माइमस (उपग्रह)

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कैसिनी द्वारा फरवरी २०१० में ली गयी माइमस की तस्वीर जिसमें हरशॅल क्रेटर नज़र आ रहा है
माइमस का नक़्शा
शनि के छल्लों के ऍफ़ छल्ले के पीछे माइमस

माइमस हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का सातवा सब से बड़ा उपग्रह है। पूरे सौर मण्डल में यह बीसवा सब से बड़ा उपग्रह है। माइमस सब से छोटी ज्ञात खगोलीय वस्तु है जो अपने गुरुत्वाकर्षण के खींचाव से स्वयं को गोल कर चुकी है। माइमस का व्यास (डायामीटर) ३९६ किमी है।[१]

बनावट और रंग-रूप

माइमस का कम घनत्व देखते हुई पता लगता है के यह लगभग सारा-का-सारा ही पानी की बर्फ़ का बना है और इसमें बहुत कम भाग पत्थरीला है। शनि के भयंकर गुरुत्वाकर्षण से पैदा हुए ज्वारभाटा बल की वजह से माइमस का गोला थोड़ा सा पिचका लगता है - इसका एक अक्ष (ऐक्सिस) दुसरे अक्ष से १०% कम है। इस उपग्रह पर बहुत से उल्कापिंडों के गिरने से जगह-जगह पर प्रहार क्रेटर (गड्ढे) बने हुए हैं। एक हरशॅल नाम का विशाल क्रेटर व्यास (डायामीटर) में १३० किमी है, जो की पूरे उपग्रह के व्यास का एक-तिहाई है। इस क्रेटर का फर्श कहीं-कहीं पर इसके इर्द-गिर्द की ज़मीन से १० किमी तक की गहराई पर है और इस गड्ढे की दीवारे ५ किमी ऊंची हैं। जिस भी चीज़ ने टकराकर यह क्रेटर बनाया उसने माइमस को बस तोड़ते-तोड़ते छोड़ दिया। इस क्रेटर से माइमस की उलटी तरफ़ की ज़मीन भी टूटी-फूटी है, यानि टकराव का झटका पूरे माइमस को बुरी तरह हिला गया।

हालांकि की लगभग पूरे माइमस पर ४० किमी व्यास से बड़े क्रेटर देखे जा सकते हैं, इसके दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में क्रेटर २० किमी से छोटे हैं। यह अभी अज्ञात है के ऐसा क्यों है - या तो कोई प्रक्रिया यहाँ से बड़े क्रेटरों के निशान मिटा रही है, या फिर कोई प्रक्रिया इस क्षेत्र में उल्कापिंडों को गिरने से रोक रही है।

अन्य भाषाओँ में

माइमस को अंग्रेज़ी में "Mimas" लिखा जाता है। डायोनी प्राचीन यूनानी धार्मिक कथाओं का एक भीमकाय पात्र था।

इन्हें भी देखें

बहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

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