उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय
उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय | |
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आदर्श वाक्य: | "एक को पढ़ाओ हरेक को पढ़ाओ" |
स्थापित | १९८९ |
प्रकार: | सार्वजनिक |
कुलाधिपति: | एस.सी. ज़मीर |
कुलपति: | डॉ॰ के. बी. पाटिल |
अवस्थिति: | जलगाँव, महाराष्ट्र, भारत |
परिसर: | ग्रामीण |
सम्बन्धन: | यू॰जी॰सी |
जालपृष्ठ: | www.nmu.ac.in |
उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय भारत के सबसे आशाजनक आगामी विश्वविद्यालयों में से एक है। यह विश्वविद्यालय पहले पुणे विश्वविद्यालय का भाग था, लेकिन यह उससे विलग हो गया और १५ अगस्त, १९८९ को इसकी स्थापना की गई। ४०४ एकड़ में फैला इसका प्राणंग बहुत विशाल और सुंदर बनाया गया है। विश्वविद्यालय प्राणंग में मिट्टी की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कार्यकरम चलाया गया है।
यहाँ छः स्नातकोत्तर विभाग हैं: रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणितीय विज्ञान और तुलनात्मक भाषाएँ जिनके विभिन्न अनुभाग हैं: रसायन प्रौद्योगिकी, प्रबंधन शिक्षा, संगणक विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान जो विश्वविद्यालय प्राणंग में ही स्थित हैं। इस सभी विभागों और अनुभागों की अध्यापक-मंडली अनुभवी है और सभी देश के प्रतिष्ठित संस्थानों और उद्योगों से आते हैं। वर्तमान में अध्यापक-मंडली की संख्या ६२ है।
शैक्षणिक
विश्वविद्यालय निम्नलिखित शैक्षणिक विभागों में विभाजित है:
विभाग
- भौतिक विज्ञान विभाग
- पदार्थ विज्ञान : - विज्ञानाचार्य (एम एससी), डॉक्टरेट (पीएच डी)
- ऊर्जा विज्ञान : - विज्ञानाचार्य (एम एससी), डॉक्टरेट (पीएच डी)
- इलेक्ट्रॉनिक्स : - विज्ञानाचार्य (एम एससी), डॉक्टरेट (पीएच डी)
- रसायन विज्ञान विभाग
- जीवनशास्त्र विज्ञान विभाग
- गणितीय विज्ञान विभाग
- पर्यावरण विज्ञान विभाग
अनुभाग
- रसायन प्रैद्योगिकी अनुभाग
- संगणक विज्ञान अनुभाग
- प्रबंधन शिक्षा अनुभाग
- सूचना प्रौद्योगिकी अनुभाग
- तुलनात्मक भाषाएँ एवं साहित्य
- पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान
उमवि में और आसपास कुछ और नए विभागों का विकास किया जा रहा है।