१९७१ का बांग्लादेश का नरसंहार
1971 का बांग्लादेश का नरसंहार | |
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सम्बंधित: बांग्लादेश मुक्ति युद्ध | |
साँचा:px Rayerbazar killing field photographed immediately after the war started, showing bodies of Bengali nationalist intellectuals (Image courtesy: Rashid Talukdar, 1971) | |
स्थान | पूर्वी पाकिस्तान |
तिथि |
21 March – 16 December 1971 (साँचा:Age in months, weeks and days) |
लक्ष्य | बंगाली लोग |
हमले का प्रकार | Deportation, ethnic cleansing, mass murder, genocidal rape |
मृत्यु | Estimated between 300,000[१] to 3,000,000[२][३][४] |
अपराधी | साँचा:plainlist |
उद्देश्य | बंगाली-विरोधी भावना, हिन्दू-विरोधी भावना |
बांग्लादेश में यह नरसंहार 26 मार्च 1971 को ऑपरेशन सर्चलाइट के साथ शुरू हुआ। इस ऑपरेशन के द्वारा बंगालियों के आत्मनिर्णय के अधिकार की मांग को दबाने के लिए तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान पर सैनिक कार्र्वाई शुरू कर दी। इसके चलते पूर्वी बंगाल के लोगों ने मुक्ति संग्राम चलाया जिसे बर्बरतापूर्वक दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना और जमात-ए-इस्लामी के कट्टर इस्लामी लड़ाकों ने भयंकर नरसंहार किया। इसमें ३ लाख से ३० लाख तक अनुमानित संख्या में लोगों की नृशंश हत्या की गयी। इसके अलावा २ लाख से ४ लाख के बीच बंगाली महिलाओं के साथ बलात्कार किया। महिलाओं के विरुद्ध किए गए अपराधों को जमाते-इस्लामी का समर्थन प्राप्त था। जमात के नेताओं ने गोषणा की थी की बंगाली महिलाएँ 'सार्वजनिक सम्पत्ति' हैं। इस संघर्ष के कारण ८० लाख से १ करोड़ के बीच लोग बांग्लादेश से भागकर भारत की शरण में आ गए, जिनमें से अधिकांश हिन्दू थे। अनुमान है कि लगभग ३ करोड़ असैनिक लोग इस संघर्ष में विस्थापित हुए। इस दौरान बंगालियों और उर्दूभाषी बिहारियों के बीच भी हिंसा हुई।
सन्दर्भ
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- ↑ साँचा:cite web