लाडो 2

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लाडो - वीरपुर की मर्दानी एक भारतीय हिंदी धारावाहिक है जो कलर्स पर 6 नवम्बर 2017 से 23 मई 2018 तक हर सोमवार से शुक्रवार रात 9:30 बजे प्रसारित किया जाता था।[१] यह शो कलर्स के मशहूर शो ना आना इस देश लाडो का सीजन 2 था।[२] लाडो - वीरपुर की मर्दानी का प्रीमियर 6 नवंबर 2017 को हुआ था[३] और इसका अंतिम एपिसोड 23 मई 2018 को प्रसारित किया गया था।[४] यह धवल गडा द्वारा उत्पादित किया गया था।[५] इस शो ने मार्च 2018 में छह महीनों का लीप लिया था।[६] इस शो ने 23 मार्च 2018 को 100 एपिसोड पूरे किए थे।[७] यह शो 23 मई 2018 को सफलतापूर्वक 133 एपिसोड्स पूरा करके समाप्त हो गया था।[८]

कथानक

प्रभावशाली और रूढ़िवादी कुलमाता अम्माजी (मेघना मलिक) अपने गाँव में कन्या शिशु हत्या का समर्थन इस शो के सीजन 1 (ना आना इस देश लाडो) में करती थीं, लेकिन अब बदल गईं हैं। अपनी छोटी पोती जाह्नवी (पलक जैन) के बलात्कार और हत्या के बाद, वह अपनी बड़ी पोती अनुष्का (अविका गोर) के साथ महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती है और लोगों के दृष्टिकोण को बदलती है। कुछ समय बाद अम्माजी की हत्या जाह्नवी के बलात्कारियों के परिवार का एक नवयुवक युवराज चौधरी (शालीन मल्होत्रा) कर देता है जिससे अम्माजी की पोती अनुष्का से शादी हो चुकी होती है। अम्माजी की मृत्यु के बाद कहानी अनुष्का की जिंदगी पर केंद्रित हो जाती है। बाद में, अनुष्का की कहानी दर्शाते हुए और अनुष्का को वीरपुर की मर्दानी दर्शा कर शो खत्म हो जाता है।

