प्रवेशद्वार:भौतिकी/चयनित जीवनी

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प्रभुलाल भटनागर, (८ अगस्त, १९१२ - ५ अक्तूबर, १९७६) विश्वप्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें गणित के लैटिस-बोल्ट्ज़मैन मैथड में प्रयोग किये गए भटनागर-ग्रॉस-क्रूक (बी.जी.के) कोलीज़न मॉडल के लिये जाना जाता है। इनका जन्म कोटा, राजस्थान में ८ अगस्त, १९१२ को हुआ थ, जहां इनके पिता महाराजा के दरबार में उच्च-पदासीन थे। इनका शोध कार्य १९३७ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रारंभ हुआ जहां ये १९३९ तक रहे। वहां इन्होंने गणित व भौतिकी में प्रयुक्त फ़ोरियर श्रेणी एवं एलाइड श्रेणी पर डॉ॰बेनी प्रसाद के संग कार्य किये। इनके शोध कार्य एरिक काम्के की पुस्तक में प्रकाशित हुए। इन्हें २६ जनवरी, १९६८ को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। प्रो.भटनागर के १३९ शोध-पत्र अन्तर्राष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हुए थे। उनके १०० से अधिक प्रचलित लेख एवं दर्जन से अधिक पुस्तकें भी निकली हैं। इनके अन्तर्गत २९ छात्रों ने पी.एचडी का शोध पूर्ण किया है। विस्तार में...