अपर्णा पोपट
Aparna Popat | |||||||||||||||||||||||||
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व्यक्तिगत जानकारी | |||||||||||||||||||||||||
जन्म नाम | Aparna Lalji Popat | ||||||||||||||||||||||||
जन्म | साँचा:br separated entries | ||||||||||||||||||||||||
मृत्यु | साँचा:br separated entries | ||||||||||||||||||||||||
ऊँचाई | साँचा:convert | ||||||||||||||||||||||||
राष्ट्र | India | ||||||||||||||||||||||||
सक्रियता काल | 1989–2006 | ||||||||||||||||||||||||
हाथ का इस्तेमाल | Right | ||||||||||||||||||||||||
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उच्चतम वरीयता | 16 (1997)[१] | ||||||||||||||||||||||||
पदक अभिलेख
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बीडबल्युएफ प्रालेख |
अपर्णा पोपट (साँचा:lang-gu; जन्म: 18 जनवरी 1978[२]) पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वह 1997 और 2006 के बीच सभी सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतने के साथ नौ बार भारत की राष्ट्रीय चैंपियन रही थीं।
प्रारंभिक जीवन
अपर्णा पोपट का जन्म 18 जनवरी 1978 को मुम्बई, महाराष्ट्र में लालजी पोपट और हीना पोपट के गुजराती परिवार में हुआ था। उन्होंने मुम्बई के जे. बी. पेटिट हाई स्कूल और बैंगलोर के माउंट कार्मेल कॉलेज से अपना प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स किया। अपर्णा के पास मुम्बई विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री भी है।[२]
प्रशिक्षण पृष्ठभूमि
अपर्णा ने 1986 में मुम्बई में बैडमिंटन खेलना शुरू किया। 8 साल की उम्र में वह कोचिंग के लिए अनिल प्रधान के पास पहुँची। राष्ट्रीय चैंपियन होने के नाते, उन्होंने खेल की कई चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में अपर्णा की मदद की।
1994 में, उन्होंने अपनी क्षमताओं का और विस्तार करने के लिए बैंगलोर में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में दाखिला ले लिया।[२] पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन, प्रकाश पादुकोण के तहत प्रशिक्षण लेने पर, उन्होंने अपनी फिटनेस का निर्माण किया और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी होने के लिए तकनीकों को सीखा।
2002 में वह बैंगलोर के केंगेरी स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण के प्रशिक्षण केंद्र में स्थानांतरित हो गईं, जहाँ उन्होंने कोच गंगुला प्रसाद से खेल की बारीकियाँ सीखीं।
करियर
अपर्णा ने 1997 में हैदराबाद में अपना पहला वरिष्ठ राष्ट्रीय खिताब जीता। 2006 तक उन्होंने सारे वरिष्ठ राष्ट्रीय खिताब जीते, जिससे उन्होंने प्रकाश पादुकोण के लगातार नौ राष्ट्रीय एकल खिताब जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी की।[३]
उन्होंने जनवरी 2006 में बेंगलुरु में 15 वर्षीय साइना नेहवाल को हराने के बाद 27 साल की उम्र में नौ वरिष्ठ राष्ट्रीय खिताब में से आखिरी खिताब जीता था।[४]
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी उपलब्धियाँ रही हैं; 2 ओलंपिक खेलों और 1 एशियाई खेलों में प्रतिभागिता, 1996 में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में एक रजत पदक और 3 राष्ट्रमंडल खेलों में 4 पदक शामिल हैं।
उनकी कैरियर-उच्च विश्व रैंकिंग 16 रही।
संन्यास
17 साल तक पेशेवर बैडमिंटन के बाद, उन्होंने कलाई की चोट के कारण 2006 में खेल से संन्यास ले लिया। उनकी चोट बिना निदान के ही रहीं। वह नेशनल चैंपियनशिप में अपराजित रहीं।
वर्तमान में वह मुम्बई में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ कार्यरत हैं।