कलाकार

मुख्य कलाकार

अतिरिक्त कलाकार

चरित्र-चित्रण

  • अम्माजी यानि भगवानी देवी संगवान एक आत्मविश्वासी और रहस्यमय व्यक्ति थीं जिन्होंने वर्षों पूर्व वीरपुर को छोड़ दिया था और अपनी पोतियों के साथ दिल्ली में बस गईं थीं। वह एक सेवानिवृत्त महिला थीं जिनका जीवन में केवल एक ही उद्देश्य था - अपनी दो पोतियों अनुष्का और जाह्नवी, की रक्षा करना। वह एक मजबूत, साहसी, गहन और प्रेमपूर्ण व्यक्ति थीं। वह वर्षों से पूरी तरह बदल गई थीं। वह महिलाओं की गरिमा और अधिकारों के संवेदनशील मुद्दों को संबोधित करती थीं। वह अपनी मातृभूमि से बहुत दूर, अपनी पोतियो के साथ खुश थीं। वह ज़रूरत के समय में भयंकर और कठोर हो जाती थीं। वह अपनी पोतियो को अच्छा मूल्य देती थीं। उन्होंने उनकी रक्षा करने की एकमात्र ज़िम्मेदारी ली थी। जब वह जाह्नवी की मौत के बाद अपनी छोटी पीती को खो देती है, तब वह उसके बलात्कारियों को सजा देने के लिए निकल पड़ती हैं। बाद में, कुछ गलतफहमियों की वजह से उन पर उन्हीं की बड़ी पोती अनुष्का का पति युवराज खंजर से हमला करता है। दरअसल, वीरपुर की सड़क पर अम्माजी युवराज के ताऊ जी बलवंत को गोली मार देती हैं। यह देख युवराज का खून खौल जाता है और वो अम्मा जी पर हमला कर देता है। यह सब देख अनुष्का हैरान रह जाती है। उसे विश्वास नहीं होता कि युवराज ऐसा कर सकता है। युवराज खून खराबे से दूर रहने की बात करता है और उसने खुद ऐसा कैसे कर दिया। वहीं युवराज तो कई दिनों से अम्मा जी से बदला लेना चाहता था लेकिन उन्हें तड़पाने के लिए वो मार नहीं रहा था। बाद में अस्पताल जाकर वह ठीक होने लगतीं हैं लेकिन उन्हें जाह्नवी का एक बलात्कारी रनतेज जमीन के नीचे जिंदा दफनाकर मार डालता है।
  • अनुष्का अम्माजी की बड़ी पोती थी। एक अंतिम वर्ष कानून की छात्रा थी जो कानून और व्यवस्था में विश्वास रखती थी। वह एक बहादुर, साहसी और स्वतंत्र लड़की थी जिसने कानून पर बहुत विश्वास किया था। उसके पास उसका दिमाग था। उसके पास सख्त निर्णय लेने और इसका पालन करने की क्षमता थी। वह लैंगिक समानता में विश्वास करती थी। अनुष्का किसी भी अन्याय या महिला दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं कर सकती थी। वह महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ लड़ने के लिए साहसपूर्वक खड़ी रहती थी। अनुष्का अम्माजी की तरह निडर थी। उसे कानून में दृढ़ विश्वास था। वह अम्माजी से मार्गदर्शन पाती थी। वे दोनों महिलाओं की रक्षा के लिए और वीरपुर में बदलाव लाने की कोशिश करतीं थीं। अनुष्का अपनी छोटी बहन जाह्नवी की देखभाल करती थी। उसने अपनी छोटी बहन के पीड़ा का बदला उसके बलात्कारियों से लेने का दृढ़ संकल्प किया था। उसने जाह्नवी के बलात्कारियों को सजा देकर अपनी छोटी बहन और अपनी दादी अम्माजी की हत्या का बदला उनसे लिया था। स्थिति ने अनुष्का को जूही की एक नई पहचान के साथ रहने के लिए मजबूर किया था, जो चंडीगढ़ के प्रसिद्ध सेठी परिवार की लाडो (बेटी) होती है।
  • जाह्नवी अम्माजी की छोटी पोती थी। वह अनुष्का की छोटी बहन थी। वह एक हंसमुख, शरारती, सहानुभूतिपूर्ण और आदर्शवादी लड़की थीं। वह एक शरारती लाडो (बेटी) थी जो जीने की इच्छा से भरी थी। वह अनुष्का की एक प्यारी छोटी बहन थी। जब वह अपनी बहन के मुख्य आदर्श 'महिला कल्याण' का अनुकरण करती है और मीरा को बचाने के लिए रनतेज को थप्पड़ मार देती है, तब रनतेज और उसके भाईयों ने उसके साथ छेड़छाड़ किया और उसका बलात्कार किया। फिर उन हैवानो ने उसे मार डाला।
