सुरेश ओबेरॉय
सुरेश ओबेरॉय | |
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जन्म |
शुरेश ओबेरॉय[१] 17 December 1946[२] क्वेटा, ब्रिटिश भारत[३] |
व्यवसाय | अभिनेता |
सुरेश ओबेरॉय हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनका जन्म 17 दिसम्बर 1946[२] को ब्रिटिश भारत के क्वेटा[३] (वर्तमान पाकिस्तान में) में 'विशाल कुमर ओबेरॉय'[१] नामसे एक हिन्दू खत्री परिवार में हुआ| भारत के विभाजन के बाद पिता आनंद सरूप ओबेरॉय व माता करतार देवी के साथ अमृतसर से होते हैदराबाद पहुंचे|
हिंदी फिल्म जगत में इन्होने चरित्र अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई है| इसका उदहारण फिल्म मिर्च मसाला में दिया, जिसपर इन्हें सन 1987 का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया|
ये रूमानी एवं दार्शनिक कविता (शायरी, उर्दू में) का पठन व लेखन में भी रुचि रखते है| यदि आप इनसे किसी पंक्ति कहने में चूके तो उसे सुधार, उसके लेखक का नाम भी बता देते है|[४] फिल्म यादों का मौसम का गीत "दिल में फिर तेरी यादों का मौसम" में गायिका अनुराधा पौडवाल के साथ कुछ पंक्तियाँ सुनाकर इसका परिचय दिया है|[५]
इसके अतिरिक्त मधुर व स्पष्ट स्वर के कारण ये कुछ एक कार्यक्रम व फिल्मों में सूत्रधार का भूमिका निभाये है| फ़िल्म अशोका (2001) के ये सूत्रधार थे| ज़ी टीवी कार्यक्रम 'जीना इसी का नाम है' के संचालक भी थे|
व्यक्तिगत जीवन
प्रमुख फिल्में
नामांकन और पुरस्कार
पुरस्कार | फ़िल्म | पात्र | वर्ष | स्थिति |
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* राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार | ||||
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | मिर्च मसाला | मुखी | 1987 | Won |
* फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार | ||||
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | घर एक मंदिर | रहीम | 1985 | साँचा:nom |
लावारिस | राम सिंह | 1982 | साँचा:nom | |
* बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन पुरस्कार | ||||
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | मिर्च मसाला | मुखी[६] | 1988 | Won |
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- ↑ अ आ साँचा:cite web
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- ↑ साँचा:citeweb
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