छौंक
छौंक जिसे तड़का (पश्चिमी भाग) या बघार (दक्षिणी भाग) भी कहते हैं, मुख्यत: भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में विभिन्न व्यंजनों को पकाने में प्रयोग की जाने वाली एक विधि है। छौंक लगाने में घी या तेल को गर्म कर उसमें खड़े मसाले (अथवा पिसे मसाले भी) डाले जाते हैं ताकि उनमें समाहित सुगंधित तेल उनकी कोशिकाओं से निकल कर, उस व्यंजन जिसमें इन मसालों को मिलाया जाना है, को, उसका वो खास स्वाद प्रदान कर सकें। छौंक को किसी व्यंजन की शुरुआत या फिर अंत में मिलाया जा सकता है।
शुरुआत मे लगे छौंक में अमूमन खड़े मसालों के साथ साथ पिसे मसाले और नमक भी मिलाया जाता है जबकि अंत में लगे छौंक में अक्सर खड़े मसाले ही डाले जाते हैं। शुरुआत में लगा छौंक अक्सर सब्जी पकाने में प्रयोग किया जाता है, जबकि दाल, सांबर आदि व्यंजनों में इसे अंत में मिलाया जाता है।
छौंक में प्रयुक्त सामग्रियां
छौंक लगाने में मुख्यत: जीरा, हींग, प्याज, लहसुन, काली मिर्च, इलायची (हरी और बड़ी), अदरक, राई, लौंग, तेजपत्ता आदि मसालों का प्रयोग किया जाता है। कुछ खास व्यंजनों में सौंफ, सौंठ, लाल मिर्च, जावित्री, जायफल जैसे मसाले और हरी मिर्च और टमाटर जैसी सब्जियां भी इस्तेमाल की जाती हैं।
शब्दोत्पत्ति
छौंक कदाचित एक स्वनानुकरणात्मक शब्द है जो उस ध्वनि की व्याख्या करता है जो, गर्म तेल में कच्ची सब्जी या मसाले डालने से उत्पन्न होती है।
विभिन्न भाषाओं में नाम
- नेपाली - झानेको
- पंजाबी – तड़का (ਤਡ਼ਕਾ,تڑکا)
- गुजराती – वघार (વઘાર)
- बंगाली – बगार (বাগার), बगार देवा (বাগার দেয়া), फोड़न (ফোড়ন)
- तमिल- थालीत्तल (தாளித்தல்)
- कन्नड़- ओग्गारने (ಒಗ್ಗರಣೆ)
- तेलुगु– थालिम्पू (తాలింపు)
- मराठी– फोडणी
- उर्दू– तड़का (تڑکا), बघार (بگهار)
- कोंकणी- फोण्ण