  • युवराज अनुष्का का पहला प्यार और पति था जिसने शुरुआत में अपने माता-पिता का हत्यारा अम्माजी को समझकर उनके पापों के लिए अनुष्का को दंडित किया। युवराज ने अपने बड़े पिता बलवंत को मारने का प्रयास करने के लिए अम्माजी पर चाकू से वार किया। लेकिन बाद में उसने अपने परिवारवालों द्वारा किए गए अपराधों को जानने के बाद अनुष्का का समर्थन करना शुरू कर दिया। युवराज अनुष्का के साथ उसकी जंग में खड़े हो गए लेकिन अनुष्का को अपनी बड़ी माँ मल्हारी की खतरनाक योजना से बचाने के दौरान रनतेज द्वारा चलाई गई गोली सिने में लगने के बाद मारे गए।
  • बलवंत चौधरी परिवार के पूर्व कुलपति थे। वह मल्हारी के पहले पति थे। वह रनतेज और रणवीर के पिता थे। वह एक बुरा व्यक्ति था। वह वीरपुर के निर्दयी शासक था जहाँ महिलाओं पर अत्याचार किया जाता था। वह अपनी बहू मीरा की गर्भ में पल रही बेटी (लाडो) को मरवा देता है सिर्फ इसलिए कि वह बेटी है। (यहाँ ना आना इस देश लाडो के कथानक के समानांतर चित्रण है) वह कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा देता था। बाद में अम्माजी बलवंत को उसके पापों के लिए सजा देती है और गोली मार देती है। वह कन्या भ्रूण हत्या और महिलाओं पर होने वाले तमाम अत्याचारों के खिलाफ लड़ती हैं और बलवंत से अपनी पोती के बलात्कार और हत्या का बदला लेने के लिए उसे मार देतीं है। बाद में अस्पताल जाकर वह ठीक होने लगता है पर जमीन - जायदाद की लालच मे पड़कर उसी का बड़ा बेटा रनतेज उसका खून कर देता है।
  • मल्हारी बलवंत की विधवा थी। वह रनतेज और रणवीर की माँ थी। बाद में वह इंद्र बाबा से शादी करके उनकी पत्नी बन गई थी।
  • इन्द्र बाबा मल्हारी के दूसरे पति थे। वह रनतेज के सौतेले पिता थे। वह चौधरी परिवार के नए कुलपति थे। वह असली जूही के मुँहबोले पिता थे।
  • रनतेज मल्हारी और बलवंत का बड़ा बेटा था। वह रणवीर का बड़े भाई था। वह जाह्नवी के बलात्कारियों में से एक था। उसने अपनी पत्नी मीरा पर तमाम अत्याचार किए थे। अनुष्का ने उसे उसके द्वारा किए गए अपराध (बलात्कार) की सजा दी थी।
  • मीरा रनतेज की तलाकशुदा पत्नी थी। उसके पति रनतेज से उस पर तमाम अत्याचार किये थे। लेकिन अनुष्का ने उसे उसके बुरे पति के साये से बाहर निकलने में मदद की थी।
  • रणवीर मल्हारी और बलवंत का छोटे बेटा था। वह रनतेज का छोटा भाई था। वह जाह्नवी के बलात्कारियों में से एक था।
  • तेज रनतेज और रणवीर का चचेरे भाई था। वह जाह्नवी के बलात्कारियों में से एक है।
  • रज्जो मल्हारी की छोटी ननद थी। वह बलवंत की छोटी बहन थी। वह अपनी बड़ी भाभी की आज्ञा का पालन करती थी और उनका सम्मान करती थी और इंद्र बाबा का मल्हारी के साथ पुनर्विवाह के बाद इंद्र बाबा को अपने बड़े भाई के रूप में मानती थी।
  • बलवंत के छोटे भाई मल्हारी के देवर थे। वह तेज़ के पिता थे। वह अपनी बड़ी भाभी की आज्ञा का पालन करता था और उनका सम्मान करते थे जिन्हें वह "भाभो" कहकर पुकारता था। वह हमेशा मल्हारी के आदेशों का पालन करता था। इंद्र बाबा का मल्हारी के साथ पुनर्विवाह के बाद वह इंद्र बाबा को अपने बड़े भाई के रूप में मानता था।
  • कोमल युवराज की छोटी बहन थी। वह धरम की पत्नी थी।
  • चुड़की धूमल की पत्नी थी। वह वीरपुर की निवासी थी। वह अनुष्का की टीम के सदस्यों में से एक थी, जिसे अनुष्का ने रनतेज, रणवीर और तेज को जाह्नवी के बलात्कार के पाप के लिए दंडित करने के लिए गठित किया था।
  • जय देव सरोज का सबसे छोटा बेटा था। वह एक आशावादी व्यक्ति था।
  • जूही इंद्र की गोद ली हुई बेटी थी। वह असली जूही थी जो 10 साल पहले अपनी आया (जिसे वह ताई कहकर पुकारती थी) की मदद से अपने परिवार से दूर चली गई थी। उसे इंद्र ने बेटी रूप में 10 साल पहले अपनाया था। लेकिन असल में वह केवल पिछले 10 सालों से केवल उसका दुरुपयोग और उसके साथ छेड़छाड़ करता आया था।
