गामा कैसिओपिये तारा

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गामा कैसिओपिये शर्मिष्ठा तारामंडल में 'γ' के चिह्न द्वारा नामांकित तारा है

गामा कैसिओपिये, जिसका बायर नाम भी यही (γ Cassiopeiae या γ Cas) है, शर्मिष्ठा तारामंडल का एक तारा है। यह एक परिवर्ती तारा है जिसकी चमक (सापेक्ष कान्तिमान) +२.२० और +३.४० मैग्नीट्यूड के बीच बदलती रहती है। यह तारा बहुत तेज़ी से अपने अक्ष (ऐक्सिस) पर घूर्णन कर रहा है जिस से एक तो इसका अकार पिचक गया है और दूसरा इसकी सतह से कुछ द्रव्य उखड़-उखड़कर इसके इर्द-गिर्द एक छल्ले के रूप में घूमता है। इसी छल्ले की वजह से इस तारे की चमक कम-ज़्यादा होती रहती है। खगोलशास्त्र में ऐसे सभी तारों की एक श्रेणी बनी हुई है जिसके सदस्यों को इसी तारे के नाम पर "गामा कैसिओपिये परिवर्ती" तारे कहा जाता है। यह पृथ्वी से दिखने वाले सब से रोशन तारों में से एक है। गामा कैसिओपिये हमसे लगभग ६१० प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।[१]

अन्य भाषाओं में

गामा कैसिओपिये तारे का अंग्रेज़ी और अरबी में कोई पारम्परिक नाम नहीं है। कुछ स्रोतों के अनुसार इसे चीनी भाषा में "चिह" (策, Tsih) कहा जाता है।

विवरण

गामा कैसिओपिये B0.5 IVe श्रेणी का एक उपदानव तारा है, जिसका द्रव्यमान हमारे सूरज के द्रव्यमान का १५ गुना और व्यास (डायामीटर) हमारे सूरज के व्यास का १४ गुना है। इसकी तारे की निहित चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज की लगभग ७०,००० गुना है। इसका सतही तापमान २५,००० कैल्विन अनुमानित किया गया है। वास्तव में ग़ौर से देखने पर ज्ञात हुआ है कि इसका एक साथी तारा भी है (यानि यह एक द्वितारा मंडल है), जिसका द्रव्यमान शायद हमारे सूरज के बराबर है। यह गामा कैसिओपिये के मुख्य तारे की एक परिक्रमा हर २०४ दिनों में पूरी कर लेता है। गामा कैसिओपिये से उत्पन्न होने वाली एक्स किरणें (एक्स-रे) अपेक्षा से दस गुना ज़्यादा शक्तिशाली हैं। इसके सही कारण पर खगोल्शात्रियों में आपसी मतभेद है।

गामा कैसिओपिये एक दोहरा तारा भी है, जिसके (नज़दीकी साथी के आलावा) दो अन्य ऐसे धुंधले से तारे दिखते हैं जो दूरबीन से इसके पास नज़र आते हैं, हालाँकि शायद हैं नहीं। पहले को गामा कैसिओपिये बी (γ Cas B) और दुसरे को गामा कैसिओपिये सी (γ Cas C) का नाम दिया गया है।

ऐतिहासिक चमक परिवर्तन

याद रहे की मैग्नीट्यूड चमक का ऐसा उल्टा माप है जो जितना अधिक हो तारे की चमक उतनी ही कम होती है। सन् १९३७ में गामा कैसिओपिये की चमक +२.२ मैग्नीट्यूड थी। १९४९ तक यह घटकर +२.९ हो गई। १९६५ में यह बढ़कर +२.७ हुई और २०१० तक यह और भी बढ़कर +२.१४ हो चुकी थी। इस समय यह शर्मिष्ठा तारामंडल के दो अन्य चमकीले तारों (+२.२४ वाले अल्फ़ा कैसिओपिये और +२.२७ वाले बेटा कैसिओपिये) से ज़्यादा रोशन था।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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