मोटर-जनित्र

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एक मोटर-जनरेटर सेट जिसका उपयोग किसी डीसी वोल्टता को अन्य किसी वोल्टता में बदलने के लिए किया जा सकता है।
वार्ड-लियोनार्ड प्रणाली - चाल-नियंत्रण का प्रसिद्ध प्रणाली थी जो उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम दिनों से लेकर २१वीं शताब्दी के आरम्भिक दिनों तक प्रचलन में थी।

मोटर-जनित्र (motor-generator या M-G set या dynamotor = dynamo-motor) वह युक्ति है जो एक प्रकार की विद्युत उर्जा को दूसरे प्रकार की उर्जा में परिवर्तित करने के काम आती है।

मोटर-जनित्र का उपयोग आवृति, वोल्टता या कला (फेज) बदलने में होता है। इसके अलावा इनका उपयोग लाइन से पूर्णतः बिलगित (isolated) विद्युत प्राप्त करने में भी होता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की शक्ति-रूपान्तरण एवं नियंत्रण (जैसे स्पीड-कंट्रोल आदि) में भी होता है।

बड़े-बड़े मोटर-जनित्रों का उपयोग उद्योगों में उर्जा रूपान्तरण के लिये होती थी जबकि छोटे मोटर-जनित्रों का प्रयोग बैटरी से उच्च वोल्तता की डीसी आदि पैदा करने में होता था।

मोटर-जनित्र से हम निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं-

  • प्रत्यावर्ती धारा को दिष्टधारा में बदलना
  • दिष्टधारा को प्रत्यावर्ती धारा में बदलना ( DC to AC)
  • किसी डीसी को अन्य वोल्टता की डीसी में बदलना (डाइनेमोटर = डाइनेमो + मोटर)
  • तीन तार वाला डीसी प्रणाली बनाना
  • किसी एसी को अन्य आवृत्ति की एसी में बदलना
  • किसी नियत आवृत्ति की एसी को परिवर्ती आवृत्ति की एसी में बदलना
  • एकल-फेज की एसी को तीन फेज की एसी में बदलना

इन्हें भी देखें