तुलसी सम्मान
मध्यप्रदेश शासन ने आदिवासी लोक और पारम्परिक कलाओं में उत्कृष्टता और श्रेष्ठ उपलब्धि को सम्मानित करने और इन कलाओं में राष्ट्रीय मानदण्ड विकसित करने की दृष्टि से तुलसी सम्मान के नाम से 2 लाख रुपये का एक वार्षिक पुरस्कार स्थापित किया है। यह सम्मान तीन वर्ष में दो बार प्रदर्शनकारी कलाओं और एक बार रूपंकर कलाओं के क्षेत्र में दिया जाता है।
तुलसी सम्मान का निकष असाधारण सृजनात्मकता, उत्कृष्टता और दीर्घ साधना के निरपवाद सर्वोच्च मानदण्ड रखे गये हैं। चयन की निश्चित प्रक्रिया से यह स्पष्ट है कि कला के विवादित राष्ट्रीय मानदण्ड विकसित करने के इस विनढा प्रयत्न में सभी स्तरों पर विशेषज्ञों की हिस्सेदारी है और इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि जहाँ एक ओर कलात्मक उपलब्धियों के बारे में एक तरह का व्यापक मत संग्रह संदर्भ के लिए उपलब्ध रहे, वहीं सम्मान से विभूषित किये जाने वाले कलाकार या मण्डली का चयन असंदिग्धा निष्ठा और विवेक वाले विशेषज्ञ पूरी निष्पक्षता, वस्तुपरकता और निर्भयता के साथ ऐसे मानदण्डों के आधार पर करें जो उत्तरदायी जीवन दृष्टि, गंभीर कलानुशासन और सौन्दर्यबोध पर आश्रित हैं।
तुलसी सम्मान की चयन प्रक्रिया के अनुसार संस्कृति विभाग, वर्ष-विशेष के लिए निर्धारित कलानुशासन के कलाकारों, विशेषज्ञों, रसिकों और संगठनों आदि से अपने रचनात्मक वैशिष्ट्य, ज्ञान और संसक्ति का लाभ लेते हुए इस सम्मान के लिए उपयुक्त कलाकारों अथवा मण्डलियों के नामों की अनुशंसा करने का अनुरोध करता है। ये अनुशंसाएँ संकलित करके विशेषज्ञों की चयन समिति के सामने अंतिम निर्णय के लिए रखी जाती हैं। इस समिति में राष्ट्रीय ख्याति के कलाकार और विशेषज्ञ शामिल होते हैं। चयन समिति को यह भी स्वतंत्रता है कि यदि कोई नाम छूट गया हो तो उसे अपनी तरफ से जोड़ लें। राज्य शासन ने चयन समिति को अनुशंसा को अपने लिए बंधानकारी माना है।
- राष्ट्रीय तुलसी सम्मान प्राप्तकर्ता
- पं॰ गिरिजा प्रसाद -- 1983-84
- हीरजी केशव जी -- 1983-84
- भगवान साहू -- 1984-85
- सु नीलमणि देवी -- 1985-86
- सु गंगा देवी -- 1985-86
- सु सोना बाई -- 1986-87
- मणि माधव चाक्यार -- 1987-88
- मदनलाल निषाद -- 1987-88
- भुलवाराम यादव -- 1987-88
- गोविन्द निर्मलकर -- 1987-88
- सु फिदाबाई मरकाम -- 1987-88
- देवीलाल नाग -- 1987-88
- व्ही.गणपति स्थपति -- 1988-89
- एन. वीरप्पन -- 1988-89
- जिव्या सोमा म्हसे -- 1988-89
- यक्षगान दल उडुपी -- 1988-89
- सागर खाँ -- 1989-90
- सादिक खाँ -- 1989-90
- बड़ा गाजी खाँ -- 1989-90
- बालप्पा बी. हुक्केरी -- 1990-91
- बालकृष्ण दास -- 1990-91
- झाड़ूराम देवांगन -- 1990-91
- चमरूराम बघेल -- 1991-92
- कोग्गा देवन्ना कामथ -- 1993-94
- अर्जुनसिंह धुर्वे -- 1993-94
- बेलायुधन नायर -- 1994-95
- उमगराज खिलाड़ी -- 1994-95
- मांगुणी दास -- 1995-96
- मती महासुन्दरी देवी -- 1996-97
- स्वामी हरिगोविन्द -- 1997-98
- ओमप्रकाश टाक -- 1998-99
- पूरनचंद-प्यारेलाल वडाली -- 1999-00
- पूर्णचन्द्रदास बाउल -- 2000-01
- गुरुप्पा चेट्टी -- 2001-02
- रामकैलाश यादव -- 2002-03
- उस्ताद गुलाम मुहम्मद साज नवाज़ -- 2003-04
- प्रकाश चन्द -- 2004-05
- स्वामी रामस्वरूप शर्मा -- 2005-06
- लल्लु वाजपेयी -- 2006-07
- पं.सत्यनारायण शर्मा--2007-08
- रंगास्वामी वेडार--2008-09
- प.रामसहाय -- 2012-2013
तिलक राम पेनद्राम - 2020