अग्रस्वर

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जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा का आगे का भाग सक्रिय रहता है, उन्हें ‘अग्र स्वर’ कहते हैं। जैसे– अ, इ, ई, ए, ऐ।[१]

सन्दर्भ

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