बौनी अंडाकार गैलेक्सी

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ऍनजीसी १४७ एक बौनी अंडाकार गैलेक्सी है
ऍम ३२ एक बौनी अंडाकार गैलेक्सी है और एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी की एक उपग्रहीय गैलेक्सी भी है

बौनी अंडाकार गैलेक्सी ऐसी बौने आकार की अंडाकार गैलेक्सी को कहते हैं जो अन्य अंडाकार गैलेक्सियों की तुलना में काफ़ी छोटी हो। इन्हें हबल अनुक्रम की चिह्नावली में dE की श्रेणी दी जाती है। बौनी अंडाकार गैलेक्सियाँ आम तौर पर अन्य गैलेक्सियों की उपग्रहीय गैलेक्सियों के रूप में मिलती हैं या फिर गैलेक्सियों के झुंडों में पाई जाती हैं।[१]

अन्य भाषाओँ में

अंग्रेज़ी में "बौनी अंडाकार गैलेक्सी" को "ड्वॉर्फ़ ऍलिप्टिकल गैलॅक्सी" (dwarf elliptical galaxy) कहते हैं।

निर्माण की अवधारणाएँ

बहुत से खगोलशास्त्री मानते हैं के बौनी अंडाकार गैलेक्सियाँ गैस और आन्ध्र पदार्थ (डार्क मैटर) के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से एकत्रित होने से धीरे-धीरे बन जाती हैं और यही बौनी गैलेक्सियाँ आपस में मिलकर फिर बड़ी गैलेक्सियाँ बनती हैं। अगर इस विचार को माना जाए तो ब्रह्माण्ड में दिखने वाली बहुत सी महान गैलेक्सियाँ ऐसी बौनी गैलेक्सियों के टकराव और सम्मिलन से बनी हैं।

अन्य खगोलशास्त्री इस राए से असहमत हैं। उनका मानना है के जब महान सर्पिल गैलेक्सियाँ किसी समूह में होती हैं तो उनमें गुरुत्वाकर्षण से आपसी खींचातानी चलती रहती है। इसे कभी-कभी "गैलेक्सीय उत्पीड़न" (galaxy harassment, गैलॅक्सी हरैसमॅन्ट) कहते हैं और इस से गैलेक्सियाँ धीरे-धीरे अपना आकार बदल लेती हैं। फिर सर्पिल गैलेक्सियों की भुजाएँ और अन्य भाग इन बौनी गैलेक्सियों का रूप धारण कर लेती हैं। इस धारणा में विशवास रखने वाली वैज्ञानिक प्रमाण के तौर पर बहुत-सी बौनी अंडाकार गैलेक्सियों के अन्दर भुजा-रूपी ढांचों की मौजूदगी का वर्णन करते हैं।[२]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  1. साँचा:cite web
  2. Moore, B. et al. (1996), Galaxy harassment and the evolution of clusters of galaxies स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।