जीवन

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
इस संदूक को: देखें  संवाद  संपादन

हिन्दू धर्म
श्रेणी

Om
इतिहास · देवता
सम्प्रदाय · पूजा ·
आस्थादर्शन
पुनर्जन्म · मोक्ष
कर्म · माया
दर्शन · धर्म
वेदान्त ·योग
शाकाहार शाकम्भरी  · आयुर्वेद
युग · संस्कार
भक्ति साँचा:tl
ग्रन्थशास्त्र
वेदसंहिता · वेदांग
ब्राह्मणग्रन्थ · आरण्यक
उपनिषद् · श्रीमद्भगवद्गीता
रामायण · महाभारत
सूत्र · पुराण
शिक्षापत्री · वचनामृत
सम्बन्धित
विश्व में हिन्दू धर्म
गुरु · मन्दिर देवस्थान
यज्ञ · मन्त्र
हिन्दू पौराणिक कथाएँ  · हिन्दू पर्व
विग्रह
प्रवेशद्वार: हिन्दू धर्म

HinduSwastika.svg

हिन्दू मापन प्रणाली

जीवन (अंग्रेजी: Life) अर्थात् हमारे जन्म से मृत्यु के बीच की कालावधि ही जीवन कहलाती है,[१] जो की हमें ईश्वर द्वारा दिया गया एक वरदान है। लेकिन हमारा जन्म क्या हमारी इच्छा से होता है? नहीं, यह तो मात्र नर और मादा के संभोग का परिणाम होता है जो प्रकृति के नियम के अंतर्गत है। इसके अतिरिक्त जीवन का मुख्य अंग एक चेतन तत्त्व है जो जीवन की सभी क्रियाओं का साक्षी होता है।[२][३]

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जीवन का तात्पर्य अस्तित्व की उस अवस्था से है जिसमे वस्तु या प्राणी के अन्दर चेष्टा, उन्नति और वृद्धि के लक्षण दिखायी दें। अगर कोई वस्तु चेष्टारहित है तो फिर उसे सजीव या जीवनयुक्त नहीं माना जाता है। दार्शनिकों के अनुसार जीवन का संबंध जीने से है, सिर्फ अस्तित्व का विद्यमान होना ही जीवन का चिन्ह नहीं है।

अभी तक जीवन की कोई सारगर्भित और व्यापक रूप से स्वीकृत परिभाषा नहीं दी गयी है, लेकिन ज्यादातर परिभाषाएँ इसी महत्वपूर्ण तथ्य के इर्द-गिर्द घूमती हैं कि "जीवन वह दशा है जो पशुओं, पौधों और दूसरे जीवित प्राणियों को अकार्बनिक और कृत्रिम चीजों से अलग करती है और जिसे सतत चलती रहने वाली चयापचय की क्रिया और वृद्धि की विशेष सामर्थ्य से पहचाना जाता है।"

परिभाषाएं

जीवन की परिभाषा लंबे समय से वैज्ञानिकों और दार्शनिकों के लिए एक चुनौती रही है।[४] यह आंशिक रूप से इसलिए है क्योंकि जीवन एक प्रक्रिया है, पदार्थ नहीं। यह जीवों की विशेषताओं के ज्ञान की कमी से जटिल है, यदि कोई हो, जो पृथ्वी के बाहर विकसित हो सकते हैं। जीवन की दार्शनिक परिभाषाओं को भी आगे रखा गया है, इसी तरह की कठिनाइयों के साथ कि कैसे जीवित चीजों को निर्जीव से अलग किया जाए। जीवन की कानूनी परिभाषाओं का भी वर्णन और बहस की गई है, हालांकि ये आम तौर पर एक मानव को मृत घोषित करने के निर्णय और इस निर्णय के कानूनी प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करते हैं। जीवन की 123 परिभाषाओं का संकलन किया गया है। ऐसा लगता है कि नासा द्वारा एक परिभाषा का समर्थन किया गया है: "एक आत्मनिर्भर रासायनिक प्रणाली जो डार्विन के विकास में सक्षम है"। अधिक सरलता से, जीवन है, "ऐसा पदार्थ जो स्वयं को पुन: उत्पन्न कर सकता है और जीवित रहने के आदेश के अनुसार विकसित हो सकता है"।

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. Tsokolov, Serhiy A. (2009-05-01). "Why Is the Definition of Life So Elusive? Epistemological Considerations". Astrobiology. 9: 401–412. doi:10.1089/ast.2007.0201. ISSN 1531-1074.

बाहरी कड़ियाँ