस के अनुसार, अमरीकी निविदाकारों ने, अनुमानित 120,000 नौकरियों को समर्थन देते हुए, लगभग $5.5 बिलियन (2003) का व्यापार किया।p उदाहरण के लिये, A380 के एक संस्करण के पास कार्य भाग मूल्य के संदर्भ में अमरीकी सामग्री का 51% भाग है। KC-45A, A330-200MRTT और A330-200F के उत्पादन के लिये मोबाइल, अल्बामा में एक संयंत्र का निर्माण किया जाएगा.[११२]
अपनी A320 श्रृंखला के विमानों के लिये एयरबस ने 2009 में तियान्जिन, जनवादी चीन गणराज्य में एक असेम्बली संयंत्र की शुरुआत की। [११३][११४][११५] जुलाइ 2009 में एयरबस ने पुर्ज़ों के उत्पादन के लिये हर्बिन, चीन में $350 मिलियन के एक संयंत्र का निर्माण कार्य प्रारंभ किया, जिसमें 1,000 लोगों को रोज़गार दिया जाएगा.[११६][११७][११८] 2010 के अंत में संचालित होने के लिये अनुसूचित 30,000 वर्गमीटर का यह संयंत्र संयोजित पुर्ज़ों का उत्पादन और A350 XWB, A320 श्रेणियों और भावी एयरबस कार्यक्रमों के लिये संयोजित कार्य-संकुलों को एकत्रित करेगा। हार्बिन एयरक्राफ़्ट इंडस्ट्री ग्रुप कॉर्पोरेशन, हाफेई एवियेशन इंडस्ट्री कम्पनी लिमिटेड, एविचाइना इंडस्ट्री एंड टेक्नोलॉजी कम्पनी और अन्य चीनी साझेदारों के पास इस संयंत्र की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि एयरबस द्वारा शेष 20% का नियंत्रण किया जाता है।[११९]
पर्यावरणीय रिकॉर्ड
तेल पर निर्भरता और प्रदूषण को घटाने के एक प्रयास में एयरबस हनीवेल और जेटब्ल्यू एयरवेज़ के साथ हाथ मिलाया है। साथ मिलकर वे एक जैव-इंधन को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसका प्रयोग 2030 से किया जा सकेगा। इन कम्पनियों का अनुमान है के वे विश्व में हवाई इंधन की कुल आवश्यकता के लगभग एक तिहाई की पूर्ति कर सकते हैं। एक ऐसे जैव-ईंधन का निर्माण करना प्रस्तावित है, जो खाद्य संसाधनों को प्रभावित नहीं करेगा। शैवाल एक संभावित विकल्प हो सकता है क्योंकि यह कार्बन डाइ ऑक्साइड को अवशोषित करता है और यह खाद्य उत्पादन को प्रभावित नहीं करेगा। हालांकि, शैवाल और अन्य वनस्पतियों पर अभी केवल प्रयोग किया जा रहा है और शैवाल का विकास करना खर्चीला है।[१२०] एयरबस ने हाल ही में वैकल्पिक ईंधन के साथ अपनी पहली उड़ान भरी थी। इसे एक इंजन में 60 प्रतिशत केरोसीन और 40 प्रतिशत गैस-से-द्रव (GTL) ईंधन पर चलाया गया। इसने कार्बन के उत्सर्जन में कमी नहीं की, लेकिन यह सल्फ़र के उत्सर्जन से मुक्त था।[१२१] वैकल्पिक ईंधन एयरबस हवाई जहाज़ के इंजन में अच्छी तरह कार्य कर पाने में सक्षम था, अतः वैकल्पिक ईंधन के प्रयोग के लिये एक नए वायुयान इंजन की आवश्यकता की संभावना नहीं है। इस उड़ान और कम्पनी के लंबी अवधि के प्रयासों को वातावरण के प्रति मैत्रीपूर्ण वायुयानों की ओर एक बड़ी छलांग माना जाता है।[१२१]
रोजगार के आंकड़े
साइटों के कर्मचारी
एयरबस साइट¹ | देश | कर्मचारी |
---|---|---|
ट्युलाउज़ (ट्युलाउज़, कोलोमिएर्स, ब्लैगनैक) |
फ़्रांस | 16,992 |
हैम्बर्ग (फिन्केंवर्डर, स्टेड, बुक्स्टेहुड) |
जर्मनी | 13,420 |
ब्रौघ्टन, फ्लिंटशायर, वेल्स | UK | 5,031 |
ब्रिस्टल (फिल्टन), इंग्लैंड | UK | 4,642 |
ब्रेमेन | जर्मनी | 3,330 |
मैड्रिड (गेटाफे, इल्लेस्कास) | स्पेन | 2,484 |
सेंट-नाज़िर | फ़्रांस | 2,387 |
नौर्डेनहैम | जर्मनी | 2,086 |
नान्टेस | फ़्रांस | 1,996 |
अल्बर्ट (मीऑल्टे) | फ़्रांस | 1,288 |
वरेल | जर्मनी | 1,191 |
