चेम्मीन

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चेम्मीन  
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चेम्मीन
लेखक तकष़ी शिवशंकर पिळ्ळै
देश भारत
भाषा मलयालम भाषा

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चेम्मीन मलयालम भाषा के विख्यात साहित्यकार तकष़ी शिवशंकर पिळ्ळै द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1957 में मलयालम भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[१] hemmeen (उपन्यास) Chemmeen ( मलयालम : ചെമ്മീൻ , cemmīn [t͡ʃemmiːn] , लिट। झींगा)1956 में थकाज़ी शिवशंकर पिल्लई द्वारा लिखा गयाएक मलयालम उपन्यास है। चेम्मीन एक हिंदू मछुआरेकी बेटीकरुथम्मा और एक मुस्लिम मछली थोक व्यापारीके बेटे पारीकुट्टीके बीच संबंधों की कहानी कहता है। उपन्यास का विषयदक्षिणी भारत मेंतटीय केरल राज्य केसाथ मछुआरा समुदायों के बीच एक मिथकहै। मिथक शुद्धता के बारे में है। यदि विवाहित मछुआरा महिला अपने पति के समुद्र में रहने के दौरान व्यभिचारी थी, तो समुद्र की देवी ( कदलम्मा का शाब्दिक अर्थ है माता सागर) उसे खा जाएगी। इसी मिथक को कायम रखने के लिए थाकाझी ने यह उपन्यास लिखा था। इसे a . में रूपांतरित किया गया थाइसी नाम की फिल्म , जिसे आलोचकों की प्रशंसा और व्यावसायिक सफलता मिली।

सन्दर्भ

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