गोदावरी एक्स्प्रेस २७२८

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गोदावरी एक्स्प्रेस २७२८ भारतीय रेल द्वारा संचालित एक मेल एक्स्प्रेस ट्रेन है। यह ट्रेन हैदराबाद डेकन रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड:HYB) से ०५:१५PM बजे छूटती है और विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड:VSKP) पर ०६:०५AM बजे पहुंचती है। इसकी यात्रा अवधि है १२ घंटे ५० मिनट।[१]

भारत के सबसे प्रतिष्ठित रेलगाड़ियों में से एक गोदावरी एक्सप्रेस विशाखापटनम एवं हैदराबाद के बीच दौड़ती हैं। इसका उद्घाटन 1 फरबरी १९७४ वाल्तेयर -हैदराबाद एक्सप्रेस के तौर पर हुआ था एवं ७००७ और ७००८ इसका ट्रैन नंबर था। वर्तमान में इसका ट्रैन नंबर १२७२७ एवं १२७२८ हैं। यात्रिओं के बीच इस ट्रैन के वातानुकूलित बोगियों के काफी मांग रहती हैं, इसको देखते हुए पूर्णतया वातुनुकूलित गरीब रथ एवं दुरोंतो का उद्घटान किया गया था।

इन दो नए रेलगाड़ियों के आने के बावजूद गोदावरी एक्सप्रेस की मांग काम नहीं हुई हैं एवं कभी कभी यात्रिओ के लिए इस ट्रैन में अतिरिक्त स्लीपर क्लास जोड़ना पड़ता हैं। इस रेलगाड़ी को इन दो शहरो के बीच सफर के लिए सबसे अच्छा माना जाता हैं, एवं दक्षिण मध्य रेलवे के द्वारा इसे काफी साफ़ सुथरा रखा जाता हैं। इस ट्रैन को ओडिसा के भुबनेश्वर तक बढ़ाने की योजना का यात्रियों एवं राजनितिक दलों ने काफी विरोध किया था, क्योंकि ऐसा करने से इस ट्रैन की यात्रा की अवधी बढ़ जाती जो इस ट्रैन के आगमन -प्रस्थान समय को भी परिवर्तित कर देता, जैसा की विशाखा एक्सप्रेस के साथ हुआ था।

गोदावरी एक्सप्रेस , आंध्रा प्रदेश के ४ तटवर्तीय जिलो को राजय की राजधानी आंध्र प्रदेश से जोड़ता हैं। ये ट्रैन विशाखापटनम के ४ स्टेशनों, पूर्वी गोदावरी जिले के ६ स्टेशनों पर, पश्चिम गोदावरी जिले के ३ स्टेशनों पर कृष्णा जिले के विजयवाड़ा में रूकती हैं।[२]

इतिहास

I फरबरी १९७४ को भारतीय रेल ने विशाखापटनम एवं हैदराबाद के बीच रेल सेवा चलाने की घोषणा की जिसका नाम वाल्तेयर- हैदराबाद एक्सप्रेस था। प्रत्येक दिन चलने वाली ये ट्रेंन, विशाखापटनम से ५.३० बजे शाम को चलती थी एवं हैदराबाद दुसरे दिन सबेरे ६।४५ बजे पहुंचती थी क्यंकि ट्रैन अलग थलग पड़े पूर्वी एवं पश्चिम गोदावरी के जिलो को जोड़ती थी इसलिए इसका अाधिकारक तौर पर नामकरण गोदावरी एक्सप्रेस किया गया। भाप के इंजन से चलने वाली इस ट्रैन में १७ डिब्बे थे। समालकोट एवं राजमुंड्री के बीच इसकी अधिकतम गति ५० किलोमीटर/घंटे थी।[३]

१९९० तक ये रेल काफी प्रसिद्ध हो गयी थी एवं इसके डब्बों की संख्या २४ तक पहुँच गयी थी, एवं ये भारत की सबसे लम्बी ट्रैन हो गयी थी। विशाखापटनम -विजयवाड़ा एवं विजयवाड़ा -काजीपेट -हैदराबाद के विद्युतीकरण के बाद इसने वप4 बिजली के इंजन पर चलना प्राम्भ कर दिया। जल्द ही गोदावरी एक्सप्रेस ५ वातानकुलित डब्बों के साथ चलने वाली दक्षिण -मध्य रेलवे की पहली ट्रैन बन गयी।

अपने समयबद्धता के चलते ये ट्रैन काफी पॉपुलर हैं एवं इसलिए यात्रिओं के बीच इसकी मांग कभी कम नहीं होती। लोग इस ट्रेन में कोई बदलाव नहीं चाहते, यदपि वो इसके वर्दी से ही सम्बंधित क्यूँ न हो, बीच में करूर व्यास बैंक के प्रचार वाली वर्दी जब ली गयी थी तो काफी लोगों ने इसका विरोध किया था।[४]

ओवरव्यू

इस ट्रैन की ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग आई आर सी टी सी के द्वारा की जाती है। इस ट्रैन के स्लीपर क्लास का भाड़ा ४०५ रुपया (७$), ३ ऐ सी का भाड़ा १०५५ रुपया (18$), २ ऐ सी का भाड़ा १५०० रुपया (25$) एवं १ ऐ सी का भाड़ा २५३५ रुपया (३१$) हैं इस ट्रैन में स्लीपर क्लास के १२ डब्बे, ३ ऐ सी के ३ डब्बे 2 ऐ सी २ डब्बे , १ ऐ सी का १ डब्बा एवं जनरल क्लास का ६ डब्बा हैं।[५]

सन्दर्भ

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