उद्धव भराली

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
उद्धव भराली
जन्म उत्तर लखीमपुर
आवास कोमोला बोरिया पथ, उत्तर लखीमपुर
नागरिकता भारतीय
क्षेत्र भौतिकी
शिक्षा जोरहाट इंजीनियरिंग कॉलेज़
प्रसिद्धि १०० से ज्यादा यन्त्रों के अन्वेषक
उल्लेखनीय सम्मान नासा का क्रियेट द फ्यूचर डिज़ाइन मे दूसरा पुरस्कार, राजीव गांधी लीडरशिप पुरस्कार,
'मशीन मेन' उपाधी, राष्ट्रीय एकता सम्मान
सृष्टी सम्मान, राष्ट्रपति ग्रासरूट इनोवेशन पुरस्कार

स्क्रिप्ट त्रुटि: "check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

उद्धव भराली असम के लखिमपुर जिले के एक विज्ञानी और अभियन्ता है।[१] सन २०१२ के जुलाई महीने के ५ तारीख को[२] भराली को उनके द्वारा आविष्कृत अनार के बीज निकालने वाले यंत्र के लिए नासा द्वारा अयोजित क्रियेट द फ्यूचर डिज़ाइन प्रतियोगिता में दूसरे स्थान के लिये निर्वाचित किया गया।[३] उद्धव के पास ३९ आविष्कारो का पेटेन्ट है।[४] उन्होने लगभग ९८ यन्त्र उद्भावन किए हैं।[५] सन १९८८ में उन्होने कम खर्चे में पोलिथिन निर्मान करने की मशीन बनाई। वे वार्ल्ड तेक्नोलोजी एवार्द के लिए भी मनोनित हुए था।[६]

प्रारम्भिक जीवन

उद्धव भराली का जन्म एक साधारण व्यवसायी के घर लखिमपुर जिले के उत्तर लखीमपुर नगर में हुआ था। उन्होने लखिमपुर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से स्कूली शिक्षा समाप्त की। स्कूल में उनको दो बार डबल प्रमोशन मिला था। उन्होने जोरहाट अभियान्त्रिक महाविद्यालय से यान्त्रिक अभियान्त्रिक विद्या क अध्ययन किया। पर पैसो के कमी के कारण उन्हे बीच में ही छोड़ना परा।[१] फिर वे चेन्नई के इन्स्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियर्स गए, लेकिन पिता के मृत्यु के कारण उन्हे वो भी आधे में छोड़ना पड़ा।[७]

अवदान

घर की आर्थिक दुरवस्था और बैंक का ऋण दूर करने के लिए भराली ने १९८८ में कम खर्चे में एक पोलिथिन बनाने वाली मशीन बनाई।[१] उसके बाद ही उद्धव ने एक के बाद एक कई अन्वेषण किए। उनके अन्वेषण ग्राम्य जीवन और व्यवसाय के लिए बहुत लाभदायक थे, लेकिन इन्हे आगे बढाने वाला कोई ना था। २००५ में अहमदाबाद के नेशनल इनोवेशन फाउन्डेशन की नजर उद्धव पर पड़ी। २००६ में यह बात सिद्ध हो गई कि उनका अनार के बीज़ निकालने वाला यन्त्र विश्व में अनोखा है और अमरीका की संस्था नासा के क्रियेट द फ्यूचर डिज़ाइन प्रतियोगिता में उनको द्वितीय स्थान मिला। उनके नाम ३९ पेटेन्ट है और आज तक उन्होने ९८ अन्वेषण किए हैं। उनके अन्य कुछ उल्लेखनीय यन्त्र है सुपारी व अदरक के छिल्के निकालने वाला यंत्र, चाय के पत्तो को निकालने वाला यंत्र आदि।[५]

पुरस्कार और सम्मान

उन्हें मिले कई पुरस्कारो में कुछ उल्लेखनीय है,

  • राष्ट्रीय अन्वेषण संस्था का सृष्टि सम्मान (२००७)
  • अन्वेषण के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार (२००९)
  • विज्ञान प्रयुक्ति विद्या मन्त्रालय से मेरिटोरियस इनोवेशन पुरस्कार (२०११)
  • नासा का क्रियेट द फ्यूचर डिज़ाइन का द्वितीय पुरस्कार[६][८][८] आदि

बाहरी कड़ियाँ

तथ्य सूत्र