गाँव

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राजपुरा बास(नायक सिटी) ''जिला-टोंक'' राज्य-राजस्थान देश-भारत || धर्म-हिन्दू,मुस्लिम ''जातियाँ-जाट,गुर्जर,नायक,वैष्णव,बागवान,ब्राह्मण [आस पास का क्षेत्र]कल्याणनगर,महादेवपुरा,अमरपुरा,अजीतपुरा,बनेडिया चारणान्,बावरियो की ढाणी,बंजारो के झोपडे,भाटीयो कि ढाणी आदि|

बंजारो कि ढाणी- राजपुरा बास
बावरियो कि ढाणी- राजपुरा बास सामान्य लोक जीवन का चित्रण

राजपुरा बास(नायक सिटी) प्रायः इस गाँव के लोग कृषि या पशुपालन कोई अन्य परम्परागत काम करते हैं।यहाँ के लोग शिक्षा के,रोजगार के क्षेत्र मे अग्रणी है|इस गाँव से कई लोग पुलिस,अध्यापक,वकिल,कन्डक्टर ,लाईटमेन कि नोकरी करते तथा कई लोग स्वरोजगार करते है ईलेक्टिर्क दुकान ,किराना स्टोर,क्लोथस,सूज सोप,नाँनवेज-हाँटल| यहा भेस(कुंडी,मुर्रा)गाय(राँडी,देशी,जर्सी)भेड(मालपुरी)बकरी(देशी मेहसाणा,मारवाडी)बेल(गिर,जर्सा) मेला-बाग वाले बालाजी ,बनी का भेरू जी(राजपुरा बास) जिर्मल्या बाबा | ''जनसंख्या मे ज्यादा जाट | कम ब्राह्मण ||राजपुरा बास को नायको ने बसाया-नायक जहागीर क्षेत्र था यह इसका प्राचिन नाम- नायको का बासड़ा |12बासड़ो मे सबसे प्रसिध्द पाने वाला क्षेत्र| नायक यहा के मूल निवासी है| प्राचिन मे यहा नायको की जनसंख्या सबसे अधिक थी जो कि प्लेग महामारी मे कम हो गई|

ग्रामीण जीवन

[१] [२] 236,004 यहा जनसंख्या अधिक होने पर भी यहा हाई सेकेन्डरी स्कूल तथा चिकित्सालय , मोबाइल-टाँवर की सुविधा नही है| आजादी से पहले तथा आजादी के पहले दशक तक मे भारत की कुल जनसंख्या का 70% तक लोग गाँवों में निवास करती थी| ज्यादातर घर मिट्टी के बने होते थे|

राजपुरा बास(नायक सिटी) गाँव में गृह

इन्हें भी देखें

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देशों और इलाकों
विकसित वातावरण

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सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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गाँव के प्रकार
भारत के गाँव
  1. साँचा:Cite web नायक सिटी(राजपुरा बास)3 04502
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