हबल अनुक्रम

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हबल अनुक्रम ("हबल ट्यूनिन्ग फ़ोर्क") का एक चित्रण

हबल अनुक्रम गैलेक्सियों को उनकी आकृतियों के आधार पर श्रेणियों में डालने का एक तरीक़ा है जिसका आविष्कार खगोलशास्त्री ऍडविन हबल ने १९२६ में किया था।[१] इसमें गैलेक्सियों को तीन बड़ी श्रेणियों में डाला जाता है - अंडाकार (ऍलिप्टीकल, अंडे-जैसी), लेंसनुमा (लॅन्टिक्युलर, लेंस जैसी) और सर्पिल (स्पाइरल, सर्पिल आकार)।[२][३] एक चौथी श्रेणी भी होती है जिसमें वे बेढंगी गैलेक्सियाँ डाली जाती हैं जो हबल अनुक्रम की तीन व्यवस्थित श्रेणियों में से किसी में नहीं डाली जा सकतीं। हबल अनुक्रम गैलेक्सियों के लिए दुनिया की सब से अधिक प्रयोग होने वाली श्रेणीकरण विधि है।

अन्य भाषाओँ में

अंग्रेज़ी में "हबल अनुक्रम" को "हबल सीक्वॅन्स" (Hubble sequence) कहा जाता है। इसे कभी-कभी "हबल ट्यूनिन्ग फ़ोर्क" (Hubble tuning fork) भी कहा जाता है क्योंकि इसका आकार "ट्यूनिन्ग फ़ोर्क" नाम के एक दो-काँटों वाले औज़ार से मिलता-जुलता है जिसका इस्तेमाल संगीत वाद्यों को धुन में लाने के लिए किया जाता है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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