गुवाहाटी

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(गौहाटी से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
साँचा:if empty
Guwahati Gauhati
গুৱাহাটী
{{{type}}}
गुवाहाटी का दृश्य
गुवाहाटी का दृश्य
साँचा:location map
निर्देशांक: साँचा:coord
देशसाँचा:flag/core
प्रान्तअसम
ज़िलाकामरूप महानगर ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल११,१६,२६७
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषा
 • प्रचलितकामरुपी, असमिया
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
पिनकोड781 0XX
दूरभाष कोड+91-361
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोडIN-AS
वाहन पंजीकरणAS-01 (महानगरीय) / AS-25 (ग्रामीण व दिसपुर)
लिंगानुपात940 / 1000
साक्षरता दरसाँचा:increase 91.47% साँचा:color[१]
वेबसाइटwww.gmcportal.in/gmc-web//

साँचा:template other

ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसा गुवाहाटी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी

गुवाहाटी (Guwahati) भारत के असम राज्य की सबसे बड़ा नगर है। प्रशासनिक रूप से यह कामरूप महानगर ज़िले में स्थित है।[२] गुवाहाटी, ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसा, पूर्वोत्तर भारत का मुख्य शहर है। यह नगर प्राचीन हिंदू मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। प्राचीन काल में इस नगर को प्रगज्योतिषपुर के नाम से जाना जाता था, जो तत्कालीन असम (कामरूप) की राजधानी थी। इस शहर में कामाख्या और उमानंद जैसे कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं जो इसे "मंदिरों के शहर" की उपाधि भी दिलाती है। दिसपुर, असम की राजधानी, नगर के सर्किट-क्षेत्र में है और यहाँ असम सरकार की सीट है।

गुवाहाटी ब्रह्मपुत्र नदी और शिल्लोंग पठार के बीच स्थित है; इसके पूर्व दिशा में नारेंगी नगर है और इसका हवाई-अड्डा, लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई हवाई अड्डा, इसके पश्चिम दिशा में है। उत्तर गुवाहाटी, जो नदी के उत्तरी तट पर है, को इस शहर के सीमाओं में शामिल कर दिया जा रहा है। प्रसिद्ध मदन कामदेव गुवाहाटी से ३० कि.मी. (१९ मील) दूर है। गुवाहाटी नगर निगम (GMC) शहर का स्थानीय सर्कार है और ३२८ वर्ग कि.मी. के क्षेत्र पर प्रशासन करता है। वहीं, गुवाहाटी महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) बड़े गुवाहाटी महानगर क्षेत्र के आयोजन और विकास का विभाग है। यह पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा नगर है।[३]

नाम

एक समय इस नगर को प्रगज्योतिषपुर कहा जाता था, गुवाहाटी का नाम असमीया शब्द "गुवा" (जो संस्कृत शब्द "गुवक" से आता है), जिस का मतलब है "सुपारी", और "हाटी", जिस का मतलब है "पंक्ति", से आता है। इसका पूरा मतलब आता है "सुपारी की पंक्ति"।

इतिहास

गुवाहाटी के मिथक और इतिहास कई हजारों सालो की है। हालांकि शहर की शुरुआत की तारीख अज्ञात है, महाकाव्यों, पुराणों और अन्य परंपरागत इतिहास में संदर्भ, कई मान कि यह एशिया के प्राचीन शहरों में से एक का नेतृत्व करता है। उत्कीर्ण लेख संबंधी स्रोतों में गुवाहाटी को कई प्राचीन राज्यों की राजधानियों माना गया है। यह 'पौराणिक राजा नरकासुर और महाभारत के अनुसार भगदत्त् की राजधानी था। देवी कामाख्या के प्राचीन सक्ति मंदिर नीलाचल पहाड़ी (भी तांत्रिक वज्र्रयाना और बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण स्थान्), प्राचीन और अद्वितीय ज्योतिषीय मंदिर चईत्राच्हल पाहार् में स्थित नव्ग्रह, और वशिथ और अन्य स्थानों में पुरातात्विक बनी हुई है में स्थित शहर के प्राचीन पौराणिक दावे का समर्थन पिछले। आम्बारी खुदाई 6 वीं शताब्दी ई. के शहर का पता लगाने. शहर के अलग - अलग समय अवधि में (यानी प्रकाश के पूर्व) प्रगाज्योतिस्पुर् और दुर्जोय् के रूप में जाना जाता था और वर्मन और कामारुपा राज्य के पाला राजवंशों के तहत राजधानी थी। उआन जान ग् द्वारा विवरण है कि सबसे प्रभावशाली वर्मन राजा भास्कर वर्मन (7 वीं शताब्दी ई.) के दौरान, यह शहर 19 किमी फैला है और शायद जो अधिकारियों के जानकार थे साथ अपने मजबूत नौसैनिक बल (नौकाओं - तीस हज़ार युद्ध के लिए प्रमुख आधार था हिंद महासागर से चीन के लिए समुद्री मार्गों - उआन जान ग्)। शहर पाला राजवंश के शासकों के अधीन 10 - 11 वीं शताब्दी ई. तक असम की राजधानी के रूप में बने रहे। आम्बारी में खुदाई और ईंट की दीवार और घरों में उपस्थित कपास विस्वविदाल्य् सभागार के निर्माण के दौरान खुदाई का सुझाव है कि यह 9 11 वीं शताब्दी ई. तक आर्थिक और सामरिक महत्व के साथ महान आकार का एक शहर था।

