प्राचीन फारसी भार एवं मापन

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

ऐतिहासिक फ़ारसी भार एवं माप कई प्राचीन भार एवं माप पद्धतियों में से एक हैं। यह प्राचीन मेसोपोटामियाई भार एवं माप पद्धति पर आधारित है। इसे सूसा और ईलम राजाओं ने चलाया था और बाद में ऐकैमिनिड लोगों ने भी प्रयोग किया था।

फ़ारसी सभ्यता



फ़ारसी लम्बाई

1 अंगुल:= *aiwas = 20 mm
1 हस्त: = पाँच अंगुल = *पंक *ऐवास= 1 *द्वा= 100 mm
1 पाद: = 3 हस्त= *त्रयस*द्वा= 1 *त्रयस= 300 mm
1 रेमन= 4 हस्त= *क'अत्वा:र *द्वा= 1 *क'अत्वा:र = 400 mm
1 क्यूबिट: = 5 हस्त= *पंक'अ = 500 mm
1 महा क्यूबिट= 6 हस्त= *(क) स्वश*द्वा = 1 *(क) स्वश= 600 mm
1 पेस: = 5 फ़ीट= *पंक'अ *त्रयस= 1 *पंक'अ = 1.5 m
1 केन: = 10 फ़ीट= 6 क्यूबिट= 5 महाक्यूबिट= 2 पेस= *डका*त्रयस= 3m
1 चेबल: = 40 मह क्यूबिट= *डका*(क) स्वश= 24 m
1 परसंग: = 250 चेबल= 6 km = अश्व द्वारा एक घ्ण्टे में दौड़ा जाने वाला नाप
1 मैन्शन: = 1 स्टैथ्मोस: = 4 परसंग= 1000 चेबल= 24 km

फ़ारसी भार

1 बेबीलोनियाई टैलेण्ट≈ 1.43 अट्टिक टैलेंट (शुद्ध अनुपात है 7 बेबीलोनियाई टैलिंट= 10 अट्टिक टैलिंट). (टैलेंट भार का माप था, जो कि सिक्कों की बड़ी मात्रा के भार मापन हेतु प्रयुक्त होता था।)[१]

फ़ारसी आयतन

1 टैलेंट= 60 प्रोफ़ेन मिना= 3000 शेकेल= 25000 g: लगभग 1 फ़ुट का घन
1 पवित्र मिना: = 60 शेकल= 600 g: लगभग 1 हस्त का घन
1 प्रोफ़ेन मिना: = 50 शेकल= 500 g: लगभग 3 अंगुल का घन
1 शेकल: = 8.3 g

फ़ारसी भार एवं मापन पद्धति का अन्य प्रणालियों पर गहरा प्रभाव था, जिसमें यूनानी प्रमुख थे।

लम्बाई

अंगुल ¼ हथेली
हस्त हथेली ¼ पाद
ज़ेरेथ पाद ½ क्यूबिट
अर्सनी उल्ना 52–64 cm
स्टाक 2 पेस, 6 उल्ना
चेबल 40 अर्सनी
स्टेडियन ca 264 m, यूनानी और मिस्री स्टेडियन का पूर्वाधिकारी
परसंग फ़रसंग 250 चेबल 6 km
= 6,23 km 19वीं शताब्दी के मध्य में
= 10 km, आज के ईरान और तुर्की में.
शोइनोस ्यूनानी और मिस्री इकाइयों का मूल
मैन्शन, स्टैथ्मोस 4 परसंग

आयतन

चेनिका = 1,32 l, यूनानी चेयोनिक्स का आधार
  1. (derived from a list of revenues of the Great King of Persia in Herodotus III. 90-96 and cf., and A. R. Burn, Persia & the Greeks (New York, 1962), pp. 123–126.)