प्रवेशद्वार:विलुप्तीकरण/चयनित लेख
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[[चित्र:|100px|right|डोडो का १६२६ में निर्मित एक चित्र]]
डोडो मॉरीशस का एक स्थानीय उड़ान रहित पक्षी था। यह पक्षी कबूतर और फाख्ता के परिवार से संबंधित था। डोडो मुर्गे के आकार का लगभग एक मीटर उँचा और २० किलोग्राम वजन का होता था। इसके कई दुम होती थीं। यह अपना घोंसला ज़मीन पर बनाया करता था तथा इसकी खुराक मे स्थानीय फल शामिल थे। यह एक भारी-भरकम, गोलमटोल पक्षी था व इसकी टांगें छोटी व कमजोर थीं, जो उसका वजन संभाल नहीं पाती थीं। इसके पंख भी बहुत ही छोटे थे, जो डोडो के उड़ने के लिए पर्याप्त नहीं थे। इस कारण ये ना तो तेज दौड़ सकता था, ना उड़ ही सकता था। अपनी रक्षा क्षमता भुलाने के कारण ये इतने असहाय सिद्ध हुए, कि चूहे तक इनके अंडे व चूजों को खा जाते थे। वैज्ञानिकों ने डोडो की हड्डियों को दोबारा से जोड़ कर इसे आकार देने का प्रयास किया है, और अब इस प्रारूप को मॉरीशस इंस्टीट्यूट में देखा जा सकता है। १६४० तक डोडो पूरी तरह से विलुप्त हो गए। इसे अंतिम बार लंदन में १६३८ में जीवित देखा गया था। यह मॉरीशस के राष्ट्रीय चिह्न में भी दिखता है। विस्तार में...