लोड़ता
लोड़ता राजस्थान के जोधपुर ज़िले के बालेसर तहसील का एक गाँव तथा ग्राम पंचायत है।
इतिहास
लोड़ता जोधपुर ज़िले से लगभग ९२-९३ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा गांव है जिनकी जनसंख्या लगभग २००० हज़ार है। लोड़ता गांव की स्थापना लगभग ५०० साल पूर्व हुई थी तथा गांव का नाम एक कुम्हार (कुम्भार) के नाम पर पड़ा है जिनका नाम लोहट जी अर्थात लोलोजी कुम्भार था क्योंकि लोहट जी ने गांव में मीठे पानी का कुआं बताया था इस कारण गांव का नाम लोड़ता रखा गया उस वक्त लोड़ता गांव में चौहान राज वंश का शासन था इसलिए चौहान राज कर रहे थे फिर अचलसिंह देवराज यहां पर आए और आज चौहानों से युद्ध किया और उनके पश्चात यहां अचलावतां गांव की स्थापना की थी जो वर्तमान में लोड़ता के नाम से जाना जाता है।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]
प्राचीन मन्दिर
लोड़ता गांव [१] में लगभग ११० साल पुराना एक नागणेच्या माता का भव्य मन्दिर है तथा[२] बाबा मुणपुरी का भी मन्दिर है। इनके अलावा प्राचीन राजपूती छतरियाँ भी है। लोड़ता में बाबा रामदेव का मंदिर है मेघवाल समाज द्वारा बनाया गया है और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि बाबा रामदेव जोधपुर जाते समय यहां पर ठहरते थे।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]
शिक्षा
लोड़ता गाँव में एक सरकारी उच्च माध्यमिक तथा दो सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय है इनके अलावा कई प्राथमिक तथा गैर सरकारी (प्राइवेट) विद्यालय भी है।