हाफ गर्लफ्रेंड

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हाफ गर्लफ्रेंड (साँचा:lang-en) चेतन भगत द्वारा रचित अंग्रेज़ी उपन्यास है। 'हाफ गर्लफ्रैन्ड' भारत की उस नयी पीढी का उपन्यास हैं जो नये मूल्यों को अंगीकार कर वर्जनाओं को जीने में आनंद का अनुभव कर रही है। इसी पीढी में बिहार के डुमरांव के ठेठ गंवई वातावरण से आया हुआ माधव दिल्ली जैसे महानगर की देहरी पर आकर कान्वेन्ट एजुकेटेड लडकी रिया से टकरा जाता है। ....इस बार इस टकराहट का परिणाम वही परंपरागत सदियों पुराना नहीं होता जिसमें लडकी सबकुछ छोडकर हमेशा हमेशा के लिये लडके के साथ रहने चली जाती है। नयी पीढी की जीवन चर्या और उसकी सोच में आया बदलाव इसमें परिलक्षित होता है जब माधव के अश्लील अल्टीमेटम के बाद रिया उसके साथ इस शर्त के साथ संबंध बनाने देती है कि वह इस बात के लिये फिर कभी नहीं कहेगा।

समय बीतता है और रिया अपने बचपन के मित्र रोहन की पत्नी बनकर लंदन चली जाती है और महानगर से हारा हुआ बिहारी माधव भी लौटकर अपने प्रदेश चला जाता है। दिल्ली से अधूरे सपनों की कसक लिये गांव लौट आया माधव अब महानगर की चमक के साथ बिहार को गड्डमगड्ड करते हुये फिर कुछ नये सपने देखने लगता है जिसके केन्द्र में इस बार उसकी मां के द्वारा चलाया जा रहा स्कूल होता है। इसकी दशा सुधारने के लिये माधव स्थानीय एम एल ए ओझा जी से मिलता है लेकिन इस बार भी उसे ठोकर ही मिलती है। इसी बीच पता चलता है कि बिल गेट्स का दौरा बिहार में होने वाला है तो माधव नये सिरे से सारी उर्जा समेटता है और साठ सत्तर के दशक की पुरानी फिल्मी कहानियों की तरह संयोग से बिल गेट्स के कार्यक्रम के दौरान रिया पुनः माधव के संपर्क में आ जाती है और उसी नाटकीयता के साथ घोषणा भी करती है कि वह फेफडों के कैंसर से पीडित है और बस तीन महीने की मेहमान है।

पुनः गायिका बनने के लिये रिया का न्यूयार्क जाना और संगीत के कार्यक्रम करना तेजी से बदलते किसी फिल्म के दृष्य अधिक लगते हैं। इसी शीघ्रता से बदलते कथानक में माधव एक साल बाद न्यूयार्क जाकर देखता है कि रिया तो जीवित है और उसी टाइम्स स्क्वायर पर जाकर संगीत का कार्यक्रम कर रही है जहां हाल ही जाकर हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अमेरिका में बसे भारतीयों को संबोधित किया है।

समूची कहानी को पढकर सीधा सादा अर्थ निकाला जा सकता है कि यह उपन्यास चेतन भतन ने किसी फिल्मी प्लाट को मष्तिष्क में रखकर ही लिखा है।। [१] इसके अक्टूबर २०१४ में प्रकाशित होने की सम्भावना है।[२][३]

उपन्यास का ताना बाना

इस उपन्यास के कथानक को लेकर एक नवोदित लेखक जैनेन्द्र जिज्ञासु ने यह दावा किया है उनके उपन्यास पूरब का बेटा की कहानी को आधार बनाकर ही चेतन भगत ने इस उपन्यास का ताना बाना बुना है

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