प्रगतिशील शिक्षा
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प्रगतिशील शिक्षा (प्रोग्रेसिव एजुकेशन) एक शैक्षणिक आन्दोलन है जो उन्नीसवीं सदी के अन्त में शुरू हुआ था। वर्तमान समय में यह विभिन्न रूपों में बनी हुई है। 'प्रगतिशील' शब्द इस शिक्षा को 19वीं शताब्दी के पारम्परिक यूरोपीय-अमेरिकी पाठ्यक्रम से अलग करने के लिए प्रयुक्त हुआ है। प्रगतिशील शिक्षा की जड़ें वर्तमान अनुभव में निहित हैं। अधिकांश प्रगतिशील शिक्षा कार्यक्रमों में निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं-
- (१) करके सीखने पर बल - हाथ के करके पूरा किए जाने वाले परियोजनाएँ, अनुभवात्मक सीख
- (२) विषयगत इकाइयों पर केन्द्रित एकीकृत पाठ्यक्रम
- (३) शिक्षा में उद्यमिता का एकीकरण
- (४) समस्या समाधान तथा आलोचनात्मक सोच पर बल
- (५) समूह कार्य तथा सामाजिक कौशलों का विकास
- (६) रटे-रटाए ज्ञान के बजाय समझदारी एवं क्रिया (ऐक्शन) को शिक्षा का लक्ष्य मानना
- (७) सहयोगात्मक (Collaborative) और सहकारी शिक्षण (cooperative learning) परियोजनाएं
- (८) सामाजिक जिम्मेदारी और लोकतंत्र के लिए शिक्षा
- (९) अत्यन्त व्यक्तिगत शिक्षा जो प्रत्येक व्यक्ति के निजी लक्ष्यों के अनुरूप हो
- (१०) दैनिक पाठ्यक्रम में सामुदायिक सेवा और सेवा की शिक्षा देने वाली परियोजनाओं को सम्मिलित करना
- (११) विषय सामग्री का चयन करने के लिए इस बात पर विचार करना कि भविष्य की समाज में किन कौशलों की आवश्यकता होगी
- (१२) पाठ्यपुस्तकों में बंधी-बंधायी सामग्री पढ़ने पर जोर न देना बल्कि विविध प्रकार की शिक्षण सामग्री पढ़ने पर बल
- (१३) जीवनपर्यन्त शिक्षा तथा सामाजिक कौशलों पर बल
- (१४) बच्चे के शैक्षणिक विकास के मूल्यांकन के लिए उसके प्रोजेक्ट एवं प्रस्तुतियों का मूल्यांकन करना