  • शौर्य जूही के बचपन के दोस्त था जो जूही से प्यार करता था और अनुष्का को जूही समझकर उसके साथ प्यार में पड़ने लगा था। वह एक स्ट्रीट फाईटर था। वह एक मध्यम वर्ग का लड़का था जो बहुत गहन था और प्यार से प्रेरित होता था। वह जूही से प्यार करता था जिसने उसे कुछ साल पहले छोड़ दिया था। उस वजह से, शौर्य ने कुछ गलत कर दिया था, जिसकी वजह से उसे बाल सुधार गृह में जाना पड़ा था। बाद में, शौर्य को पता चला था कि जूही वापस आ चुकी है यह सोच कर कि अनुष्का ही जूही है। उसे अपने खोए हुए प्यार को खोजने और उससे जुड़ने की उम्मीद की किरण दिखती है। उसे बाद में पता चलता है कि वह जिसे वह जूही समझता है वह उसकी जूही नहीं अनुष्का है तो उसका दिल टूट जाता है पर बाद में अनुष्का के साथ जूही को खोजने निकल पड़ता है।
  • कविता जूही की दादी थी। वह एक विशिष्ट पंजाबी दादी होती हैं जो बहुत प्यारी और अनुष्का को जूही समझकर बहुत प्यार करती थीं। बाद में अनुष्का का सच जानने के बाद थोड़ा दुखी होती है पर उसे अपनी लाडो के रूप में फिर प्यार करने लगतीं हैं। उन्हे आशा थी कि जूही एक-न-एक दिन जरूर लौटेगी। वह सेठी परिवार की महिला मुखिया थीं।
  • शगुन जूही की सौतेली माँ थीं। वह कविता की बहू होती है। वह एक ऐसी महिला थीं जो जूही से नफ़रत करती थीं और दादी की तबीयत का बहाना करके उसने और उसके भाई ने मिलकर अनुष्का को जूही बनाकर सिर्फ इसलिए रखा था कि अनुष्का उनके जूही के प्रति झूठे प्यार को सच समझकर उनकी बात मानकर उनके द्वारा तैयार कराए गए कागजों पर जूही की हस्ताक्षर करके सेठी परिवार की जमीन-जायदाद को जूही के नाम से उनके नाम कर देगी। वह एक फरेबी औरत थी जिसने अनुष्का के प्रति प्यार का झूठा नाटक किया था। इसी ने अपने छोटे भाई अमरीश के साथ मिलकर शौर्य और अनुष्का को एक कार दुर्घटना में मरवाने का षड्यंत्र रचा जब इसका अनुष्का से काम खत्म हो गया था।
  • अमरीश जूही का मामा था। वह शगुन का छोटा भाई था। वह एक चतुर व्यक्ति था जो सेठी परिवार के पैसों से अपनी जेब भरना चाहता है।
  • कुलदीप जूही का बड़े भाई था। वह शगुन का बेटा था। वह अपनी पत्नी की बहुत परवाह करता था। वह सेठी परिवार के व्यवसाय का प्रबंधन करता था।
  • काजल जूही की बड़ी भाभी थीं। वह कुलदीप की पत्नी थीं। वह एक मानसिक रूप से अस्थिर / चुनौतीपूर्ण लड़की थीं जो हमेशा एक गुड़िया के साथ खेलती रहती थीं जिसका नाम उन्होंने 'तुलिका' रखा था। वह अनुष्का (जिसे वह जूही समझती है) को अपनी बहन की तरह प्यार करती है।
  • ताई जूही की आया थी। वह एक ऐसी महिला थी जिसे जूही बचपन में अपनी माँ की तरह प्यार करती थीं और अभी भी करती थी। ताई ने ही सेठी परिवार के चंगुल से बाहर निकलने में असली जूही की मदद की थी और उसने 10 साल पहले उसके घर से जूही को भागने में मदद की थी। ताई जूही से प्यार करती थी लेकिन उन्हे पता नहीं था कि पिछले 10 वर्षों से जूही को इंद्र नाम के एक आदमी द्वारा यातना दी जा रही थी और इंद्र के द्वारा उस पर अत्याचार किया जा रहा था।
  • धरम कोमल का पति था। वह एक वरिष्ठ वकील था जो सेठी परिवार संपत्ति मामलों की देखभाल करता था और वीरपुर में अनुष्का की संपत्ति के हस्तांतरण (रनतेज के नाम पर) के मामले को भी देख रहा था।
  • बन्टी शौर्य का मित्र था। वह हमेशा अपने दोस्त की समस्याओं को हल करने में शौर्य की मदद करता था।
  • सरोज अम्माजी की सहेली थी। वह धूमल की माँ थीं।
  • धूमल सरोज का बेटा और चुड़की के पति था।
  • जय की भाभी जय की विवाहित हरियाणवी भाभी थी। वह सरोज की सबसे बड़ी बहू थी और जय के बड़ी भाई की पत्नी थी।

