संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(सुरक्षा परिषद से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

स्क्रिप्ट त्रुटि: "labelled list hatnote" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
Emblem of the United Nations.svg
UN-Sicherheitsrat - UN Security Council - New York City - 2014 01 06.jpg
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का चैंबर, न्यूयॉर्क नगर
संक्षेपाक्षर UNSC
स्थापना साँचा:if empty
प्रकार प्रधान अंग
वैधानिक स्थिति सक्रिय
स्थान स्क्रिप्ट त्रुटि: "list" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
स्थान स्क्रिप्ट त्रुटि: "list" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
साँचा:longitem क्षेत्र साँचा:if empty
साँचा:longitem साँचा:collapsible list
साँचा:longitem साँचा:if empty
जालस्थल साँचा:url
साँचा:longitem साँचा:if empty

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है, जिसका उत्तरदायित्व है अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा बनाए रखना। परिषद को अनिवार्य निर्णयों को घोषित करने का अधिकार भी है। ऐसे किसी निर्णय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव कहा जाता है। इसे विश्व का सिपाही भी कहते है क्योंकि वैश्विक शान्ति और सुरक्षा का उत्तरदायित्व इसी के पास में है

सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य है: पाँच स्थायी और दस अस्थायी (प्रत्येक 2 वर्ष के लिए). पाँच स्थायी सदस्य हैं चीन, फ़्रांस, रूस, ग्रेट ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका । इन पाँच देशो को कार्यविधि मामलों में तो नहीं पर विधिवत मामलों में प्रतिनिषेध शक्ति है। बाकी के दस सदस्य क्षेत्रीय आधार के अनुसार दो साल की अवधि के लिए सामान्य सभा द्वारा चुने जाते है। सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के छह अंग होते हैं: 1.सुरक्षा परिषद् 2.अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय 3.महासभा 4.सचिवालय 5.आर्थिक और सामाजिक परिषद् 6.न्यायसिता परिषद्

सदस्य

हर वक्त परिषद के किसी सदस्य को संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में होना आवश्यक है।

अन्तरराष्ट्रीय कानून द्वारा केवल सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी सदस्यों की नाभिकीय योग्यताएँ अनुमोदित हैं। इन सदस्यों को प्रतिनिषेध शक्ति भी दी गई है। इसका मतलब है कि सुरक्षा परिषद के बहुमत द्वारा स्वीकृत कोई भी प्रस्ताव इन पाँच में से किसी भी एक के असहमत होने पर उस प्रस्ताव का पारण रोका जा सक्ता है।

सुरक्षा परिषद के बाकी के दस सदस्य दो वर्ष की अवधि के लिए चुने जाते है। प्रत्येक वर्ष इन दस में से पाँच चुने जाते है। यह चुनाव क्षेत्रीय आधार पर होते है। अफ्ररीकी गुट तीन सदस्य चुनता है। जम्बूद्वीपीय गुट, पश्चिम यूरोपीय गुट और लैटिन अमेरिका व कैरिबियन गुट सब दो सदस्य चुनते हैं। पूर्वी यूरोपीय गुट एक सदस्य चुनता है। इनमें से किसी एक सदस्य का अरब होना भी अवश्यक है।

सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की संख्या को बढ़ाने के बारें में बहुत विवाद है। विशिष्ट है चार राष्ट्र (ब्राज़ील, भारत, जर्मनी और जापान) जिनको G4 कहा जाता है। जापान और जर्मनी संयुक्त राष्ट्र की बहुत आर्थिक सहायता करते हैं और ब्राज़ील तथा भारत जनसंख्या में बड़े होने के कारण संयुक्त राष्ट्र के विश्वशान्ति के लक्ष्य के लिए सैन्य-दल के सबसे बड़े योगदान करनेवालों में से हैं। 21 सितम्बर 2004 को, जी4 राष्ट्रों ने स्थायी सदस्य बनने के बारें में आपसी समर्थन घोषित किया। यूनाइटेड किंगडम और फ़्रांस ने भी इस घोषणा को स्वीकार किया है। पारण के लिए 128 मतों की आवश्यकता है।