महाद्वीपीय भूपर्पटी

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भिन्न स्थानों पर पृथ्वी की भूपर्पटी की मोटाई (किलोमीटर में)

महाद्वीपीय भूपर्पटी (continental crust) आग्नेय (इगनियस), अवसादी (सेडिमेन्टरी) और कायांतरित पत्थरों की बनी उस परत को कहते हैं जिसके महाद्वीप और उनसे जुड़े हुए लेकिन महासागरों में डूबे महाद्वीपीय ताक बने होते हैं। क्योंकि यह सामग्री सिलिकनअल्युमिनियम से भरपूर खनिजों की बनी होती है इसलिये इस परत को कभी-कभी सिअल (sial) भी कहते हैं, जबकि महासागरीय भूपर्पटी (oceanic crust) में सिलिकन और मैग्नीसियम के खनिज अधिक होने से उसे सिमा (sima) कहा जाता है।

महाद्वीपीय और महासागरीय भूपर्पटी के घनत्व में अंतर

महासागरीय भूपर्पटी महाद्वीपीय भूपर्पटी से कम मोटी परत होती है और १० किलोमीटर से कम की मोटाई रखती है, लेकिन यह महाद्वीपीय भूपर्पटी की तुलना में अधिक घनी भी होती है। महाद्वीपीय भूपर्पटी का औसत घनत्व २.७ ग्राम प्रति घन सेन्टीमीटर होता है जबकि महासागरीय भूपर्पटी २.९ ग्राम प्रति घन सेन्टीमीटर का औसत घनत्व रखती है।[१][२]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite book
  2. Clare P. Marshall, Rhodes W. Fairbridge (1999) Encyclopedia of Geochemistry, Kluwer Academic Publishers ISBN 0-412-75500-9