निर्माण

कलर्स टीवी के बहुचर्चित शो ना आना इस देश लाडो के सीजन 2 का निर्माण पेन पिक्चर्स के धवल गडा द्वारा किया गया था। यह घोषणा की गई थी कि मेघना मलिक क्रूर और सख्त अम्माजी के रूप में लौटेंगी। यह भी कहा गया था कि राघव और सिया की बेटी शो में लीड भूमिका निभाएगी और शो का एक नया सेटअप होगा। शो की अवधारणा पहले की तरह ही बनी हुई थी। यह भी कहा जा रहा था कि शो में एकता कौल लीड भूमिका निभाएगी जबकि मेघना मलिक शो की खलनायिका होंगी। लेकिन बाद में इन सारी खबरों को गलत बता दिया गया और यह आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई कि मेघना मलिक के साथ ही अविका गोर शो में लीड रोल निभाएगी। यह घोषित किया गया था कि शो में अविका गोर को मुख्य नायिका के रूप में दर्शाया जाएगा और पलक जैन को उनकी बहन जाह्नवी के रूप में दिखाया जाएगा। यह भी घोषित किया गया था कि इस शो में मेघना मलिक की भूमिका सकारात्मक होगी और लाडो के इस संस्करण में अम्माजी मन, शरीर और उपस्थिति में अलग होंगी। उन्हें महिलाओं के कारणों को चैंपियनिंग और महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा और अधिकारों के संवेदनशील मुद्दों को संबोधित करते हुए देखा जाएगा। अतः इस शो में मेघना मलिक ने ना आना इस देश लाडो से अम्माजी के रूप में अपनी भूमिका को दोहराया। शो में पुरुष लीड रोल के रूप में शालीन मल्होत्रा ​​को शामिल किया गया था। इस शो में रितुराज सिंह, दक्ष अजीत सिंह, अनन्या खरे, गुलफान खान, मोनी राय, अंकित राज, झलक देसाई, हेमन चौधरी और सुदिप्ती परमार समेत कई कलाकारों को शामिल किया गया था जिन्होंने अन्य भूमिका निभाई। बाद में, शो में पलक जैन के पात्र की मृत्यु हो गई थी। तो, उन्होंने शो छोड़ दिया। जनवरी 2018 में, शो में रितुराज सिंह के पात्र का भी निधन हो गया और इसीलिए उन्होंने भी शो छोड़ दिया। उसी महीने, मेघना मलिक ने भी शो छोड़ दिया और इसलिए, शो में उनके पात्र को खत्म कर दिया गया। फरवरी 2018 में, आधविक महाजन ने समांतर लीड रोल में शो में प्रवेश किया। बाद में, मार्च 2018 में, शालीन मल्होत्रा ​​ने शो को छोड़ा, इसलिए शो में उनके पात्र को मार दिया गया। उसी महीने, आधविक महाजन ने भी शो को छोड़ दिया। शो में मार्च 2018 के महीने में 6 महीने के लीप के बाद, शो में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कई नए कलाकारों को शामिल किया गया था। मनीनी मिश्रा, आशु शर्मा, फरीदा दादी, नसीर खान, अर्जुन अनेजा और चारू असोपा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए शो में प्रवेश किया था। मार्च 2018 में, सिद्धार्थ अरोड़ा ने शो में मेन मेल लीड के रूप में प्रवेश किया था। अप्रैल 2018 के महीने में, निमाई बली ने शो में नए खलनायक के रूप में प्रवेश किया था। उसी महीने, विनी अरोड़ा ने शो में नए समांतर महिला लीड के रूप में शो में प्रवेश किया था। बाद में, ममता लूथ्रा ने भी शो में प्रवेश किया था। अंततः शो 23 मई 2018 को खत्म हो गया।

