रोम गणतंत्र

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रोमन गणराज्य
आधिकारिक नाम (सिक्कों अनुसार):
रोमा
लगभग १०० ईपू पश्चात
५०९ ईसापूर्व–२७ ईसापूर्व

SPQR
Senatus Populus Que Romanus
सेनातुस पॉपुलुस के रोमानुस
(अर्थ: रोम की सनेट व जनता)

जूलियस सीज़र के हत्याकांड के काल में रोम का विस्तार, ४४ ईपू
राजधानी रोम
भाषाएँ लातिनी (सरकारी),
कई अन्य ग़ैर-सरकारी भाषाएँ जैसे कि यूनानी, इब्रानी, सीरियाई, गाउली, बर्बर
धार्मिक समूह रोमन पारम्परिक धर्म
शासन सम्भांतवादी गणतंत्रसाँचा:ns0
कोन्सुल
 -  ५०९-५०८ ईपू लूसियस ब्रूतस,
लूसियस कोलातिनस
 -  २७ ईपू गेय्स ओक्तेवियस,
मार्कस आग्रिप्पा
विधायिका विधान सभा
ऐतिहासिक युग प्राचीनकाल
 -  लूक्रीसिया का बलात्कार ५०९ ईसापूर्व
 -  जूलियस सीज़र का आजीवन तानाशाह घोषित होना ४४ ईसापूर्व
 -  ऐक्टियम का युद्ध २ कतूबर ३१ ईपू
 -  ऑगस्टस कैसर का राज्याभिषेक १६ जनवरी २७ ईसापूर्व
क्षेत्रफल
 -  326 BC[१] १०,००० किमी ² साँचा:nowrap
 -  200 BC[१] ३,६०,००० किमी ² साँचा:nowrap
 -  146 BC[१] ८,००,००० किमी ² साँचा:nowrap
 -  100 BC[१] १२,००,००० किमी ² साँचा:nowrap
 -  50 BC[१] १९,५०,००० किमी ² साँचा:nowrap

रोमन गणराज्य (लैटिन:Res Publica Romana; रेस पुब्लिका रोमाना) प्राचीन रोमन सभ्यता का युग था, जिसकी पारंपरिक रूप से शुरुआत 509 ई.पू. रोमन राज्य को उखाड़ फेंक कर हुई, और 27 ईसा पूर्व में रोमन साम्राज्य की स्थापना के साथ ही इसका समापन हो गया। यह वह अवधि जिसमें कि रोम अपने शहर के ही आसपास एवं पूरे भूमध्य दुनिया भर में नियंत्रण करता था।

अपने अस्तित्व के पहले दो शताब्दियों के दौरान ही रोमन गणराज्य, विजय और गठबंधन के माध्यम से केंद्रीय इटली से पूरे इतालवी प्रायद्वीप में विस्तार कर लिया। अगली सदी तक यह उत्तरी अफ्रीका, औबेरियन प्रायद्वीप और अब के दक्षिणी फ्रांस वाले इलाकों तक विस्तार कर चुका था। इसकी अगली दो सदियों में, 1 शताब्दी ईसा पूर्व के अंत तक, यह वर्तमान फ्रांस, यमन और पूर्वी भूमध्यसागर के अधिकतम भाग में फैल चुका था। हालांकि इस समय तक, आंतरिक तनाव के कारण गृहयुद्ध की एक श्रृंखला चालू हो गई, जोकि जूलियस सीजर, जिसने गणराज्य भंग कर साम्राज्य की स्थापना की, कि हत्या के साथ ख़तम हुआ।

