परवीन सुल्ताना

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परवीन सुल्ताना
परवीन सुल्ताना
परवीन सुल्ताना
पृष्ठभूमि की जानकारी
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मूलनगांव, असोम, भारत
मृत्युसाँचा:br separated entries
शैलियांख़याल, भजन, ठुमरी
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत
वाद्ययंत्रगायकी
सक्रिय वर्ष1962–आज तक

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परवीन सुल्ताना एक गायिका हैं जिन्हें 1976 में महज 23 साल की उम्र में (एक रिकार्ड) पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा परवीन सुल्ताना जी को 1972 में क्लियोपेट्रा ऑफ म्यूज़िक, 1980 में गंधर्व कला नीधि, 1986 में मियाँ तानसेन पुरस्कार तथा 1999 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के साथ ही अनेकों पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। परवीन सुल्ताना की आवाज़ आज भी सदाबहार बनी हुई है।

गीत को अपनी अन्तरात्मा मानने वाली शास्त्रीय गायिका परवीन सुल्ताना जी की जन्म-भूमि असम और कर्म-भूमि मुम्बई रही है। इनका सम्बन्ध पटियाला घराने से है। असमिया पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाली परवीन सुल्ताना ने पटियाला घराने की गायकी में अपना अलग मुकाम बनाया है। उनके परिवार में कई पीढ़ियों से शास्त्रीय संगीत की परम्परा रही है। परवीन सुल्ताना के गुरुओं में आचार्य चिन्मय लाहिरी और उस्ताद दिलशाद ख़ान प्रमुख रहे हैं।

उस्ताद दिलशाद खान साहब से गायकी के क्षेत्र में शिक्षा ले चुकी परवीन ने 1975 में दिलशाद खान साहब से शादी की। कई फिल्मों में गा चुकी परवीन इन दिनों अपने पति दिलशाद के साथ मिलकर सारे विश्व में कई कांसर्ट का हिस्सा बन चुकी है। यूं तो गायकी की शुरूआत संगीत सम्राज्ञी परवीन नें महज़ पांच वर्ष की उम्र से की मगर फिल्मों में गायकी की शुरूआत फिल्म पाकीज़ा “पाकिजा" से की। सोलह वर्ष की उम्र में परवीन मुंबई आईं और इत्तेफाक से नौशाद साहब ने परवीन की गायकी को एक शो में देख लिया था, उसी से प्रभावित होकर उन्होंने परवीन को एक खूबसूरत मौका फिल्म “पाकिजा" में दिया।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