यूरोपीय संघ

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(युरोपियन यूनियन से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

{{

 साँचा:namespace detect

| type = content | image = Gnome globe current event.svg | imageright = | class = | style = | textstyle = | text = इस लेख की सामग्री पुरानी है। कृपया इस लेख को नयी मिली जानकारी अथवा नयी घटनाओं की जानकारी जोड़कर बेहतर बनाने में मदद करें
| small = | smallimage = | smallimageright = | smalltext = | subst = | date = | name = }} यूरोपीय संघ मुख्यत: यूरोप में स्थित 27 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रो पर लागू होती है। इसका अभ्युदय 1 जनवरी 1957 में रोम की संधि द्वारा यूरोपिय आर्थिक परिषद के माध्यम से छह यूरोपिय देशों की आर्थिक भागीदारी से हुआ था। तब से इसमें सदस्य देशों की संख्या में लगातार बढोत्तरी होती रही और इसकी नीतियों में बहुत से परिवर्तन भी शामिल किये गये। 1992 में मास्त्रिख संधि द्वारा इसके आधुनिक वैधानिक स्वरूप की नींव रखी गयी। दिसम्बर 2009 में लिस्बन समझौता जिसके द्वारा इसमें और व्यापक सुधारों की प्रक्रिया 1 जनवरी 2008 से शुरु की गयी है।

यूरोपियन कमीशन

यूरोपिय संघ सदस्य राष्ट्रों को एकल बाजार के रूप में मान्यता देता है एवं इसके कानून सभी सदस्य राष्ट्रों पर लागू होता है जो सदस्य राष्ट्र के नागरिकों की चार तरह की स्वतंत्रताएँ सुनिश्चित करता है:- लोगों, सामान, सेवाएँ एवं पूँजी का स्वतंत्र आदान-प्रदान.[१] संघ सभी सदस्य राष्ट्रों के लिए एक तरह की व्यापार, मतस्य, क्षेत्रीय विकास की नीति पर अमल करता है[२] 1999 में यूरोपिय संघ ने साझी मुद्रा यूरो की शुरुआत की जिसे पंद्रह सदस्य देशों ने अपनाया। संघ ने साझी विदेश, सुरक्षा, न्याय नीति की भी घोषणा की। सदस्य राष्ट्रों के बीच श्लेगन संधि के तहत पासपोर्ट नियंत्रण भी समाप्त कर दिया गया।[३]

यूरोपिय संघ में लगभग 500 मिलियन नागरिक हैं, एवं यह विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का 31% योगदानकर्ता है जो 2007 में लगभग (यूएस$16.6 ट्रिलियन) था।[४]

यूरोपीय संघ समूह आठ संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं विश्व व्यापार संगठन में अपने सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करता है। यूरोपीय संघ के 21 देश नाटो के भी सदस्य हैं। यूरोपीय संघ के महत्वपूर्ण संस्थानों में यूरोपियन कमीशन, यूरोपीय संसद, यूरोपीय संघ परिषद, यूरोपीय न्यायलय एवं यूरोपियन सेंट्रल बैंक इत्यादि शामिल हैं। यूरोपीय संघ के नागरिक हर पाँच वर्ष में अपनी संसदीय व्यवस्था के सदस्यों को चुनती है।

यूरोपीय संघ को वर्ष 2012 में यूरोप में शांति और सुलह, लोकतंत्र और मानव अधिकारों की उन्नति में अपने योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[५][६]

