पदम

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Padum
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पदम की मुख्य सड़क
पदम की मुख्य सड़क
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प्रान्तलद्दाख़
ज़िलाकारगिल ज़िला
तहसीलज़ंस्कार
ऊँचाईसाँचा:infobox settlement/lengthdisp
जनसंख्या (2012)
 • कुल२५,०००
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषाएँ
 • प्रचलितलद्दाख़ी, हिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+05:30)
पिनकोड194302
वेबसाइटhttp://www.kargil.nic.in/

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पदम पहाड़ी (ऊपर दाएँ में), पिबितिंग गाँव से दृश्य
पदम और पिबितिंग के आधे रास्ते से दक्षिण का दृश्य

पदम भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के करगिल ज़िले की ज़ंस्कार तहसील का मुख्यालय है। इसका नाम पद्मसंभव के नाम पर पड़ा। यह ज़ंस्कार घाटी का यह एकमात्र नगर तथा प्रशासनिक केंद्र है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह ज़ंस्कर साम्राज्य की दो राजधानियों में से एक था जबकि दूसरी राजधानी थी- ज़ांगला[१][२][३]

आवागमन

यहाँ तक पहुँचने के लिए फिलहाल एक ही संपर्क मार्ग (लिंक रोड) है - राष्ट्रीय राजमार्ग 01 डी, जो कि इसे कारगिल से होते हुए बाकी देश से जोड़ता है। कारगिल शहर से पदम की दूरी 240 किलोमीटर है। मनाली लेह राजमार्ग पर स्थित हिमाचल प्रदेश के दारचा और पदुम के बीच एक ट्रेक भी है तथा सड़क निर्माण का कार्य जारी है।

भूगोल

पदम तीन तरफ फैली हुई ज़ांस्कर घाटी के केंद्र में स्थित है।[४] यहाँ की औसत ऊँचाई 3,657 मीटर (11,998 feet) है।

जनसांख्यिकी

पदम की जनसंख्या लगभग 1,000 है। [५] पदम में अधिकतर लोग तिब्बती बौद्ध हैं। लगभग ४०% आबादी मुस्लिम भी है जो मूलतः बल्तिस्तानी हैं तथा १७वीं शताब्दी से यहाँ बसे हुए हैं।

नगर

उप-खंड मुख्यालय पदम ज़ंस्कार खंड का नगर है, जो लद्दाख़ के कारगिल ज़िले में स्थित है। ज़ंस्कार नदी वादी में बहती है और इसका स्रोत पेंसी ला का द्रांग द्रूंग ग्लेसियर है। ज़ंस्कार नदी पिबितिंग गाँव के निकट लुंगनाक नदी में जाकर मिलती है। पदम के निकट कई उल्लेखनीय बौद्ध आश्रम हैं जिनमें बर्दन आश्रम और कुर्शा आश्रम शामिल हैं। उनके अलावा नवनिर्मित दलाई लामा फोतांग भी है।

मार्ग

बस से: यहाँ बस का विवरण पहली जुलाई से लेकर सितम्बर की १५ तक ही लागू होती हैं। इसके पश्चात मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग औपचारिक रूप से बंद पड़ जाता है। दूसरी सड़कें जिनमें लेह से श्रीनगर का कारगिल से होता राजमार्ग अकतूबर के अंत तक खुला होता है। ज़बरदस्त बर्फ़बारी के बावजूद भी लेह से नुबरा वादी की सड़क जो खुरदुंग ला की ऊँचाई से होकर गुज़रती है, पूरे साल खुली रहती है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. Janet Rizvi. (1996). Ladakh: Crossroads of High Asia. Second Edition. Oxford University Press, Delhi. ISBN 0-19-564546-4.
  2. Osada et al. (2000). Mapping the Tibetan World. Yukiyasu Osada, Gavin Allwright, and Atsushi Kanamaru. Reprint: 2004. Kotan Publishing, Tokyo. ISBN 0-9701716-0-9.
  3. Schettler, Margaret & Rolf (1981). Kashmir, Ladakh & Zanskar. Lonely Planet Publications. South Yarra, Victoria, Australia. ISBN 0-908086-21-0.
  4. Osada et al (2000), p. 298.
  5. Osada et al (2000), p. 298.