अंगिरस तारा

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सप्तर्षि तारामंडल में अंगिरस तारे (ε UMa) का स्थान

अंगिरस, जिसका बायर नामांकन "ऍप्सिलन अर्से मॅजोरिस" (ε UMa या ε Ursae Majoris) है, सप्तर्षि तारामंडल का सबसे रोशन तारा और पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में से ३३वाँ सब से रोशन तारा है। यह हमसे ८१ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) १.७६ है।

अन्य भाषाओं में

अंगिरस को अंग्रेज़ी में "ऐलियोथ" (Alioth) भी कहा जाता है। यह अरबी भाषा के "अल-अल्यत" (الإلية‎) से लिया गया है जिसका अर्थ "भेड़ की मोटी दुम" है।

वर्णन

अंगिरस एक A0pCr श्रेणी का उपदानव तारा है। इस श्रेणीकरण में 'p' का अर्थ "अजीब" ('peculiar', पेक्युलियर) है क्योंकि इस तारे से उभरने वाले प्रकाश का वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) बहुत विचित्र है। खगोलशास्त्रियों का मानना है कि एक तो इस तारे का चुम्बकीय क्षेत्र बहुत शक्तिशाली है जिस से इसके हाइड्रोजन इंधन में मिश्रित तत्व अलग हुए रहते हैं और दूसरा इसका घूर्णन अक्ष (ऐक्सिस) और चुम्बकीय अक्ष एक-दुसरे से अलग हैं जिस से इसके चुम्बकीय प्रभाव से अलग हुए तत्व भी उछलते रहते हैं। हर रासायनिक तत्व का वर्णक्रम अलग होता है और इस तारे में तत्वों कि उथल-पुथल का नतीजा यह है कि इसके प्रकाश का वर्णक्रम अजीब है और हर ५.१ दिनों के अंतराल में बदलता रहता है।[१] कुछ अन्य अध्ययन से यह संकेत मिले हैं कि संभव है कि अंगिरस के इर्द-गिर्द एक बृहस्पति ग्रह का १४.७ गुना द्रव्यमान (मास) रखने वाला कोई गैस दानव इस तारे से ०.०५५ खगोलीय इकाईयों की दूरी पर इसकी परिक्रमा कर रहा है।

अंगिरस की निहित चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज की १०८ गुना है। इसका द्रव्यमान हमारे सूरज के द्रव्यमान का लगभग ३ गुना और व्यास हमारे सूरज के व्यास का ३.७ गुना है। इसका सतही तापमान ९,४०० कैल्विन अनुमानित किया गया है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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