अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला
अन्तरराष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (अ॰ध्व॰व॰) एक ऐसी लिपि है। जिसमें विश्व की सारी भाषाओं की ध्वनियाँ लिखी जा सकती हैं। इसके प्रत्येक अक्षर और उसकी ध्वनि का एक-से-एक का सम्बन्ध होता है। आरम्भ में इसके अधिकतर अक्षर रोमन लिपि से लिए गए थे, लेकिन जैसे-जैसे इसमें विश्व की बहुत सी भाषाओं की ध्वनियाँ जोड़ी जाने लगी तो बहुत से यूनानी लिपि से प्रेरित अक्षर लिए गए और कई बिलकुल ही नए अक्षरों का अविष्कार किया गया। इसमें सन् 2010 तक 160 से अधिक ध्वनियों के लिए चिह्न दर्ज किये जा चुके थे, किन्तु किसी भी एक भाषा को दर्शाने के लिए इस वर्णमाला के एक भाग की ही आवश्यकता होती है।
इस प्रणाली के ध्वन्यात्मक प्रतिलेखन (ट्रान्स्क्रिप्शन) में सूक्ष्म प्रतिलेखन [ ] के चिह्नों के बीच में और स्थूल प्रतिलेखन / / के चिन्हों के अन्दर लिखे जाते हैं। इसकी नियामक अन्तरराष्ट्रीय ध्वन्यात्मक संघ है। उदाहरण के लिये:
- अंग्रेजी : This is a webpage of wikipedia.
- अ॰ध॰व॰ लिप्यन्तरण : /'ðɪs ɪz ə 'wɛbpɛidʒ ʌv wɪkɪ'piːdiə/
- हिन्दी उच्चारण :द़िस् इज़् अ वेब्पेइज् अव़् विकिपीडिअ।
स्वर
स्वरों को कई तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है :
- जिह्वा की ऊँचाई की दृष्टि से :
- विवृत (खुला हुआ, यानि कि जीभ नीचे गिरी हुई है) / Open
- अर्धविवृत / half-open
- बीच का
- अर्धसंवृत / half-closed
- संवृत (अत्यन्त संकीर्ण, यानि कि जीभ मुँह की छत तक उठी हुई है) / closed
- जिह्वा का कौन हिस्सा उठा हुआ है :
- होंठों की स्थिति से :
- प्रसृत (खुले होंठ) / unrounded
- वर्तुल (गोलाकार होंठ) / rounded
- अर्ध-वर्तुल / semi-rounded
- मात्रा की दृष्टि से :
- ह्रस्व / short
- दीर्घ / long
- प्लुत / very long
नीचे दी गयी तालिका में सभी भाषाओं के स्वरों का वैज्ञानिक वर्गीकरण और उनके IPA वर्णाक्षर दिये गये हैं :
अग्रस्वर | लगभग अग्रस्वर | मध्यस्वर | लगभग पश्वस्वर | पश्वस्वर | ||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | |
संवृत | i | y | ɨ | ʉ | ɯ | u | ||||
लगभग संवृत | ɪ | ʏ | ʊ | |||||||
अर्धसंवृत | e | ø | ɘ | ɵ | ɤ | o | ||||
बीच का | Schwa: ə | |||||||||
अर्धविवृत | ɛ | œ | ɜ | ɞ | ʌ | ɔ | ||||
लगभग विवृत | æ | ɐ | ||||||||
विवृत | a | ɶ | ɑ | ɒ |
जिस स्वर पर बलाघात लगता है, उसके शब्दांश के पहले एक << ' >> का निशान लगा दिया जाता है। जिस स्वर में नासिकीकरण होता है, उसके ऊपर टिल्ड << ~ >> का निशान लगा दिया जाता है। दीर्घ स्वरों के बाद ː का निशान लगाया जाता है।
व्यंजन
इस तालिका में सभी भाषाओं के व्यंजन दिये गये हैं, उनके IPA वर्णाक्षरों के साथ।
द्वयोष्ठ्य (Bilabial) |
दन्त्यौष्ठ्य (Labio-dental) |
दन्त्य (Dental) |
वर्त्स्य (Alveolar) |
पश्वर्त्स्य (Post-alveolar) |
मूर्धन्य (Retroflex) |
तालव्य (Palatal) |
कण्ठ्य (Velar) |
अलिजिह्वीय (Uvular) |
उपालिजिह्वीय (Pharyngeal) |
