विलहेम राब

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जर्मन उपन्यासकार विलहेम राब

विलहेम राब (Wilhelm Raabe , १८३१ - १९१०), जर्मन उपन्यासकार और कवि था। उसकी आरम्भिक कृतियाँ 'जेकब कार्विनस' (Jakob Corvinus) उपनाम से प्रकाशित हुईं थी।

परिचय

विलहेम राब किताबों की एक दूकान में काम करते थे। बाद में बर्लिन विश्वविद्यालय में प्रवेश किया। पहली ही कृति 'डाय ख्राानिक डर स्पर्लिंग्सगार्स' (Die Chronik der Sperlingsgasse, १८५७) से सफलता मिल जाने के बाद विश्वविद्यायीय अध्ययन छोड़ पूरा समय लेखनकार्य को देने लगे। यह कृति पिछली शती की परंपरागत शैली में थी।

इनके प्रारंभिक उपन्यासों में जर्मन जीवन के चित्र मात्र प्रस्तुत करने की प्रवृत्ति थी और इनके रुढ़िवादी विचार समकालीन परिवर्तनों के प्रति अभिव्यक्त रुष्टता में झलकते हैं। ऐतिहासिक उपन्यास 'अंजर्स हरगाट कांजलेई' (१८६२) के बाद वे धीरे-धीरे निराशवादी होते गये। शोपेनहार के दर्शन ने इन्हें बहुत प्रभावित किया। 'डर स्खडरेंप' (तीन भाग, १८७०) में उनके शोपेनहार प्रभाव-काल की दु:खान्त रचनाएँ हैं। अंतिम काल की 'होरेकर' (१८७६), 'डर ड्रामलिंग' (१८७२), 'डास आडफेल्ड (१८८९), 'स्टाफक्खेन' (१८९१) आदि रचनाओं में एक प्रकार के स्वस्थ हास्य की प्रवृत्ति देख पड़ती है। उनकी कृतियाँ १८ खंडों में संकलित होकर १९१२-१४ में प्रकाशित हुईं।