उपबौना तारा

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तारों की श्रेणियाँ दिखने वाला हर्ट्ज़स्प्रुंग-रसल चित्र

उपबौना तारा ऐसा तारा होता है जो मुख्य अनुक्रम के बौने तारों से तो धीमी चमक रखता हो। यर्कीज़ वर्णक्रम श्रेणीकरण में इसकी चमक की श्रेणी "VI" होती है। इनका निरपेक्ष कांतिमान (चमक) -१.५ से -२ मैग्निट्यूड का होता है।

अन्य भाषाओँ में

"उपबौने तारे" को अंग्रेज़ी में "सबड्वार्फ़ स्टार" (subdwarf star) कहा जाता है।

ठन्डे उपबौने तारे

मुख्य अनुक्रम के आम बौने तारों की तरह, ठन्डे उपबौने तारे अपनी उर्जा हाइड्रोजन गैस के नाभिकीय संलयन (न्यूक्लीयर फ्यूज़न) से बनाते है। इनकी चमक साधारण बौने तारों से कम इसलिए होती है के इनमें बौने तारों से कम धातुएँ होती हैं। तारों के वातावरण में धातुएँ प्रकाश के लिए बाधा बनती हैं जिस से तारे में प्रकाश का अंदरूनी दबाव बढ़ जाता है और तारे को फुलाकर उसे थोड़ा ठंडा कर देता है। उपबौने तारों में कम धातुओं की वजह से ऐसा नहीं होता - यह तारे इसलिए बिना फूले होते हैं जिस से यह ज़्यादा गरम और कम आकार के होते हैं। साधारण बौने तारों की तुलना में इनसे पराबैंगनी (अल्ट्रावायोलॅट) प्रकाश भी अधिक निकलता है।

गरम उपबौने तारे

यह तारे ठन्डे उपबौने तारों से बिलकुल भिन्न होते हैं। गरम उपबौने तारे दो तरीक़ों से बन सकते हैं -

  • अगर किसी लाल दानव तारे की बाहरी हाइड्रोजन किसी वजह से उस तारे से छिन्न जाए। ऐसा द्वितारा मंडलों में देखा जाता है, जब किसी लाल दानव का साथी उसकी बाहरी हाइड्रोजन अपने गुरुत्वाकर्षण से खीच कर अलग कर दे।
  • अगर दो सफ़ेद बौने तारे टकराकर एक दुसरे से विलय कर ले और एक ही तारा बन जाएँ।

गरम उपबौने तारे अक्सर गोल तारागुच्छों में और अंडाकार आकाशगंगाओं में पाए जाते हैं।

इन्हें भी देखें