राधानाथ राय
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कविवर राधानाथ राय | |
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स्थानीय नाम | କବିବର ରାଧାନାଥ ରାୟ |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
मृत्यु स्थान/समाधि | साँचा:br separated entries |
व्यवसाय | विद्यालय निरीक्षक |
भाषा | ओड़िया भाषा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विधा | कवि, उपन्यासकार, लघुकथाकार, निबन्धकार, नाटककार, शिक्षाविद्, संस्कृति उन्नायक, वक्ता, गीतकार |
उल्लेखनीय कार्यs | केदार गौरी, चिलिका |
जीवनसाथी | पारसमणि |
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राधानाथ राय (साँचा:langWithName) (28 सितम्बर 1848 – 17 अप्रैल 1908) उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध काल के ओडिया कविता में प्रारंभिक आधुनिकता युग के एक लेखक थे। उन्हें ओडिया साहित्य में "कविवर" की उपाधि से सम्मानित किया जाता है। [१] [२] अपने प्रारंभिक जीवन में, उन्होंने ओड़िया और बांग्ला दोनों भाषाओं में रचना की, लेकिन बाद में उन्होंने केवल ओडिया में ही लेखन किया।
उनका जन्म 28 सितंबर 1848 को ओडिशा के बालेश्वर जिले के केदारपुर गांव में हुआ था।
रचनाएँ
काव्य
- केदारगौरी (१८८५)
- चन्द्रभागा (१८८६)
- नन्दिकेश्वरी (१८८७)
- उषा (१८८८)
- पार्वती (१८९०)
- चिलिका (१८९१)
- महायात्रा (१८९१-९२)
- दरबार (१८९७)
कविता
- तुळसी स्तवक (१८९४)
- ययातिकेशरी (१८९४)
- उर्बशी (१८९५)
- दशरथ बियोग (१९०१)
- भारत गीतिका (१९०३)
- धवलेश्वर स्तोत्रम् (१९०३)
- सावित्री चरित्र (१९०६)
- तिनिबन्धु (१८९८)
- बन्दना (१९११)
- निवेदन (१९११)
- प्रतापरुद्र (१९११)
- श्मशान दृश्य (१९०४)
- एकाग्रता। (१९०४)
- दुर्योधनर रक्तनदी सन्तरण (१९०५)
- चिलिकारे सायन्तन दृश्य