गौतम बुद्ध नगर जिला

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
गौतम बुद्ध नगर ज़िला
India Uttar Pradesh districts 2012 Gautam Buddha Nagar.svg

उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर ज़िले की अवस्थिति
राज्य उत्तर प्रदेश
साँचा:flag/core
मुख्यालय ग्रेटर नोएडा
क्षेत्रफल साँचा:convert
जनसंख्या 16,74,714 (2011)
जनघनत्व साँचा:convert

गौतम बुद्ध नगर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक मह्त्वपूर्ण जिला है। इस जिले की स्थापना 9 जून 1997[१] को बुलन्दशहर एवं गाजियाबाद जिलों के कुछ ग्रामीण व अर्द्धशहरी क्षेत्रों को काटकर की गयी थी। प्रदेश में सत्ता-परिवर्तन होते ही मुलायम सिंह यादव ने इस जिले को भंग कर दिया जिसके विरोध में यहाँ की जनता ने प्रबल आन्दोलन किया था। बाद में जनता के दबाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को अपना निर्णय बदलना पड़ा और जिला बहाल किया गया।

आज स्थिति यह है कि गौतम बुद्ध नगर जिला प्रदेश की राजस्व प्राप्ति में अपनी प्रमुख भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से सटे हुए इस जिले का मुख्यालय ग्रेटर नोएडा में अवस्थित है।

भौगोलिक सांख्यकी व प्रशासनिक अधिकारी

क्षेत्रफल - 1442 वर्ग कि॰ मी॰ (557 वर्गमील)

जनसंख्या - 16,74,714 (2011 जनगणना)

साक्षरता - 89.78 प्रतिशत

जनसंख्या घनत्व - 1161 व्यक्ति प्रति वर्ग कि॰मी॰ (3010 व्यक्ति प्रति वर्गमील)

जनसंख्या वृद्धि दर - 51.52 प्रतिशत (गत एक दशक में)

एस॰ टी॰ डी॰ (STD) कोड - 0120

पिन कोड - 201310

जिलाधिकारी - एन.पी.सिंह आई॰ए॰एस॰[२]

मुख्य विकास अधिकारी - माखन लाल गुप्त पी॰सी॰एस॰

इतिहास

इस जिले की स्थापना 9 जून 1997 को बुलन्दशहर एवं गाजियाबाद जिलों के कुछ ग्रामीण व अर्द्धशहरी क्षेत्रों को काटकर की गयी थी। आज इसमें नोएडा व ग्रेटर नोएडा जैसे व्यावसायिक उप महानगर शामिल हो चुके है। दादरी विधान सभा क्षेत्र भी इसी जिले का एक हिस्सा बन चुका है।[३] वह दादरी जहाँ की जनता ने 1857 के प्रथम स्वातन्त्र्य समर में काफी योगदान दिया था। दादरी के राव उमराव सिंह समेत आसपास के 84 लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बुलंदशहर से लेकर लालकुंआ तक के बीच के हिस्से में क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी शासन की नाक में दम कर दिया था। जिस पर अंग्रेजों ने राव उमराव सिंह समेत क्षेत्र के 84 क्रांतिकारियों को बुलंदशहर के काला आम पर फांसी लगाई थी। जिससे चलते आज भी बुलंदशहर का काला आम चर्चित है। वहीं अंग्रेजी हकूमत ने क्रांतिकारियों के परिवार के संपत्ति को छीन लिया गया था। उनके मकानों को तोड़ दिया गया था। शहीदों की याद में आज भी दादरी तहसील पसिसर में स्थित आज भी शहीद स्तंभ मौजूद है। जिस पर 84 क्रांतिकारियों के नाम अंकित है। वहां दादरी के मैन तिराहे पर राव उमराव सिंह की प्रतिमा स्थित है। हर साल उनकी याद में 15 अगस्त और 26 जनवरी को विभिन्न समाजसेवी संगठनों और प्रमुख लोगों के द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किए जाते है। दादरी में स्वतन्त्रता सेनानी राव उमराव सिंह की मूर्ति आज भी देखी जा सकती है।

इससे भी पूर्व 11 सितम्बर 1803 को ब्रिटिश आर्मी व मराठों की सेना के बीच हुए निर्णायक युद्ध के स्मारक के रूप में नोएडा के गोल्फ कोर्स परिसर के अन्दर ब्रिटिश जनरल गेरार्ड लेक की स्मृति को दर्शाता अंग्रेज वास्तुविद एफ़॰ लिस्मन द्वारा बनाया हुआ "जीतगढ़ स्तम्भ" आज भी दूर से ही दिखायी देता है। 

ऐतिहासिक दृष्टि से यहाँ का दनकौर, बिसरख, रामपुर जागीर व नलगढ़ा गाँव कई स्मृतियाँ संजोये हुए है। दनकौर में द्रोणाचार्य तथा बिसरख में रावण के पिता विश्वेश्रवा ऋषि का प्राचीन मन्दिर आज भी स्थित है। ग्रेटर नोएडा स्थित रामपुर जागीर गाँव में स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान सन् 1919 में मैनपुरी षड्यन्त्र करके फरार हुए सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी राम प्रसाद 'बिस्मिल' भूमिगत होकर कुछ समय के लिये रहे थे और यहाँ के गूजरों के जानवर चराते हुए पुस्तकों का अनुवाद किया था।[४] नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के किनारे स्थित नलगढ़ा गाँव में भगत सिंह ने भूमिगत रहते हुए कई बम-परीक्षण किये थे। वहाँ आज भी एक बहुत बड़ा पत्थर सुरक्षित रखा हुआ है।

महत्व

इस जिले का महत्व इसकी सीमा में आने वाली प्रमुख औद्योगिक इकाइयों तथा दिल्ली मुम्बई इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर के कारण तो है ही, नोएडा, ग्रेटर नोएडा जैसे अत्यधिक विकासशील औद्योगिक प्राधिकरणों के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में समायोजित कर लिये जाने से और भी अधिक विस्तृत हो गया है। ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किलोमीटर लम्बे यमुना एक्सप्रेसवे ने इसकी महत्ता में चार चाँद लगा दिये हैं।

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

बाहरी कड़ियाँ