डोडो
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| डोडो | |
|---|---|
| डोडो का पुनर्निर्माण ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में नये शोध को दर्शाते हुये | |
| Scientific classification | |
| Binomial name | |
| †रैफस कुक्युलैटस | |
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| पूर्व रेंज (लाल में) | |
| Synonyms | |
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डोडो (रैफस कुकुलैटस) हिंद महासागर के द्वीप मॉरीशस का एक स्थानीय पक्षी था। यह पक्षी वर्ग में होते हुए भी थलचर था, क्योंकि इसमे उड़ने की क्षमता नहीं थी। १७वीं सदी के अंत तक यह पक्षी मानव द्वारा अत्याधिक शिकार किये जाने के कारण विलुप्त हो गया।[१] यह पक्षी कबूतर और फाख्ता के परिवार से संबंधित था। यह मुर्गे के आकार का लगभग एक मीटर उँचा और २० किलोग्राम वजन का होता था। इसके कई दुम होती थीं। यह अपना घोंसला ज़मीन पर बनाता था, तथा इसकी खुराक में स्थानीय फल शामिल थे। डोडो मुर्गी से बड़े आकार का भारी-भरकम, गोलमटोल पक्षी था। इसकी टांगें छोटी व कमजोर थीं, जो उसका वजन संभाल नहीं पाती थीं। इसके पंख भी बहुत ही छोटे थे, जो डोडो के उड़ने के लिए पर्याप्त नहीं थे। इस कारण यह न तेज दौड़ सकता था, न उड़ सकता था।[२] रंग-बिरंगे डोडो झुंड में लुढ़कते-गिरते चलते थे, तो स्थानीय लोगों का मनोरंजन होता था। डोडो शब्द की उत्पत्ति पुर्तगाली शब्द दोउदो से हुई है, जिसका अर्थ मूर्ख या बावला होता है। कहा जाता है कि उन्होंने डोडो पक्षी को मुगल दरबार में भी पेश किया था, जहाँ के दरबारी चित्रकार ने इस विचित्र और बेढंगे पक्षी का चित्र भी बनाया था। कुछ प्राणिशास्त्रियों के अनुसार पहले अतीत में उड़ानक्षम डोडो, परिस्थितिजन्य कारणों से धीरे-धीरे उड़ने की क्षमता खो बैठे। अब डोडो मॉरीशस के राष्ट्रीय चिह्न में दिखता है।[२]
इसके अलावा डोडो की विलुप्ति को मानव गतिविधियों के कारण हुई न बदलने वाली घटनाओं के एक उदाहरण के तौर पर देखा जाता है। मानवों के मॉरीशस द्वीप पर आने से पूर्व डोडो का कोई भी प्राकृतिक शिकारी इस द्वीप पर नहीं था। यही कारण है कि यह पक्षी उड़ान भरने मे सक्षम नहीं था। इसका व्यवहार मानवों के प्रति पूरी तरह से निर्भीक था और अपनी न उड़ पाने की क्षमता के कारण यह आसानी से शिकार बन गया।
डोडो कैसे लुप्त हुआ
१७वीं शताब्दी के आरंभ में डच लोग जब पहली बार मॉरीशस पहुँचे तब वहां पहले मानव आबादी नहीं थी। उन्होंने डोडो को वोल्गवोगेल कहा, अर्थात एक वीभत्स पक्षी। इसका मुख्य कारण यही था कि इसके माँस को बहुत पकाने पर भी, वह नरम और स्वादिष्ट नहीं बनता था। किंतु फिर भी डच लोग इसका शिकार करते रहे और अन्ततः १६८१ तक डोडो इस द्वीप से लुप्त हो गया। यहां मनुष्यों के आने से पहले डोडो को मारने वाला कोई नहीं था, अतएव डोडो ने अपनी रक्षा क्षमता एकदम भुला दी थी। ये इतने असहाय सिद्ध हुए, कि चूहे तक इनके अंडे व चूजों को खा जाते थे। वैज्ञानिकों ने डोडो की हड्डियों को दोबारा से जोड़ कर इसे आकार देने का प्रयास किया है और अब इस प्रारूप को मॉरीशस इंस्टीट्यूट में देखा जा सकता है।