इतिहास

साँचा:main

द्वीतिय विश्व युद्ध के समाप्ति के बाद पश्चिमी यूरोप के देशों में एकता के पक्ष में माहौल बनना शुरु हुआ जिसे लोग अति राष्ट्रवाद, (जिसने कई राष्ट्रों को नेस्तनाबूद कर दिया था) के फलस्वरूप उपजे परिस्थितियों से पलायन के रूप में भी देखते हैं।[७] यूरोप के एकीकरण का सबसे पहला सफल प्रस्ताव 1951 में आया जब यूरोप के कोयला एवं स्टील उद्योग लाबी ने लामबंदी शुरु की। यह मुख्यतया सदस्य राष्ट्रों, खासकर फ्रांस और पश्चिमी जर्मनी में कोयला और इस्पात उद्योगों को एकीकृत नियंत्रण में लाने का प्रयास था। ऐसा खासकर इसलिए सोचा गया ताकि इन दो राष्ट्रों में संघर्ष की स्थिति भविष्य में उत्पन्न न हो। इस लाबी के कर्ता धर्ता ने तभी इसे संयुक्त राज्य यूरोप की परिकल्पना के रूप में प्रचारित किया था।[८] यूरोपीय संघ के अन्य संस्थापक राष्ट्रों में बेल्जियम, इटली, लक्जमबर्ग, एवं नीदरलैंड प्रमुख थे।[९]

इस सांगठनिक प्रयास के बाद बाद 1957 में दो संस्थायें गठित की गयी जिसमें यूरोपियन इकानामिक कम्यूनिटी एवं यूरोपीय परमाणु उर्जा कम्यूनिटी प्रमुख थे। इन संस्थाओं का उद्देश्य नाभीकिय उर्जा एवं आर्थिक क्षेत्र में सहयोग करना था।[९] 1967 में उपरोक्त तीनों संस्थाओं का विलय होकर एक संस्था का निर्माण हुआ जिसे यूरोपियन कम्यूनिटी के नाम से जाना गया। (EC).[१०]

1973 में इस समुदाय में डेनमार्क, आयरलैंड एवं ब्रिटेन का पदार्पण हुआ।[११] नार्वे भी इसी समय इसमें शामिल होना चाहता था लेकिन जनमत संग्रह के विपरित परिणामों के कारण उसे सदस्यता से वंचित रहना पड़ा। 1979 में पहली बार यूरोपीय संसद का गठन हुआ और इसमें लोकतांत्रिक पद्धति से सदस्य चुने गये।[१२]

यूनान, स्पेन एवं पुर्तगाल 1980 में यूरोपीय संघ के सदस्य बने।[१३] 1985 में श्लेगेन संधि संपन्न हुई जिसके बाद सदस्य राष्ट्रों के नागरिकों का एक-दूसरे के राष्ट्र में बगैर पासपोर्ट के आना जाना शुरु हुआ।[१४] 1986 में यूरोपीय संघ के सदस्यों ने सिंगल यूरोपियन एक्ट पर हस्ताक्षर किये और संघ का झंडा वजूद में आया। 1990 में पूर्वी जर्मनीका पश्चिमी जर्मनी में एकीकरण हुआ।[१५]

मस्त्रिख की संधि 1 नवंबर 1993 से प्रभावी हुई।[१६] मस्त्रिख की संधि के बाद यूरोपियन कम्यूनिटिज अब आधिकारिक रूप से यूरोपियन कम्यूनिटी बन गया। जिसमें एकीकृत रूप से विदेश निती, पुलिस एवं न्याय व्यवस्था के मसलो पर एक जैजी नीतियाँ बनने लगीं।

2007 में लिस्बन समझौते पर हस्ताक्षर के बाद यूरोपियन संघ के नेतागण

1995 में इस संघ में आस्ट्रिया, स्वीडन एवं फिनलैंड भी आ जुड़े। 1997 में मस्त्रिख संधि का स्थान एम्स्टर्डम संधि ने ले लिया जिसके बाद विदेश नीति एवं लोकतंत्र संबंधी नीतियों में व्यापक परिवर्तन हुए। एम्स्टर्डम के पश्चात 2001 में नीस की संधि आई जिससे रोम एवं मिस्त्रिख में हुई संधियों में सुधार किया गया जिससे पूर्व में संध के विस्तार का मार्ग प्रशस्त हुआ। 2002 में यूरो को 12 सदस्य राष्ट्रों ने अपनी राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में स्वीकार किया। 2004 में दस नये राष्ट्रों का इसमें और जुड़ाव हुआ जो ज्यादातर पूर्वी यूरोप के देश थे।[१७] 2007 के प्रारंभ में रोमानिया एवं बुल्गारिया ने यूरोपीय संघ की सदस्यता ग्रहण की और स्लोवानिया ने यूरो को अपनाया। पहली जनवरी 2008 को माल्टा एवं साईप्रस ने भी यूरोपीय संघ में प्रवेश लिया।[१७]

