वसा
lipid
वसा अर्थात चिकनाई शरीर को क्रियाशील बनाए रखने में सहयोग करती है। वसा शरीर के लिए उपयोगी है, किंतु इसकी अधिकता हानिकारक भी हो सकती है। यह मांस तथा वनस्पति समूह दोनों प्रकार से प्राप्त होती है। इससे शरीर को दैनिक कार्यों के लिए शक्ति प्राप्त होती है। इसको शक्तिदायक ईंधन भी कहा जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए १०० ग्राम चिकनाई का प्रयोग करना आवश्यक है। इसको पचाने में शरीर को काफ़ी समय लगता है। यह शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता को कम करने के लिए आवश्यक होती है। वसा का शरीर में अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाना उचित नहीं होता। यह संतुलित आहार द्वारा आवश्यक मात्रा में ही शरीर को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। अधिक मात्रा जानलेवा भी हो सकती है, यह ध्यान योग्य है। यह आमाशय की गतिशीलता में कमी ला देती है तथा भूख कम कर देती है। इससे आमाशय की वृद्धि होती है। चिकनाई कम हो जाने से रोगों का मुकाबला करने की शक्ति कम हो जाती है। अत्यधिक वसा सीधे स्रोत से हानिकारक है। इसकी संतुलित मात्रा लेना ही लाभदायक है।
प्रकार
खाद्य पदार्थों में कई प्रकार की वसा होती है। इनमें से प्रमुख तीन प्रकार की होती हैं, संतृप्त (सैच्युरेटेड), एकल असंतृप्त (मोनो अनसेचुरेटेड) और बहु-असंतृप्त (पॉली अनसेचुरेटेड)।[१]
* संतृप्त वसा
संतृप्त वसा नुकसानदेह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाती है, इसे सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए। मक्खन, शुद्ध घी, वनस्पति घी, नारियल और ताड़ का तेल संतृप्त वसा के प्रमुख स्रोत हैं। ठोस नजर आने वाले हाइड्रोजिनेटिड वनस्पति घी में ट्रांस-फैट एसिड होते हैं। ये भी नुकसानदेह होते हैं।
* असंतृप्त वसा
असंतृप्त वसा कोलेस्ट्रॉल के एचडीएल अंश बढ़ाती है। यह सीमित मात्रा में ठीक कही जा सकती है। प्रायः भोजन में एकल असंतृप्त वसा और बहु-असंतृप्त वसा समान मात्रा में हो तो ठीक रहता है। एलडिएल कोलेस्ट्रॉल घटाने हेतु, संतृप्त वसा कम कर दें और एकल असंतृप्त वसा बढ़ा दें। एकल असंतृप्त वसा के प्रमुख स्रोत मूंगफली, सरसों और जैतून के तेल हैं, जबकि करडी, सूरजमुखी, सोयाबीन और मकई के तेलों में बहुअसंतृप्त वसा अधिक होती है। कुछ पकवान एक प्रकार के और कुछ अन्य तेलों में बनाने चाहिये। इससे एकल असंतृप्त और बहु-असंतृप्त वसा दोनों की पूर्ति होती रहती है।
दिन में कुल १५-२० ग्राम खाना पकाने का तेल ही प्रयोग करना चाहिये। वसा की शेष दैनिक जरूरत अनाज, दालों और सब्जियों से पूरी हो जाती है। बादाम, काजू और मूंगफली तथा दूध, पनीर और क्रीम में भी वसा प्रचुर मात्रा में होती है। वसा वाले वनस्पति तेल में बने पकवान भी बार-बार गरम किए जाएं तो नुकसानदेह होते हैं। अच्छी सेहत के लिए व्यंजनों को तलें नहीं, बल्कि उन रेसिपी पर जोर दें जिनमें पकवान स्टीम, बेक या ग्रिल करके बनते हैं।
सारणी
क्रमांक | फ़लों के नाम | प्रोटीन | चर्बी | शर्करा | जल[२] |
1 | आम(पका हुआ) | 0.6 | 0.1 | 11.8 | 86.1 |
2 | आम(कच्चा) | 0.7 | 0.1 | 8.8 | 90.0 |
3 | सेब | 0.3 | 0.2 | 13.4 | 85.9 |
4 | अंगूर | 0.8 | 0.1 | 10.2 | 85.5 |
5 | केला | 1.3 | 0.2 | 36.4 | 61.4 |
6 | अमरूद | 1.5 | 0.2 | 14.5 | 16.1 |
7 | अनन्नास | 0.6 | 0.1 | 12.0 | 87.5 |
8 | पका पपीता | 0.5 | 0.1 | 9.5 | 89.6 |
9 | जामुन | 0.7 | 0.1 | 19.7 | 68.2 |
10 | तरबूज | 0.1 | 0.2 | 3.8 | 95.7 |
11 | नाशपाती | 0.2 | 0.1 | 11.5 | 86.9 |
12 | अनार | 1.6 | 0.1 | 14.6 | 68.0 |
सारणी
क्रमांक | सब्जियों के नाम | प्रोटीन | चर्बी | शर्करा | जल |
1 | गाजर | 0.6 | 0.2 | 10.8 | 86.0 |
2 | आलू | 1.6 | 0.1 | 22.9 | 74.7 |
3 | करेला | 1.6 | 0.2 | 4.2 | 92.4 |
4 | कच्चा केला | 1.4 | 0.2 | 14.7 | 83.2 |
5 | फूलगोभी | 3.5 | 3.5 | 5.3 | 89.4 |
6 | लौकी | 1.4 | 0.1 | 5.3 | 89.4 |
7 | कटहल | 1.9 | 0.1 | 18.9 | 77.2 |
8 | टमाटर | 1.0 | 0.1 | 3.9 | 94.5 |
9 | मटर | 7.2 | 0.1 | 19.8 | 72.1 |
10 | प्याज | 1.2 | 0.1 | 11.6 | 86.8 |
11 | मूली | 0.7 | 0.1 | 4.1 | 94.4 |
12 | अरबी | 3.0 | 0.1 | 22.1 | 73.1 |
13 | चना(शाक) | 8.2 | 0.5 | 27.2 | 60.0 |
14 | पालक(भाजी) | 1.9 | 0.9 | 4.0 | 91.7 |
15 | चौलाई (भाजी) | 1.6 | 0.5 | 5.7 | 85.3 |
16 | कलमी (शाक) | 2.9 | 0.4 | 4.3 | 90.0 |
17 | चुकन्दर | 1.7 | 0.1 | 13.6 | 33.3 |
18 | बंदगोभी | 80.5 | 0.1 | 6.3 | 68.6 |
19 | बैंगन | 1.3 | 0.3 | 6.4 | 61.5 |
20 | खीरा | 0.4 | 0.1 | 2.8 | 96.4 |
21 | सहजन | 2.5 | 0.1 | 3.7 | 86.9 |
22 | भिन्डी | 2.2 | 0.2 | 7.7 | 88.0 |
सन्दर्भ
- ↑ कुकिंग ऑयल स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।।
- ↑ वसा (चर्बी) स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।(हिन्दी)। हैल्थ एण्ड थेराप्युटिक।