सत्ता परिवर्तन की सही तारीख को लेकर इतिहासकारों के बीच मतभेद हैं। इतिहासकारों ने 49 ईसा पूर्व में जूलियस सीजर के रुबिकन नदी के पार करने को आधार बनाया है जिसमें 44 ईसा पूर्व में सीजर की तानाशाह के रूप में नियुक्ति, और 31 ईसा पूर्व में अक्टिअम की लड़ाई में मार्क एंटनी और क्लियोपेट्रा की हार शामिल हैं। हालांकि, ज्यादातर लोगों ने प्राचीन रोम के लोगों के द्वारा वर्णित तिथि का ही उपयोग किया हैं, ओक्टवियान के लिए असाधारण शक्तियों का रोमन सीनेट ने स्वागत किया और उसने 27 ईसा पूर्व में ऑगस्टस सीज़र की उपाधि ग्रहण की, और इसी के साथ ही गणराज्य के समाप्त होने की घोषणा कर दी गई।

पत्थर पर एसपीक्यूआर अंकित

रोमन सरकार दो कौंसल की अध्यक्षता में गठित किया जाता था, जिन्हें नागरिकों द्वारा प्रतिवर्ष निर्वाचित और नियुक्त मजिस्ट्रेटों से बने एक सीनेट की सलाह द्वारा चुना जाता था। रोमन समाज को उस समय का सबसे आधुनिक समाज के रूप श्रेणीबद्ध किया गया था, रोमन सरकार का विकास, पैट्रीसियंस रोम के अभिजात जमींदार वर्ग, जिन्हें यह अपने पूर्वजों से प्राप्त हुई, और प्लेबीयन्स जिनमे आम नागरिक आते थे, के बीच संघर्ष से बहुत प्रभावित था। समय के साथ, कानून में पैट्रीसियंस को प्राप्त कई विशेषाधिकार निरस्त या कमजोर कर दिया गया और अग्रणी अभिजात वर्ग सरकारी कार्यालयों पूर्ण सदस्य बन गए। गणराज्य के नेताओं ने शांति और युद्ध के समय एक मजबूत परंपरा और नैतिकता, सार्वजनिक सेवा और संरक्षण की आवश्यकता का विकास किया जिससे सैन्य और राजनीतिक अभिन्न रूप से जुड़े। रोम के कई कानूनी और विधायी संरचनाएं (जिसकी व्याख्या नेपोलियन संहिता और फिर जुस्टीनियन संहिता में देखने को मिले) अभी भी यूरोप भर में तथा दुनिया भर के कई आधुनिक राष्ट्र राज्यों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में देखा जा सकता है।

इसकी शुरुआत सन् ५०९ ईसापूर्व में रोम में राजशाही की समाप्ति के साथ हुई और यह २७ ईसापूर्व में ऑगस्टस कैसर द्वारा राजसिन्हासन पर विराजमान होने तक चली। रोम गणतंत्र का नेतृत्व दो कोन्सुल किया करते थे जिनका चुनाव नागरिक एक वर्ष की अवधि के लिये किया करते थे। एक सेनेट नामक सभा इनके सलाहकार के रूप में काम करती थी और यह कोन्सुल उसे जवाबदेह भी थे। शक्तियों के इस बटवारे से किसी भी शासक को अधिक ताक़त समेटकर तानाशाह बनने से रोकने की चेष्टा की गई थी। धीरे-धीरे इन सिद्धांतो पर आधारित एक संविधान ने भी रूप ले लिया।

रोम गणतंत्र के काल में रोमन साम्राज्य का बहुत विस्तार हुआ। पहले यह पूरे इतालवी प्रायद्वीप पर फैल गया। फिर उत्तर अफ़्रीका, इबेरियाई प्रायद्वीप, यूनान और दक्षिणी फ़्रान्स भी इसके अधीन हो गये। पहली सदी ईसापूर्व तक पूरा फ़्रान्स और पूर्वी भूमध्य सागर से सटा हुआ लगभग सारा इलाक़ा साम्राज्य का भाग बन चुका था।[२][३]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  1. साँचा:cite journal
  2. Gary Forsythe, A Critical History of Early Rome: From Prehistory to the First Punic War, p.368, University of California Press, 2006
  3. V. Henry T. Nguyen, Christian Identity in Corinth: A Comparative Study of 2 Corinthians, Epictetus and Valerius Maximums, p.24, Mohr Siebeck, 2008