यूरोपीय संघ के गठन के लिए 2004 में रोम में एक संधि पर हस्ताक्षर किए गये जिसका उद्देश्य पिछले सभी संधियों को नकार कर एकीकृत कर एकल दस्तावेज तैयार करना था। लेकिन ऐसा कभी संभव न हो सका क्योंकि इस उद्देश्य के लिए कराए गये जनमत सर्वेक्षण में फ्रांसिसी एवं डच मतदाताओं ने इसे नकार दिया। 2007 में एक बार फिर लिस्बन समझौता हुआ जिसमें पिछली संधियों को बगैर नकारे हुए उनमें सुधार किए गये। जनवरी २००९ से इस संधि के प्रावधानों को पूरी तरह लागू कर दिया गया।

२० फरवरी २०१६ को ब्रितानी प्रधानमंत्री डैविड कैमरन ने ब्रिटेन की यूरोपीय संघ में सदस्यता पर जनमत संग्रह कराने की घोषणा की। २३ जून को हुए इस जनमत संग्रह का परिणाम ब्रिटेन के युरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में आया। [१८]

इसे यूरोपीय संघ की एकता के लिए गहरे आघात के रूप में देखा गया। लिस्बन संधी के अनुसार ब्रिटेन के पास अलगाव की प्रक्रिया पूरी करने के लिए दो वर्ष का समय है।

सदस्य राष्ट्र

साँचा:main साँचा:image frame यूरोपीय संघ में 28 संप्रभु राष्ट्र हैं जो सदस्य राष्ट्रों के तौर पर जाने जाते हैं:- आस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, ईटली, लातीविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवानिया, स्पेन, स्वीडन,.कोएशिया[१९] इस समय तीन राष्ट्र आधिकारिक तौर पर इसकी सदस्यता की प्रतीक्षा में हैं, मकदूनिया एवं तुर्की; पश्चिमी बाल्कन राष्ट्र अल्बानिया, बोस्निया हर्जोगोविना, मांटीनीग्रो एवं सर्बिया आधिकारिक तौर पर संभावित सदस्य देशों के रूप में चिन्हित किये गये हैं।[२०]

यूरोपीय परिषद द्वारा यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिए कोपेनहेगन पात्रता की शर्ते निर्धारित की गयी हैं, जिसके अनुसार: स्थायी लोकतंत्र जिसमें मानवाधिकारों एवं न्याय पर आधारित शासन व्यव्स्था हो; एक कार्यकारी बाजार व्यवस्था हो जो संघ के अंतर्गत प्रतियोगिता को बढावा देता हो; एवं संघ की नीतियों का पालन करने की वचनबद्धता शामिल है।[२१]

पश्चिम यूरोप के चार राष्ट्रों ने संघ की सदस्यता न लेकर आंशिक रूप से संघ की आर्थिक व्यवस्था में शामिल हैं जिनमें आइसलैंड, लीकटेन्स्टीन एवं नार्वे प्रमुख हैं, एवं स्वीटजरलैंड ने भी द्वीपक्षीय समझौते के तहत ऐसा स्वीकार किया है।[२२] यूरो का प्रयोग एवं अन्य सहयोग कर सकते हैं।[२३][२४][२५]

