जयवा मुकने
मुकने जव्हार रियासत के पृथम कोली शासक थे। वें जव्हार रियासत एवं मुकने राजवंश के संस्थापक थे। उन्होने १३०६ मे जव्हार रियासत और मुकने राजवंश की स्थापना की। इनके पुत्र का नाम नेमशाह मुकने था।[१][२][३]
इतिहास
जव्हार रियासत पर शासन स्थापित करने के पश्चात ही जयवा मुकने जव्हार मे महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण किया।[४] स्थानिय लोगों के अनुसार, जयवा मुकने तालपास के पास एक मुकने किले पर कोली कबीले का मुखिया था। एक बार जब जयवा पिंपरी मे मंदिर के दर्शन करने गये और वहा के पुजारियों ने उनको भविष्य मे जव्हार का राजा होने की बात कही। इसके बाद जयवा गुजरात के काठियावाड़ गए और वहां सात बर्ष तक रहें। गुजरात से जयवा मुकने कोली सेना लेकर आए और जव्हार पर आक्रमण कर दिया एवं कोली राज स्थापित किया। इसके पश्चात राजा जयवा मुकने का विवाह धर्मगढ़ की राजकुमारी मोहनाबाई मुकने से हुआ जिससे उन्हें दो पुत्र प्राप्त हुए नेमशाह मुकने एवं होलकरराव मुकने। जयवा मुकने की मृत्यु के पश्चात जव्हार की राजगद्दी नेमशाह मुकने ने संभाली जिसे दिल्ली सल्तनत के सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक ने शाह की उपाधि से सम्मानित किया एवं राजा स्वीकार किया।[५][६][७]
संदर्भ
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