फरीद पर्बती

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फरीद पर्बती
فرید پربتی
जन्म ग़ुलाम नबी भट
साँचा:birth date
कश्मीर
मृत्यु साँचा:death date and age
कश्मीर
व्यवसाय कवि, लेखक
प्रसिद्धि कारण उर्दू में किया गया कार्य रुबाई

फरीद पर्बती (जन्मनाम: ग़ुलाब नबी भट) कशमीर के उर्दू कवि थे।[१][२] उन्होंने काव्य सहित अनेक पुस्तकों की रचना की। उन्होंने ग़ज़लें और रुबाई लिखी। उन्हें कला, संस्कृति और भाषा अकादमी सहित उनकी साहित्यिक रचनाओं के लिए विभिन्न पुरस्कार प्राप्त हुए।[३]

व्यक्तिगत जीवन

पर्बती का जन्म ४ अगस्त १९६१ में कश्मीर में हुआ॥[२] उन्होंने इस्लामिया कॉलेज ऑफ़ साईंस एण्ड कोमर्स से अपनी स्नातक की शिक्षा पूर्ण की। उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर एवं एम॰ फ़िल॰ की शिक्षा पूर्ण की। उन्होंने १९९५ में कश्मीर विश्वविद्यालय से उर्दू में पीएचडी प्राप्त की। अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद उन्होंने कश्मीर लेखा सेवा में अपनी सेवाएँ दी। उसके बाद उन्होंने २००१-२००६ कश्मीर विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्य किया। उन्होंने २००६ से अपनी मृत्यु तक इक़बाल संस्कृति और दर्शन संस्थान एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्य किया।[१][३]

साहित्यिक जीवन

पर्बती ने ८ काव्य संग्रहों और समालोचनाओं सहित १४ पुस्तकें लिखी। उनकी सर्वश्रेष्ठ कृत्ति "उर्दू रुबायी" है जिसे व्यापक रूप से सराहना मिली।[२]

पुरस्कार

  • कला, संस्कृति और भाषा अकादमी..[३]

जीवन

  • आबी-निसान 1992[१]
  • इसबात 1997[१]
  • फरीद नामा 2003[१]
  • गुफ़्तगू चाँद से 2005[१]
  • हज़ार इमकान (काव्य संग्रह) 2006[१]
  • खबरी तहायुर 2007[१]
  • हजूम-ई-आईना 2010
  • हज़ार इमकान कुलयात (संग्रह) 2011[१]

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