भौगोलिक स्थिति

साँचा:main

आल्पस पर्वत पर स्थित माउंट ब्लांक यूरोपिय संघ मे स्थित सबसे ऊँची चोटी है

यूरोपीय संघ का भौगोलिक क्षेत्र 27 सदस्य देशों की भूमि है जिनमें कुछ अपवादीय स्थितियाँ शामिल हैं। यूरोपीय संघ का क्षेत्र पूरा यूरोप नहीं है चूँकि कुछ यूरोपीय देश जैसे स्वीटजरलैंड, नार्वे, एवं सोवियत रूस इसका हिस्सा नहीं हैं। कुछ सदस्य राष्ट्रों के भूमि क्षेत्र भी यूरोप का हिस्सा होते हुए भी संघ के भौगोलिक नक्शे में शामिल नहीं है, उदहारण के तौर पर चैनल एवं फरोर द्वीप के हिस्से। सदस्य देशों के वे हिस्से जो यूरोप का हिस्सा नहीं हैं वे भी यूरोपीय संघ की भौगोलिक सीमा से परे माने गये हैं:- जैसे ग्रीनलैंड, अरूबा, नीदरलैंड के कुछ हिस्से और ब्रिटेन के वे सारे क्षेत्र जो यूरोप का हिस्सा नहीं हैं। कुछ खास सदस्य देशों का भौगोलिक क्षेत्र जो यूरोप का अंग नहीं है, फिर भी उन्हें यूरोपीय संघ की भौगोलिक सीमा में शामिल माना गया है, उदहारण के तौर पर अजोरा, कैनरी द्वीप, फ्रेंच गुयाना, गुडालोप, मदेरिया, मार्तीनीक एवं रेयूनियोन.[२६][२७][२८]

यूरोपिय संघ की जलवायु को उसकी 66,000 किमी लंबी तटरेखा काफी प्रभावित करती है

यूरोपीय संघ की संयुक्त भौगोलिक सीमा 4422773 वर्ग किमी है।[२९] यूरोपीय संघ विश्व की भौगोलिक क्षेत्रीय सीमा के अनुसार सांतवी सबसे बड़ी है और इस सीमा के अंदर सबसे ऊँचा क्षेत्र आल्प्स पर्वत स्थित माउंट ब्लांक है जो समुद्रतल से 4807 मीटर ऊँचा है। यहाँ का भूक्षेत्र, यहाँ की जलवायु एवं यहाँ की अर्थव्यवस्था में इसकी 65993 किमी लंबी तटरेखा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो कनाडा के बाद सबसे लंबी तटरेखा है।[३०][३१][३२]

यूरोपीय संघ की भौगोलिक सीमा में (यूरोप से बाहर के देशों को मिलाकर) जलवायु के लिहाज से यहाँ का मौसम ध्रुवीय जलवायु से लेकरशीतोष्ण कटिबंधिय का अनुभव किया जा सकता है, इसलिए पूरे संघ के औसत मौसम की बात करना बेमानी होती है। व्यवहारिक तौर पर यूरोपीय संघ के ज्यादातर क्षेत्र में मेडिटेरेनियन (दक्षिणी यूरोप), विषुवतीय (पश्चिमी यूरोप) एवं ग्रीष्म (पूर्वी यूरोप) जलवायु पाया जाता है।[३३]

प्रशासन


यूरोपीय संघ अपने कई प्रशासनिक एवं अन्य इकाइयों द्वारा संचालित होता है, जिनमें मुख्य रूप से काउंसिल ऑफ यूरोपियन यूनियन, यूरोपियन कमीशन, एवं यूरोपियन पार्लियामेंटसबसे प्रमुख हैं।

यूरोपीय आयोग संघ के प्रमुख कार्यकारी अंग के तौर पर काम करता है और इसके दैनंदिन कामों की जिम्मेवारी इसी पर होती है जिसे इसके 27 कमीश्नर संचालित करते हैं जो 27 सदस्य राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस आयोग के अध्यक्ष एवं सभी 27 प्रतिनिधि यूरोपीय परिषद द्वारा नामित किये जाते हैं। अध्यक्ष एवं सभी 27 प्रतिनिधियों की नियुक्ति पर यूरोपीय संसद की मंजूरी आवश्यक होती है।[३४]

यूरोपीय परिषद (यूरोपियन काउंसिल) जिसे काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स के नाम से भी जाना जाता है, के आधे सदस्य संघ की न्यायिक व्यवस्था का हिस्सा होते है।[३५] न्यायिक कामों के अलावा परिषद विदेश एवं सुरक्षा नीतियों के कार्यान्वण एवं निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