उद्योग व व्यवसाय

गुवाहाटी असम का महत्त्वपूर्ण व्यापार केंद्र तथा बंदरगाह है। पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार गुवाहाटी आसपास के क्षेत्र की व्यवसायिक गतिविधियों का केन्द्र है। इसे विश्व का सबसे बड़ा चाय का बाज़ार माना जाता है। यहाँ एक तेलशोधन संयंत्र और सरकारी कृषि क्षेत्र है तथा उद्योगों में चाय तथा कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण, अनाज पिसाई तथा साबुन बनाना हैं। यहाँ कोई अन्य बड़े उद्योग नहीं हैं। लगभग 17 प्रतिशत आबादी उद्योग, व्यापार तथा वाणिज्य में लगी हुई है तथा उद्योगों पर राजस्थान से आए मारवाड़ियों का एकाधिकार है।

संस्कृति

गुवाहाटी की आबादी मिलीजुली है, जिसमें असमी, बंगाली, पंजाबी, बिहारी, नेपाली तथा राजस्थानी शामिल हैं। इसके अलावा यहाँ सारे पूर्वोत्तर भारत के आदिवासी समुदायों के लोग भी बसते हैं। यहाँ गुवाहाटी विश्वविद्यालय (स्थापना 1948), अर्ल लॉ कॉलेज, राज्य उच्च न्यायालय तथा अनेक हिन्दू तीर्थस्थल हैं।

मनोरंजन

गुवाहाटी खेलों की दृष्टि से भी महत्त्वपुर्ण स्थान रहा है। गुवाहाटी में अनेक स्टेडियम स्थित है, यहाँ 2007 में 33 वें राष्ट्रीय खेल आयोजित हुऐ थे।

परिवहन

गुवाहाटी में हवाई अड्डा और छोटी तथा बड़ी लाइन के रेलमार्ग हैं। बोरझार में स्थित हवाई अड्डा शहर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नगर पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के साथ भली-भाँति जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन निगम की बसों के अलावा निजी बसें तथा टैक्सियाँ भी उपलब्ध हैं। वृहत्तर गुवाहाटी की नगरयोजना में 262 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र शामिल है।

वायु मार्ग

गुवाहाटी से 18 किलोमीटर दूर बोरझार में स्थित लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र निकटतम हवाई अड्डा है। गुवाहाटी तक आने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय एवं आंतरिक विमानों के चलते यह हवाई अड्डा भारत का ग्यारहवाँ सबसे कार्यरत हवाई अड्डा है। इस हवाई अड्डे से दैनिक और साप्ताहिक उड़ानें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, विशाखापत्तनम, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर, कोच्ची, बैंकॉक, सिंगापुर, ढाका, पारो, काठमांडू, कुआला लम्पुर, हनोई और यांगून जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों तक उपलब्ध हैं।

रेल मार्ग

गुवाहाटी पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे के अंदर आता है, जिसका मुख्यालय नगर के उत्तर-पश्चिम दिशा में नीलाचल पहाड़ी के पास मालिगांव में है। इस नगर में और तीन रेलवे स्टेशन हैं - यात्री और माल-सेवा के लिए कामख्या रेलवे स्टेशन, माल सेवा के लिए नई गुवाहाटी रेलवे स्टेशन (नूनमाटी के पास) और अज़रा रेलवे स्टेशन। गुवाहाटी को दुसरे प्रमुख शहरों तक जोड़ने वाले नियमित ट्रेन उपलब्ध हैं। राजधानी एक्सप्रेस, पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल, कामरूप एक्सप्रेस, पूर्वोत्तर एक्सप्रेस, सरायघाट एक्सप्रेस और गरीबरथ गुवाहाटी से और तक आने-जाने वाले को महत्वपूर्ण ट्रेन हैं। भारत में सबसे लंबे राह वाला ट्रेन, विवेक एक्सप्रेस, जो उच्चतर असम के डिब्रूगढ़ नगर से शुरू होती है और भारत के सब से दक्षिणी स्थान कन्याकुमारी तक जाती है, गुवाहाटी से हो कर गुज़रती है।[४]

सड़क मार्ग

शहर के अंदर की मुख्य सड़को की कूल लंबाई साँचा:cvt है। राष्ट्रीय राजमार्ग 27 गुवाहाटी को पश्चिम बंगाल, बिहार और भारत के अन्य भागों से जोड़ता है। यह राजमार्ग गुवाहाटी को असम की बराक घाटी में स्थित सिल्चर तथा मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा राज्यों से भी जोड़ता है। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग ज़िले में सेवक से शुरू होने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 17 जलुकबारी में ख़त्म होता है और गुवाहाटी को धुबरी और कूच बिहार के मुख्य नगरों से जोड़ता है।

