खैरवार

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

सोन नदी के दक्षिण बसे हुए खैरवारों की एक दूसरे से सबंदथु चार उप शाखायें है - 4


| सूरजवंशी - जिनकी व्युत्पत्ति सूर्य से बताई जाती है।

॥.. दुआलबंधी- इनका दूसरा वर्ग जो दुआल शब्द से सबंधित है जिसका अर्थ सिपाही होता है।

॥ ... पातबधी- इसके पीछे यह मान्यता है कि कभी ये बहुत धनी थे और ये रेशमी वस्त्र पहना

करते थे।

४. बेनवंशी- इनका संबंध राजा बेन से बताते हैं। विलियम कुक ने इनमें से एक को सिंगरौली रियासत का राजा बताया है। जहाँ तक इनकी शरीर रचना का प्रश्न है, इस जाति से सबंधित लोग यहाँ के अन्य आदिवासियों से भिन्‍न हैं। कर्नल डाल्टन इनकी तुलना संथालों से करते हैं और लिखते हैं कि ये लोग काले, दबी नाक वाले, मोटे तथा चौड़े होठं वाले, चपटी हड्डी वाले हुआ करते हैं। कुक के अनुसार दक्षिणी मिर्जापुर अर्थात वर्तमान सोनभद्र में अन्य द्रविड जातियों के साथ रहते हुये इस जाति के लोग आसानी से अलग नहीं होते ,लेकिन खैरवार अपने नाम की बनावट और भुद्यार अपनी नासिक्य ध्वनियों के उच्चारण के कारण सहज रूप से अलग दिखते हैं। 5 सोनभद्र के दुद्धी क्षेत्र में तीन जातीय पंचायते है जो गौडा, बजिया और बभनी में केद्धित हैं। जाति का मुखिया या महतो जाति के किसी व्यक्ति के संबंध में सूचना मिलने पर पहले

संदर्भ