यूरोपीय संघ में उच्च स्तर के राजनैतिक निर्णय के लिए नेतृत्व यूरोपीय काउंसिल अर्थात यूरोपीय परिषद द्वारा किया जाता है। यूरोपीय परिषद की बैठक साल में चार बार होती है एवं इसकी अध्यक्षता उस साल यूरोपीय संघ का अध्यक्ष राष्ट्रप्रमुख करता है जिसका मुख्य कार्य यूरोपीय संघ की नीतियों के अनुरूप काम करना एवं भविष्य के लिए दिशा निर्देश जारी करना होता है।[३६]


यूरोपीय संघ की अध्यक्षता का कार्य हर सदस्य देश के जिम्मे रोटेटिंग आधार पर छह महीने के लिए आता है, इस दौरान यूरोपियन काउंसिल एवं काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स के हर बैठक की जिम्मेवारी उस सदस्य राष्ट्र पर होती है।[३७] अध्यक्षता के दौरान अध्यक्ष राष्ट्र अपने खास एजेंडों पर ध्यान देता है जिसमे आम तौर पर आर्थिक एजेंडा, यूरोपीय संघ में सुधार एवं संघ के विस्तार एवं एकीकरण के मुद्दे खास होते हैं।

यूरोपीय संघ के न्यायिक प्रक्रिया का दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा यूरोपीय संसद होती है। यूरोपीय संसद के सदस्य के ७८५ सदस्य हर पांच वर्ष में यूरोपीय संघ की जनता द्वारा सीधे चुने जाते हैं। हलांकि इन सदस्यों का चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर होता है परंतु यूरोपीय संसद में वे अपनी राष्ट्रीयता के अनुसार न बैठकर दलानुसार बैठते हैं। हर सदस्य राष्ट्र के लिए सीटों की एक निश्चित संख्या आवंटित होती है। यूरोपीय संसद को संघ के विधायी शक्तियों के मामलों में यूरोपीय परिषद की तरह ही शक्तियां हासिल होती हैं और संसद वे संघ की खास विधायिकाओं को स्वीकृत या अस्वीकृत करने की शक्ति से लैस होते हैं। यूरोपीय संसद का अध्यक्ष न सिर्फ बाहरी मंचों पर संघ का प्रतिनिधित्व करता है बल्कि यूरोपीय संसद के स्पीकर का भी दायित्व निभाता है। अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव यूरोपीय संसद के सदस्य हर ढा़ई साल के अंतराल पर करते हैं।[३८] कुछेक मामलों को छोडकर ज्यादातर मामलों में न्यायिक प्रक्रिया की शुरुआत करने का अधिकार युरोपियन कमीशन को होता है, ऐसा ज्यादातर रेग्यूलेशन, एवं संसद के अधिनियमों द्वारा किया जाता है जिसे सदस्य राष्ट्रों को अपने अपने देशों में लागू करने की बाध्यता होती है।[३९]

राजनीति

साँचा:main

यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष श्री एवं स्लोवानिया के प्रधानमंत्री श्री जाँ जसाँ

अक्सर यूरोपीय संघ की राजनीति को तीन तत्वों से सबसे ज्यादा संचालित माना जाता है जिसे "पिलर्स" या स्तंभ कहा जाता है। यूरोपीय कम्यूनिटी की पुरानी नीतियों को इसका पहला स्तंभ कहा जाता है, दूसरे स्तंभ के तौर पर संयुक्त विदेश एवं सुरक्षा नीति का नाम लिया जाता है जबकि तीसरा स्तंभ पहले तो न्यायिक एवं घरेलू मामलात हुआ करते थे लेकिन एम्सटर्डम एवं नीस के समझौतों के बाद पुलिस एवं आपराधिक मामलों में सहयोग पर ज्यादा केंद्रित हो गया है। मोटे तौर पर कहा जाए तो अंतर्षाट्रीय मामलों को देखते हुए दूसरा एवं तीसरा स्तंभ महत्वपूर्ण हो जाता है।[४०]