[३] उन्होंने शोध कर के यह भी कहा है, कि डी एन ए द्वारा इसकी पुनर्प्राप्ति हो सकती है।[२] पुराने दस्तावेजो़ मे हालाँकि इसके मांस को बेस्वाद और कठोर बताया गया है जबकि अन्य स्थानीय प्रजातियों जैसे लाल रेल के मांस के स्वाद की सराहना की गई है।[४] सामान्यतः यह माना जाता है कि मलय नाविक इसे एक पवित्र पक्षी मानते थे और वे डोडो का शिकार इसके परों से धार्मिक अनुष्ठानों मे प्रयुक्त होने वाले अपने टोपों को बनाने मे किया करते थे।[५]
कुछ प्राणिशास्त्रियों के अनुसार पहले कभी उड़ना जानते डोडो, कुछ परिस्थितिजन्य कारणों से उड़ना भूल गए थे। उनकी ये आदत व आलसी स्वभाव ही उनके विनाश का कारण बन गया, क्योंकि वे आसानी से कुत्ते बिल्लियों के हाथ लग जाते थे। इस प्रकार १६४० तक डोडो पूरी तरह से विलुप्त हो गए। इसे अंतिम बार लंदन में १६३८ में जीवित देखा गया था।[६] एक तथ्य यह भी है कि, जब मनुष्य पहले पहल मॉरीशस पहुँचे, तो वे अपने साथ उन जानवरो को भी लाये जो पहले इस द्वीप पर नहीं पाये जाते थे, जैसे कुत्ते, सूअर, बिल्लियाँ, चूहे और केकड़ा खाने वाले मकॉक बंदर। इन पशुओं ने डोडो के घोंसलों को नष्ट कर दिया, जबकि मनुष्यो ने यहाँ के जंगलों का नाश किया जहाँ पक्षी रहते थे। आजकल यह माना जाता है कि डोडो की विलुप्ति के लिये शिकार से भी अधिक सूअर और मकॉक जैसे जानवर उत्तरदायी हैं।[७]
चित्र दीर्घा
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- साँचा:cite bookसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ऑक्स्फोर्ड डोडो अभिगमन तिथि: २००९-०२-०८
- विलुप्तप्राय जीव जालस्थल: प्रजाति इन्फो - रैफस क्युक्युलैटस. अभिगमन तिथि: २००६-१२-०७
- रजत दिस्सानायके: व्हॉट डिड द डोडो लुक लाइक? (अंग्रेज़ी) अभिगमन तिथि: २००८-०५-०४
- ↑ बर्ड लाइफ इंटरनेशनल (२००६). रैफस क्युक्युलेटस. २००६ विलुप्तप्राय प्रजातियों की IUCN सूची. IUCN २००६. अभिगमन तिथि: २००६-१२-०७. डाटाबेस प्रविष्टि में इस प्रजाति के विलुप्त दर्शाने का कारण निहित है।
- ↑ अ आ इ साँचा:cite web
- ↑ मॉरीशस में डोडो की हड्डियाँ मिलीसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] इंद्रधनुष इंडिया पर
- ↑ रेसर परसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] A trve report of the gainefull, prosperous, and speedy voiage to Iava in the East Indies, performed by a fleete of eight ships of Amsterdam: which set forth from Texell in Holland, the first of Maie 1598. Stilo Novo. Whereof foure returned againe the 19. of Iuly Anno 1599. in lesse thaen 15 moneths: the other foure went forward from Iava for the Moluccas
- ↑ जेम्स ब्रैडली, १९९८. द हिस्ट्री ऑफ मॉरिशस. लोवेल हाउस: बोस्टन. ३४-३५
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
<ref>का गलत प्रयोग;सिटिकिंगनाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ साँचा:cite web
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