टीआरपी और लोकप्रियता

टीआरपी

शो लॉन्च के पहले सप्ताह में 1.8 टीआरपी रेटिंग के साथ 17 वां स्थान पर रहा। 2018 के दूसरे सप्ताह में, श्रृंखला को 1.5 रेटिंग मिली। शो 24 नवंबर 2017 को बीएआरसी चार्ट रेटिंग में 14 वें स्थान पर पहुंच गया। 27 जनवरी 2018 से 2 फरवरी 2018 के लिए टीआरपी / बीएआरसी रेटिंग चार्ट में, शो 17 वां स्थान पर रहा। 3 मार्च 2018 से 9 मार्च 2018 के लिए टीआरपी / बीएआरसी रेटिंग चार्ट में, शो ने 19वीं जगह पर कब्जा कर लिया। 24 फरवरी 2018 से 2 मार्च 2018 के लिए टीआरपी / बीएआरसी रेटिंग चार्ट में, शो 17 वें स्थान पर था। 24 मार्च 2018 से 30 मार्च 2018 के लिए टीआरपी / बीएआरसी रेटिंग चार्ट में, शो 20 वां स्थान पर रहा। 31 मार्च 2018 से 4 अप्रैल 2018 तक टीआरपी / बीएआरसी रेटिंग चार्ट में, शो ने 19वीं जगह पर कब्जा कर लिया। 7 अप्रैल 2018 से 13 अप्रैल 2018 के लिए टीआरपी / बीएआरसी रेटिंग चार्ट में, शो 0.9 रेटिंग प्राप्त करने में कामयाब रहा।

लोकप्रियता[१६]