इस समय यूरोपीय संघ के समक्ष दो सबसे बडे़ मुद्दे हैं, वे हैं यूरोपीय एकीकरण एवं विस्तार। खासकर विस्तार, नये राष्ट्रों का यूरोपीय संघ में समावेश बडा़ राजनैतिक मुद्दा है। नये राष्ट्रों के समावेश का समर्थन करने वालों का मानना है कि इससे लोकतंत्र का विस्तार होता है एवं यूरोपीय अर्थव्यवस्था को भी संबल मिलता है। जबकि विरोध करनेवालों का मानना है कि यूरोपीय संघ अपनी वर्तमान राजनैतिक क्षमताओं एवं सीमाओं से परे एवं अपनी भौगोलिक सीमाओं से बाहर जा रहा है जो इसके हित में नहीं है। जहां तक जनमत और राजनैतिक दलों का सवाल है, इस बारे में वे खासे सशंकित हैं खासकर २००४ में एक साथ दस नये सदस्य देश बनने के पश्चात और यह आशंका तुर्की की उम्मीद्वारी के बाद और भी बलवती हो गयी है।[४१][४२][४३]

यूरोपिय संघ के अध्यक्ष श्री जोसे मैनुअल बरासो

एकीकरण एक दूसरा महत्वपूर्ण मसला है जहां अक्सर माना जाता है कि राष्ट्रीय भावनायें अक्सर यूरोपीय संघ के बृहत उद्देश्यों से टकराहट मोल लेती रहती है। विभिन्न राष्ट्रों के बीच समन्वय का लक्ष्य अक्सर राष्ट्रीय शक्तियों को यूरोपीय संघ में विलयित करने को बाध्य करता है जिसकी आलोचना अक्सर यूरोस्केपिस्ट लोगों द्वारा संप्रभुता खोने का डर दिखाकर की जाती रहती है।[४४] सन २००४ में राष्ट्रीय नेताओं एवं यूरोपीय संघ के अधिकारियों द्वारा एक साझा यूरोपीय संविधान पर सहमति बनायी गयी थी लेकिन इसे दो सदस्य राष्ट्रों के जनमत सर्वेक्षण में खारिज कर दिये जाने के कारण लागू नहीं किया गया क्योंकि उन्हें डर था कि अन्य देशों में भी इसे खारिज कर दिया जाएगा। बाद में अक्टूबर २००७ में लिस्बन समझौते के बाद एक नया संविधान बनाया गया जिसमें ज्यादातर पुराने नियमों एवं प्रावधानों को ही रखा गया।

प्रस्तावित समझौते का २००९ में प्रभावी होना तय किया गया है। यदि यह सर्वस्वीकृत रहा तो इससे यूरोपीय संसद की शक्तियां काफी बढ जायेगी। इस समझौते के लागू होने से उपर उल्लेख किये गये पिलर्स भी निष्प्रभावी हो जायेंगे। विदेश नीति के बहुत से मुद्दे इससे विभिन्न राष्ट्रों के बीच सुलझाये जाने की बजाय सीधे सीधे यूरोपीय संघ की संस्थाओं द्वारा निर्देशित एवं संचालित होंगे।[४५][४६]

विधि व्यवस्था

साँचा:nowrap
शहर शहर सीमा
(2006)
घनत्व/वकिमी²
(शहरी परिसीमा)
मुख्य क्षेत्र
(2005)
LUZ
(2001)
बर्लिन 3,405,000 3,815 3,761,000 4,935,524
लंदन 7,512,400 4,761 9,332,000 11,624,807
मैड्रिड 3,228,359 5,198 4,858,000 5,372,433
पेरिस 2,153,600 24,672 9,928,000 10,952,011
रोम 2,705,603 2,105 2,867,000 3,700,424

यूरोपीय संघ का आधार विभिन्न ऐतिहासिक समझौते हैं, जिनसे पहले तो यूरोपीय संघ की स्थापना हुई और फिर उन समझौतों में तरह तरह के सुधार किये जाते रहे।[४७] ये समकझौते यूरोपीय संघ की बृहत नीतियों का आधार एवं उद्देश्य निर्धारित करती हैं तथा उन्हें आवश्यक विधायी शक्तियां प्रदान करती है। इन विधायी शक्तियों में किसी कानून को लागू करवाने की शक्ति[४८] जो सीधे-सीधे सभी सदस्य राष्ट्रों एवं उसके नागरिकों को प्रभावित करती है।[४९]

