जया मेहता
जया मेहता | |
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जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
मृत्यु स्थान/समाधि | साँचा:br separated entries |
व्यवसाय | कवि, आलोचक, अनुवादक |
भाषा | गुजराती |
शिक्षा | एम॰ए॰, पीएचडी। |
उच्च शिक्षा | एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय |
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जया वल्लभदास मेहता गुजरात, भारत के एक गुजराती कवि, आलोचक और अनुवादक हैं। वह एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय में शिक्षित थी और बाद में वहां पर काम किया।
जिंदगी
जया मेहता का जन्म 16 अगस्त 1932 को कोलियक गाँव में जो भावनगर (अब भावनगर जिले, गुजरात, भारत) के पास ललिताबेन और वल्लभदास के घर हुआ था। उन्होंने पी टी सी पूरा किया और एक स्कूल शिक्षक के रूप में काम करना शुरू कर दिया।[१] उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 1954 में स्नातक पूरा किया और 1963 में एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, मुंबई से स्नातोकत्तर किया। बाद में उन्होंने पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय में गुजराती के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया और वहां से सेवानिवृत्त हुईं। वह सुधा और विवेचन के सह-संपादक थी।[२] (गुजराती विभाग, एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय की त्रिमासिक) (सौराष्ट्र ट्रस्ट के साप्ताहिक)। उसने प्रवासी, मुंबई समचार और समकालिन दैनिकों में स्तंभ लिखे।
कार्य
जया मेहता तर्कसंगत कविता को मुक्त छंद में लिखती हैं। उनकी कविता भावनात्मक दुनिया में संलग्न होने के बजाय तार्किक और सामाजिक रूप से जागरूक है।[३] उनके काव्य संग्रह विनीशियन ब्लाइंड (1978), एक दिवस (1982), आकाशमा तारो छूप छे (1985), हॉस्पिटल पोयम्स (1987) हैं। रेनू एंड एक आ खरे पंडाडु (1989) उनके उपन्यास हैं।[२] विनीशियन ब्लाइंड और अकाशमा तारो छूप छे "मानव पूर्वानुमान के लिए उन् चिंता" को दर्शाता है।[३] मनोगत (1980), काव्यजनकहि (1985), आनेअनुसन्धान (1986), बुकशेल्फ (1991) उसकी आलोचना का काम करता है। उन्होंने कवि प्रिय कविता (1976), वार्ता विश्व (co-edited, 1980), सुरेश डललना श्रेष्ठ काव्यों (1985), अपना श्रेष्ठ निबंधों (1991), रघुपति राघव राजाराम (2007).(2007) का संपादन किया है । उनके शोध कार्यों में गुजराती कविता अनी नाटकम् हसाविनोद, गुजराती प्रशस्ति काव्यो (1965), गुजराती लेखिकाओ नवकालत-वर्ता साहित्य अल्लेहेलु भृगु चित्रा शामिल हैं । विमनथी व्हीलचेयर उसका यात्रा वृत्तांत है। [२]
उसने कई रचनाओं का अनुवाद किया है। मारा मित्रो (1969), आरती प्रभु (1978), मन्नू करण (1978), चर्चबेल (1980), चानी (1981), रविन्द्रनाथ: त्रान वैखायनो, सौन्दर्यमीमांसा (सह-अनुवादित), चम्पो एनी हिमपुष्पा, समुद्रलानी प्रचंड गर्जना, राजस्व अभिलेख ( अमृता प्रीतम की आत्मकथा, 1983), दास्तवज (1985), सुवर्णा मुद्रा अने ... (1991)। राधा, कुंती, द्रौपदी (2001), व्यासमुद्रा उनके अनुवाद हैं।[२] उन्होंने अर्नेस्ट हेमिंग्वे के द ओल्ड मैन और सी का भी गुजराती में अनुवाद किया।
पुरस्कार
उनके अनुवादों के लिए उन्हें साहित्य अकादमी, दिल्ली द्वारा सम्मानित किया गया है। [२]
यह सभी देखें
संदर्भ
[[श्रेणी:भारतीय स्तंभकार]] [[श्रेणी:जीवित लोग]] [[श्रेणी:1932 में जन्मे लोग]] [[श्रेणी:Articles with hCards]]
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ अ आ इ ई उ साँचा:cite book
- ↑ अ आ साँचा:cite book