ना आना इस देश लाडो के अनुक्रम लाडो - वीरपुर की मर्दानी महिलाओं की तस्करी और यौन शोषण जैसे गंभीर विषयों से संबंधित था। छोटे पर्दे के सफलतम धारावाहिकों में से एक ना आना इस देश लाडो का दूसरा सीज़न था लाडो 2 / लाडो - वीरपुर की मर्दानी। आठ साल बाद यह शो अपने दूसरे सीज़न के साथ वापस लौटा था। जहां पहले सीज़न में यह शो कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित था, इस बार कहानी में महिलाओं की ख़रीद-फ़रोख्त और उनके शोषण जैसे गंभीर मुद्दों को उठाया गया था। कहानी की बात करें तो वीरपुर में अभी भी पुरुषवादी सोच हावी थी। वहां बलवंत सिंह (रितुराज सिंह) की हुकूमत चलती थी, जो लड़कियों का अपहरण कर उन्हें बेच देता था। वीरपुर में कोई भी लड़की सुरक्षित नहीं थी। हरियाणा के इलाकों में स्थित, शो 6 नवम्बर 2017 को वापस आ गया था और इसी तरह सख्त और कठोर अम्माजी (मेघना मलिक) भी वापस लौट आईं थीं, जो समय के साथ नरम हो गईं थीं। शो 70 वर्षीय बूढ़े आदमी के साथ शुरू हुआ था जो बलवंत सिंह (रितुराज सिंह) की हवेली में प्रवेश करता है, जो एक युवा दुल्हन के बदले पैसे से भरा बैग देने आता है। बलवंत युवा लड़कियों का अपहरण कर उन्हें भारी लाभ के लिए बेच देता था। इस शो ने पहले सीजन की कहानी की समाप्ति के बाद एक लीप लिया था और अम्माजी के वीरपुर में कई चीजें बदली थीं, जिसे अब बलवंत सिंह द्वारा शासित किया जाता था, जिसका आतंक गांव में फैला हुआ था। जबकि ना आना इस देश लाडो में महिला भ्रूण हत्या और स्री जाति से द्वेष प्रचलित था, हालाँकि लाडो 2 में वीरपुर में स्थिति और खराब हो गई थी, क्योंकि गांव में शायद ही कोई ऐसी लड़कियां थीं जिनके ऊपर अत्याचार नहीं हुआ था, जिससे युवा लड़कियों का अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि हुई थी। अम्माजी, जो अब अपनी दो पोतियो के साथ दिल्ली चली गई थीं उन्हें वीरपुर से दूर रखना चाहती थीं सिर्फ इसीलिए क्योंकि वीरपुर युवा लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं था। अविका गोर, जो अम्माजी की बड़ी पोती अनुष्का का किरदार निभाती थीं, एक स्वतंत्र और निडर व्यक्ति थीं। जबकि अनुष्का निडर थीं और सही के लिए लड़ने के लिए तत्पर रहतीं थीं, उनकी छोटी बहन जाह्नवी एक घरेलू लड़की थीं और अनुष्का के बिल्कुल विपरीत थीं। दिल्ली में पैदा हुई, अनुष्का को उनके जीवन का सदमे तब मिला जब वीरपुर में उनकी बहन जाह्नवी का अपहरण कर लिया गया, जो उनके पूर्वजों का गांव भी था। मेघना मलिक, जिन्होंने अम्माजी की भूमिका को ना आना इस देश लाडो से दोहराया था, उनके दोषहीन अभिनय से यह शो हिट जाता था। अविका, जिसे हमने बालिका वधू और ससुरल सिमर का में देखा था, ने इस शो में मजबूत किरदार निभाया था। अनुष्का के रूप में हमने उन्हे एक नए अवतार में देखा और उत्साहित हुए। वीरपुर की स्थिति हमें कुछ हद तक 2003 की फिल्म मातृभूमि की याद दिलाती थी, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में महिला भ्रूणहत्या का भविष्य चित्रित किया गया था। शो प्रासंगिक मुद्दों से संबंधित था, क्योंकि मानव तस्करी बढ़ रही है और हरियाणा और राजस्थान राज्यों में लिंग असंतुलन ने इन क्षेत्रों में कई आपराधिक गतिविधियों को जन्म दिया है। धारावाहिक की कहानी में उठाए गए मुद्दे और उससे जुड़ी भयावहता को हम कई फ़िल्मों और क्राइम बेस्ड शोज़ में देख चुके थे। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह मुद्दा सामयिक है। कई राज्यों में लड़के-लड़कियों की संख्या में अंतर ने लड़कियों के प्रति अपराध की घटनाओं को बढ़ावा दिया है इसलिए ऐसे मुद्दों को जितना हाइलाइट किया जाए अच्छा है। शो के शुरुआती एपिसोड में कहानी को खींचा नहीं गया था, बल्कि कुछ एपिसोड्स के बाद ही शो अपनी मूल कहानी पर आ गया था। हर एपिसोड में कुछ न कुछ होता रहा, जिससे शो दर्शकों को एंगेज करने में क़ामयाब रहा। अभिनय की बात करें तो एक बार फिर मेघना मलिक अपने किरदार से प्रभावित करने में क़ामयाब रही थीं, हालांकि इस बार शो में उनकी भूमिका भक्षक की नहीं, बल्कि रक्षक की थी। उनको अभिनय करते देखना इस बार भी किसी ट्रीट से कम नहीं था। अविका का प्रखर अंदाज़ ख़ास था। उन्होंने अपनी प्रतिभा के साथ एक बार फिर न्याय किया था। पलक जैन भी अपनी भूमिका से निराश नहीं करती थीं। रितुराज बलवंत सिंह के किरदार में नफ़रत जगाने में क़ामयाब हुए थे। बाक़ी के किरदार अपने अभिनय से कहानी को बख़ूबी आगे ले जा चुके थे। धारावाहिक हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ के बैकड्रॉप पर था। इस बात को कलाकारों ने संवाद अदायगी में बख़ूबी आत्मसार किया था। शो के लुक में भी इस बात का ख़ास ख़्याल रखा गया था। कुल मिलाकर लाडो - वीरपुर की मर्दानी टीवी के आम शोज़ से अलग था और अपने कॉन्सेप्ट और पावरफ़ुल परफ़ॉर्मेंस की वजह से उम्मीदों पर खरा उतरा था।

संदर्भ