भाषाएँ

साँचा:main

भाषाएँ (2006)[५०]
भाषा एल१ कुल
अंग्रेजी १३% ५१%
जर्मन १८% ३२%
फ्रेंच १२% २६%
इतालवी १३% १६%
स्पैनिश ९% १५%
पोलिश ९% १०%
रूमानियाई ७% ७%
डच ५% ६%
यूनानी ३% ३%
स्वीडिश २% ३%
चेक २% ३%
पुर्तगाली २% २%
हंगेरियाई २% २%
साँचा:nowrap ~६%
अल्पसंख्यक भाषाएँ ~१६%

यूरोपीय संघ के २३ आधिकारिक एवं कार्यकारी भाषायें: बुल्गारियाई, चेक, डैनिश, डच, अंग्रेजी, एस्तोनियाई, फिनिश, फ्रेंच, जर्मन, यूनानी, हंगेरियाई, इतालवी, आयरिश, लातीवियाई, लिथुयानियाई, माल्टी, पोलिश, पुर्तगाली, रुमानियाई, स्लोवाक, स्लोवानियाई, स्पैनिश एवं स्वीडिश हैं।[५१]

यूरोप में ईश्वर में आस्था रखने वालों का प्रतिशत (चित्र में गैर सदस्य राष्ट्र भी शामिल हैं)

यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष

संदर्भ सूची

साँचा:reflist

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:columns

स्क्रिप्ट त्रुटि: "navboxes" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

साँचा:विश्व व्यापार संगठन साँचा:Quartet on the Middle East

स्क्रिप्ट त्रुटि: "navboxes" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

  1. साँचा:cite web; साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
  3. साँचा:cite web
  4. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; आईएमएफ जीडीपी नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  5. साँचा:cite
  6. साँचा:cite
  7. साँचा:cite web
  8. साँचा:cite web
  9. साँचा:cite web
  10. साँचा:cite web
  11. साँचा:cite web
  12. साँचा:cite web
  13. साँचा:cite web
  14. साँचा:cite web
  15. साँचा:cite web
  16. साँचा:cite web; साँचा:cite book
  17. साँचा:cite web
  18. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  19. साँचा:cite web
  20. साँचा:cite web
  21. साँचा:cite web
  22. यूरोपियन माइक्रो-स्टेट्स: एंडोरा, मोनाको, सैन मरीनो, लीकटेन्स्टीन एवं वेटिकन सिटी
  23. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; EEA नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  24. साँचा:cite web
  25. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; विश्व में यूरो का प्रयोग नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  26. साँचा:cite web
  27. साँचा:cite web
  28. साँचा:cite web
  29. इसमें फ्रांस के चार बाहरी क्षेत्र (फ्रेंच गयाना, गुडालोप, मार्तीनिक, रेयूनियोन) भी शामिल हैं जो यूरोपीय संघ के हिस्से हैं, परंतु इसमें फ्रांस के कुछ विशेष हिस्से शामिल नहीं हैं।
  30. साँचा:cite web
  31. साँचा:cite web
  32. साँचा:cite web
  33. साँचा:cite web
  34. साँचा:cite web
  35. साँचा:cite web
  36. साँचा:cite web
  37. साँचा:cite web
  38. साँचा:cite web
  39. साँचा:cite web
  40. साँचा:cite web
  41. साँचा:cite web
  42. साँचा:cite web
  43. साँचा:cite web
  44. साँचा:cite web
  45. साँचा:cite web
  46. साँचा:cite web
  47. साँचा:cite web
  48. {{cite web |title=यूरोपियन यूनियन कंसॉलिडेशन ट्रीटी, (आर्टिकिल २४९, प्रोविजन्स फॉर मेकिंग रेग्यूलेशन्स) |url=http://eur-lex.europa.eu/LexUriServ/site/en/oj/2006/ce321/ce32120061229en00010331.pdf स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। |publisher=यूरोपियन कमीशन|accessdate=८ सितंबर २००७}
  49. According to the principle of Direct Effect first invoked in the Court of Justice's decision in साँचा:cite court. See: Craig and de Búrca, ch. 5.
  50. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Eurobarometer Languages नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  51. साँचा:cite web