श्रावण
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चैत्र | वैशाख | ज्येष्ठ | आषाढ़ | श्रावण | भाद्रपद | आश्विन | कार्तिक | अग्रहायण | पौष | माघ | फाल्गुन |
श्रावण हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का पांचवा महीना जो ईस्वी कलेंडर के जुलाई या अगस्त माह में पड़ता है। इसे वर्षा ऋतु का महीना भी कहा जाता है क्यों कि इस समय भारत में काफ़ी वर्षा होती है।
श्रावण मास शिवजी को विशेष प्रिय है । भोलेनाथ ने स्वयं कहा है—
द्वादशस्वपि मासेषु श्रावणो मेऽतिवल्लभ: । श्रवणार्हं यन्माहात्म्यं तेनासौ श्रवणो मत: ।।
श्रवणर्क्षं पौर्णमास्यां ततोऽपि श्रावण: स्मृत:। यस्य श्रवणमात्रेण सिद्धिद: श्रावणोऽप्यत: ।।[१]
अर्थात मासों में श्रावण मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका माहात्म्य सुनने योग्य है अतः इसे श्रावण कहा जाता है। इस मास में श्रवण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होती है इस कारण भी इसे श्रावण कहा जाता है। इसके माहात्म्य के श्रवण मात्र से यह सिद्धि प्रदान करने वाला है, इसलिए भी यह श्रावण संज्ञा वाला है।
पर्व ऑर त्यौहार
- शुक्ल पंचमी: नाग पंचमी
- शुक्ल एकादशी : पुत्रदा एकादशी
- पूर्णिमा: रक्षाबन्धन
- कृष्ण एकादशी: अजा एकादशी
- कृष्ण अष्टमी: जन्माष्टमी