लौफीम | जर्मनी | 1,116 |
काडीज़ (पुएर्टो रीयल) | स्पेन | 448 |
वॉशिंगटन, डी.सी. (हार्नडॉन, ऐश्बर्न) | USA | 422 |
बीजिंग | PRC | 150 |
विचिटा | USA | 200 |
मोबाइल, अलबामा | USA | 150 |
मियामी (मियामी स्प्रिंग्स) | USA | ? |
सेविला | स्पेन | ? |
मास्को | रूस | ? |
टियांजिन | PRC | नियोजन |
हार्बिन | PRC | 1000 (2010 के अंत में) |
बंगलूर | इंडिया | 120 |
कुल | 56,966+ |
(31 दिसम्बर 2006 के तिथि के रूप में)
शहरी/महानगरीय क्षेत्र के नाम पहले आते है, उसके बाद कोष्टक में पौधों की सटीक स्थान हैं
एयरबस विमान संख्यांकन प्रणाली
एयरबस संख्यांकन प्रणाली में एक वर्णमाला अंकीय मॉडल क्रमांक होता है, जिसके बाद एक डैश चिन्ह और तीन अंकों की एक संख्या होती है।[१२२]
मॉडल संख्या का स्वरूप एक वर्ण "A", उसके बाद '3', एक संख्या और उसके बाद सामान्यतः एक '0' (केवल A318, A319, A321 and A400M के अतिरिक्त) के रूप में होता है, उदा. A320. बाद में आने वाली तीन अंकों की संख्या क्रमशः हवाई जहाज़ की श्रृंखला, इंजन का उत्पादक और इंजन की संस्करण संख्या बताती है। एक उदाहरण के रूप में किसी A320-200 का प्रयोग इंटरनैशनल एरो इंजन्स (IAE) V2500-A1 इंजन के साथ करने हेतु; श्रेणी 200 के लिये कोड 2, IAE के लिये 3 और इंजन संस्करण 1 है, इस प्रकार हवाई जहाज़ की संख्या A320-231 है।
कभी-कभी एक अतिरिक्त वर्ण का प्रयोग किया जाता है। इनमें संयोजन संस्करण (यात्री/मालवाहक) के लिये 'C', मालवाहक के लिये 'F', लंबी श्रेणी के मॉडल के लिये 'R' और उन्नत संस्करण के लिये 'X' शामिल हैं।
इंजन कोड
कोड | विनिर्माण कंपनी |
---|---|
0 | जेनरल इलेक्ट्रिक (GE) |
1 | CFM इंटरनेशनल (GE/SNECMA) |
2 | प्रैट और व्हिटनी (P&W) |
3 | इंटरनैशनल एरो इन्जंस (R-R, P&W, कावासाकी, मित्सुबिशी, and इशिकअवाज़िमा-हरिमा) |
4 | रोल्स रॉयस (R-R) |
6 | इंजन एलायंस (GE and P&W) |
इन्हें भी देखें
- बोइंग
- एयरबस अफेयर - एयर कनाडा के समझौते पर चल रहे विवाद
- बोइंग व्यावसायिक हवाई जहाज
- ब़ोमबौर्डियर एयरोस्पेस
- एयरबस और बोइंग के बीच प्रतियोगिता
- एम्ब्राएर
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
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- ↑ "एयरबस A380 उड्डयन इतिहास रचने के बाद जमीन पर उतरी." स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। USA टुडे. 27 अप्रैल 2005. 28 अप्रैल 2005 को नवीनीकरण हुआ। 12 फ़रवरी 2010 को पुनःप्राप्त.
- ↑ "संपर्क स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।." एयरबस. 12 फ़रवरी 2010 को पुनःप्राप्त.
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- ↑ इस तक ऊपर जायें: अ आ इ ई साँचा:cite book
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- ↑ "फ्लाइंग विदाउट फ्रिल्स" हॉकर सिड्ले विमानन, द टाइम्स, शुक्रवार, फ़रवरी 13, 1959; पृष्ठ. 5
- ↑ इस तक ऊपर जायें: अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ साँचा:cite news
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अमान्य टैग है; "awst formation" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ फ्रौले, जेराल्ड. "एयरबस A330-200". "एयरबस A330-300". द इंटरनैशनल डाइरेक्ट्री ऑफ़ सिविल एयरक्राफ्ट, 2003/2004 . एयरोस्पेस प्रकाशन, 2003. ISBN 1-875671-58-7.
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