कण्ठच्छदीय (Epiglottal) |
काकलीय (Glottal) | |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
स्पर्श (Plosive) |
p b | t d | ʈ ɖ | c ɟ | k g | q G | ʡ | ʔ | ||||
नासिक्य (Nasal) |
m | ɱ | n̥ n | ɳ | ɲ | ŋ | ɴ | |||||
लुण्ठित (Trill) |
B | r̥ r | ʀ | |||||||||
उत्क्षिप्त (Tap/Flap) |
ɾ̥ ɾ | ɽ | ||||||||||
संघर्षी (Fricative) |
ɸ β | f v | θ ð | s z | ʃ ʒ | ʂ ʐ | ç ʝ | x ɣ | χ ʁ | ħ ʕ | ʜ ʢ | h ɦ |
पार्श्विक संघर्षी (Lateral fricative) |
ɬ ɮ | |||||||||||
अन्तस्थ (Approximant) |
ʋ | ɹ̥ ɹ | ɻ | j | ɰ | |||||||
पार्श्विक अन्तस्थ (Lateral approximant) |
l̥ l | ɭ | ʎ | ʟ |
इस पृष्ठ में ध्वन्यात्मक चिह्न दिये गये हैं जो कुछ ब्राउज़र पर शायद ठीक से न दिखें। (सहायता)
जहाँ भी चिह्न जोड़ी में गिये गये हैं, वहाँ दाहिना चिह्न घोष व्यंजन के लिये है और बाएँ वाला अघोष व्यंजन के लिये। शेडेड क्षेत्र उन ध्वनियों के लिये हैं जो मानवों के लिए असम्भव मानी जाती हैं।
ध्यान दें कि महाप्राण ध्वनियों - जैसे ख, घ, फ, ध, आदि - के लिये उसके अल्पप्राण चिह्न के बाद ऊपर की ओर एक छोटा h का निशान लगाया जाता है, जैसे :
- ख / kʰ /
- भ / bʰ /
दन्त्य व्यंजन वर्त्स्य व्यंजनों से अलग दिखाने के लिये ऐसे लिखे जा सकते हैं :
- त / t̪ /
- द / d̪ /
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आईपीए के संगत हिन्दी/ऊर्दू वर्ण
सन्दर्भ
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ To an English ear, [t̪ t̪ʰ ʈ ʈʰ] all sound like /t/, and [d̪ d̪ʱ ɖ ɖʱ] all sound like /d/. However, to a Hindi-Urdu speaker's ear these are very different sounds. [t̪ d̪] are like Spanish or French [t d], with the tongue touching the teeth, and [t̪ʰ d̪] are how a Hindi-Urdu speaker hears English /θ ð/ (the th sounds). Hindi-Urdu [ʈ ɖ] are pronounced with the tongue further back, touching behind the teeth, and [ʈʰ ɖ] are how a Hindi-Urdu speaker hears English t d; [ʈ] is how they hear English t after s.
- ↑ [v], [w] and intermediate [साँचा:square bracket openlabiodental approximant|ʋ]]साँचा:yesno] are allophonic in Hindi-Urdu. Some words, such as vrat ('व्रत', fast), are pronounced with [v] and others, such as pakwan ('पकवान', food dish), are pronounced with [w].
- ↑ अ आ इ ई /iː, ɪ/ and /uː, ʊ/ are neutralized to [i, u] at the end of a word.
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- Devanagari, IPA and X-SAMPA mapping
- देवनागरी <=> आपीए परिवर्तक
- देवनागरी एवं आइपीए का परस्पर मानचित्रण (मैपिंग)
- Phonetic Transcription Converters (The phonetic converters are available for : Chinese, English, French, Italian, Japanese, Russian, Russian (stress marks), Spanish)
- आनलाइन जर्मन ==> आईपीए परिवर्तक
- संस्कृत को आईपीए में बदलने वाला पाइथन प्रोग्राम