गुह
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गुह ऋंगवेरपुर के राजा थे, उन्हें निषादराज अथवा भीलराज भी कहा जाता था। वे भील जाति के थे। उन्होंने ही वनवास काल में राम, सीता तथा लक्ष्मण का अतिथि सत्कार किया तथा अपना राज्य पर राज करने को कहा था। उनका क्षेत्र गंगा के किनारे था अत: केवट जाति के लोग उन्हें बहुत मानते हैं और आज भी उनकी पूजा करते हैं। नदियों के किनारे बसने वाली एक जाति है, जिसके लोग, लोगों को नाव से एक ओर से दूसरी ओर पार उतार कर अपनी जीविका चलाते हैं।[१]
सन्दर्भ
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