गढ़कुंडार

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कुंडार का दुर्ग और उसके भग्नावशेष

गढ़-कुंडार मध्य प्रदेश के निबाड़ी जिले में स्थित एक गाँव है। इस गाँव का नाम यहां स्थित प्रसिद्ध दुर्ग (या गढ़) के नाम पर पढ़ा है। यह किला उस काल की न केवल बेजोड़ शिल्पकला का नमूना है बल्कि उस प्रणय गाथा के अंत का गवाह भी है, जो विश्वासघात की नींव पर रची गई थी। गढ कुण्डार का प्राचीन नाम गढ कुरार है। जो कि खंगार (खेत सिंह खंगार)शासकों की राजधानी था। 11वीं सदी में बना यह किला 5 मंजिल का है. 3 मंजिल तो ऊपर है, जबकि 2 मंजिल ज़मीन के अंदर यानी भूतल में है. किला एक ऊँची पहाड़ी पर एक हेक्टेयर से अधिक वर्गाकार भूमि पर बना हुआ है. किला इस तरह बनाया गया कि यह 4-5 किलोमीटर दूर से तो दिखता है, लेकिन नज़दीक आते-आते किला दिखना बंद हो जाता है. जिस रास्ते से किला दूर से दिखता है. अगर उसी रास्ते से आएंगे तो यह रास्ता भी किले की बजाय कहीं और जाता है. जबकि किले के लिए दूसरा रास्ता है

साँचा:asbox यह किला चंदेल काल में चंदेलों का सूबाई मुख्यालय व सैनिक अड्डा था. यशोवर्मा चंदेल (925-40 ई.) ने दक्षिणी-पश्चिमी बुंदेलखंड को अपने अधिकार में कर लिया था. इसकी सुरक्षा के लिए गढ़कुंडार किले में कुछ निर्माण कराया गया था. इसमें किलेदार भी रखा गया.1182 में चंदेलों-चौहानों का युद्ध हुआ, जिसमें चंदेल हार गए. इसमें गढ़कुंडार के किलेदार शियाजू पवार की जान चली गई. इसके बाद ही यहां नायब किलेदार खेत सिंह खंगार ने खंगार राज्य स्थापित कर दिया. 1182 से 1347 तक यहां खंगार राज रहा. इसके बाद यहां बुन्देला शासक रहे। सन 1539 में गढ़कुंडार से हटाकर ओरछा राजधानी स्थानांतरित की गई। इसके बाद यह किला वीरान होता चला गया.1605 के बाद ओरछा के राजा वीर सिंह देव ने गढ़कुंडार की सुध ली. और जीर्णोधार कराया. 13वीं से 16 वीं शताब्दी तक यह बुंदेला शासकों की राजधानी रही. 1531 में राजा रूद्र प्रताप देव ने गढ़ कुंडार से अपनी राजधानी ओरछा बना ली.

खंगारों को जाता है नई पहचान देने का श्रेय

गढ़कुंडार किले के पुनर्निर्माण और इसे नई पहचान देने का श्रेय खंगारों को है. खेत सिंह गुजरात राज्य के राजा रूढ़देव का पुत्र था. रूढ़देव और पृथ्वीराज चौहान के पिता सोमेश्वर सिंह अभिन्न मित्र हुआ करते थे. इसके चलते पृथ्वीराज चौहान और खेत सिंह बचपन से ही मित्र हो गए. राजा खेत सिंह की गिनती पृथ्वीराज के महान सेनापतियों में की जाती थी. इस बात का उल्लेख चंदबरदाई के रासो में भी है. गढ़कुंडार में खेत सिंह ने खंगार राज्य की नींव डाली थी । 1182 से 1347 तक खंगार वंश के शासक यहां राजा रहे। Sunil kumar gupta 9758589386.