अनंगरंग
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अनंगरंग (अनंगरंग) , कल्याणमल्ल प्रणीत एक कामशास्त्रीय ग्रन्थ जिसमें मैथुन संबंधी आसनों का विवरणी है। ४२० श्लोकों एवं १० स्थल नामक अध्यायों में विभक्त यह ग्रन्थ 'भूपमुनि' के रूप में प्रसिद्ध कलाविदग्ध क्षत्रिय विद्वान कल्याणमल्ल द्वारा अपने घनिष्ठ मित्र लोदीवंशावतंस लाडखान के कौतुहल के लिये रची गयी थी। विश्व की विविध भाषाओं में इस ग्रन्थ के अनेक अनुवाद प्रकाशित हैं।
अध्याय
- प्रथमस्थलं - स्त्रीलक्षणं
- द्वितीय स्थलं - चन्द्रकल
- तृतीयस्थलं - शशमृगादिभेदं
- चतुर्त्थस्थलं - सामान्यधर्म्मं
- पंचस्थलं - देशनियम
- षष्ठस्थलं - विवाहाद्युद्देशं
- सप्तमस्थलं - बाह्यसंभोगविधानं
- अष्टमस्थलं - सुरतभेद
- नवमस्थलं -
- दशमस्थलं - वशीकरणादिकं