शैंपू

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शैम्पू एक बालों की देखभाल संबंधी उत्पाद है, जिसे बालों से तेल, मिट्टी, त्वचा कण, रूसी[१], पर्यावरण प्रदूषक और अन्य संदूषण कणों जो बालों में फंस जाते हैं को हटाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

शैम्पू, जब पानी में घुलकर झाग बनाता है, तब एक पृष्ठसक्रियकारक (सरफेक्टैन्ट) के रूप में कार्य करता है और जब यह बालों और सिर की सफाई करता है तो प्राकृतिक तेलों (सीबम) जो बालों को चिकना बनाता है को भी हटा सकता है।

शैम्पू के प्रयोग के बाद अक्सर कंडीशनर को बालों में लगाया जाता है, जो बालों को काढ़ना और उनकी सज्जा करना सुगम बनाता है।

इतिहास

शैम्पू शब्द मूलतः हिंदी शब्द चाँपो से बना है जिसका अर्थ सिर की मालिश (चंपी-जिसे तेल से किया जाता है) है। यह शब्द और अवधारणा दोनों ही ब्रिटेन में औपनिवेशिक काल में भारत द्वारा पेश किये गये थे। यह शब्द और सेवा ब्रिटेन में एक बंगाली उद्यमी शेख दीन महमूद द्वारा 1814 में पेश की गयी, जब उसने अपनी आयरिश पत्नी के साथ, एक शैम्पू स्नान ‘महमूद का भारतीय वाष्प स्नान' के नाम से ब्राइटन इंग्लैंड में खोला था। उसका स्नान तुर्की स्नान, की तरह था जहां ग्राहकों को चंपी या चिकित्सात्मक मालिश एक भारतीय उपचार की तरह दी जाती थी। उसकी सेवा की काफी सराहना की गयी और उसे दोनों जॉर्ज चतुर्थ और विलियम चतुर्थ के लिए, शिम्पू चिकित्सक नियुक्त किया गया। 1900 में, शब्द का अर्थ की मालिश से बदलकर बालों को साबुन लगाना हो गया। इससे पहले आम साबुन को ही बाल धोने के लिए प्रयुक्त किया जाता था। लेकिन बालों में रह गया साबुन बालों को संवारना असुविधाजनक, परेशानी भरा बनाता था साथ ही बाल अस्वस्थ भी लगते थे। शैम्पू के प्रारंभिक चरण के दौरान, अंग्रेज केशसज्जक पानी में घिसा हुआ साबुन मिला कर उबालते थे और फिर इस में बालों को चमक और सुगन्ध देने के लिए जड़ी बूटियों मिलाई जातीं थीं। कैसी हेबर्ट पहले ज्ञात निर्माता हैं जिन्होने पहले शैम्पू का निर्माण किया। पहले साबुन और शैम्पू समान उत्पाद थे, दोनों में पृष्टसक्रियकारक शामिल होते थे जो एक प्रकार का डिटर्जेंट है। आधुनिक शैम्पू 1930 के दशक में अस्तित्व में आया, जो पहला सिंथेटिक (बिना साबुन का) शैम्पू था।

भारत में, बालों की परंपरागत मालिश आज भी आम है और इसके लिए विभिन्न तेल और जड़ी बूटी के फार्मूलों का उपयोग किया जाता है। नीम, शीकाकाई, रीठा, मेहंदी, बेल, ब्राह्मी, मेथी, छाछ, आंवला, एलो, हल्दी और बादाम जिसे चंदन, चमेली, गुलाब और कस्तूरी जैसे कुछ सुगंध घटकों के संयोजन के साथ इस्तेमाल किया जाता है।

रूसीनाशक शैम्पू

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