राष्ट्रीय राजमार्ग 15 और इसकी माध्यमिक सड़कें, जो ब्रह्मपुत्र नदी के दो तटों से हो कर गुज़रती हैं। यह गुवाहाटी को उच्चतर असम के शहर तेज़पुर, जोरहाट और डिब्रुगढ़, और अरुणाचल प्रदेशनागालैंड के राज्यों से जोड़ती हैं। सार्वजनिक परिवहन नगर में विकसित है। बस गुवाहाटी का मुख्य परिवहन का साधन है।

स्मारक एवं दर्शनीय स्थल

साँचा:wide image

कामाख्या मंदिर

देश के प्रत्येक मंदिर की भांति इस मंदिर का भी अपना महत्व है। कहा जाता है कि सती पार्वती ने अपने पिता द्वारा अपने पति, भगवान शिव का अपमान किए जाने पर हवन कुंड में कूदकर अपनी जान दे दी थी। भगवान शिव को आने में थोड़ी देर हो गई, तब तक उनकी अर्धांगिनी का शरीर जल चुका था। उन्होंने सती का शरीर आग से निकाला और तांडव नृत्य आरंभ कर दिया। अन्य देवतागण उनका नृत्य रोकना चाहते थे, अत: उन्होंने भगवान विष्णु से शिव को मनाने का आग्रह किया। भगवान विष्णु ने सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए और भगवान शिव ने नृत्य रोक दिया। कहा जाता है कि सती की योनि (सृजक अंग) गुवाहाटी में गिरी। यह मंदिर देवी की प्रतीकात्मक ऊर्जा को समर्पित है।

गुवाहाटी से 7 कि॰मी॰ दूर पश्चिम में नीलाचल हिल पर स्थित यह मंदिर असम की वास्तुकला का एक उदाहरण है, जिसका गुम्बद मधुमक्खियों के छत्ते की भांति है। यहां देवी को बकरे की बली दी जाती है।

यहां पूरी धार्मिक श्रद्धा और विश्वास से मुख्य रूप से दो त्यौहार मनाए जाते हैं। जून/जुलाई माह के अंत में पृथ्वी के मासिक चक्र की समाप्ति पर अम्बूची पर्व का आयोजन किया जाता है। सितंबर में मनासा पर्व के दौरान श्रद्धालु पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करके देवी से दुआ मांगते हैं।

नवग्रह मंदिर

गुवाहाटी शहर की जीवनरेखा- ब्रह्मपुत्र नदी

चित्राचल हिल पर स्थित यह मंदिर नवग्रहों को समर्पित है, क्योंकि देश में नवग्रहों का बहुत महत्व है। माना जाता है कि ये ग्रह लोगों के भाग्य को प्रभावित करते हैं अत: उन्हें भगवान माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है।

उमानन्दा मंदिर

नदी के बीच में पिकॉक हिल पर स्थित यह एक सुंदर मंदिर है। भगवान शिव के इस मंदिर का निर्माण 1594 में हुआ था। इस मंदिर में जाने के लिए आपको नाव से जाना पड़ेगा, जो प्रात: 7.00 बजे से सायं 5.30 बजे तक चलती हैं।

वशिष्ठ आश्रम

यह आश्रम वशिष्ठ मुनि की स्मृति में बना है, जो एक प्रसिद्ध संत और विचारक थे। इन्होंने महान धर्मग्रंथ रामायण की रचना की थी।

असम जू एवं बॉटनिकल गार्डन्स

असम के चिड़ियाघर में उन जानवरों को साक्षात देखिए, जिन्हें आप केवल टी.वी. चैनलों पर देख पाते हैं। इस चिड़ियाघर में भारतीय और अफ्रीकी गैंडे, सफेद शेर, चीते और पूर्वोत्तर भारत में पाई जाने वाली पक्षियों की कुछ दुर्लभ प्रजातियां देखने को मिलती है।

शंकरदेव कलाक्षेत्र

शंकरदेव कलाक्षेत्र असम का सांस्कृतिक संग्रहालय है। यह गुवाहाटी शहर के पंजाबाड़ी क्षेत्र में स्थित है।

हाजो

कुछ लोगों के अनुसार गुवाहाटी से 27 कि॰मी॰ दूर हाजो नामक स्थान पर ही भगवान बुद्ध ने निर्वाण प्राप्त किया था।

पाव मक्का मस्जिद

"पाव" का अर्थ है "एक चौथाई" - और ऐसा विश्वास है कि यह मस्जिद मक्का स्थित मुख्य मस्जिद के एक चौथाई के बराबर पवित्र है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
  3. "North East India: A Systematic Geography," Narendra Nath Bhattacharyya, Rajesh Publications, 2005, ISBN 9788185891620
  4. साँचा:cite web