खुसरौ बाग, प्रयागराज

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

साँचा:for

{Use dmy dates|date=October 2018}} साँचा:infobox प्रयागराज स्थित इस विशाल बाग में खुसरौ, उसकी बहन और उसकी राजपूत मां का मकबरा स्थित है। खुसरौ सम्राट जहांगीर के सबसे बड़े पुत्र थे। इस पार्क का संबंध भारत के स्वतंत्रता संग्राम से भी है। प्रयागराज (इलाहाबाद) शहर के पश्चिम छोर प्रयागराज रेलवे स्टेसन के पास स्थित खुसरो बाग मुगलकालीन इतिहास की एक अमिट धरोहर हैं। यह 17 बीधे के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ हैं। यह चारोँ मोटे मोटे दिवारो से घीरा हैं। इसके चारोँ ओर एक एक दरवाजे हैं। जहागीर ने इसे अपना आरामगाह बनाया था। जहागीर के पुत्र खुसरो के नाम पर ही इसका नाम खुसरो बाग पडा। इस बाग में तीन मकबरे हैं। पहला मकबरा शहजादा खुसरो का हैं। इसका मकबरा खुसरो की राजपूत माक शाँह बेगम के लिये बनाया गया था। खुसरो बाग के अन्दर जाने का मुख्य द्रार अति विशाल हैं। इसमें अनेकोँ घोडोँ की नाली लागी हुयी हैं। ऐसी मान्यता हैं कि अपने मालिक की और अपने मालिक कि जान बचायी थी तभी से लोग बाग के अन्दर बने मकबरे में मन्नत मानते हैं। और कार्य के पूरा होने पर इसी दरवाजे में घोड़े के नाल लगवा देते हैं। खुसरो बाग में अमरुद के कई बगीचे हैं। यहाँ के अमरुदोँ को विदेश में निर्यात किया जाता हैं। साथ ही वर्तमान में यहाँ पौधशाला हैं। जिससें हजारोँ पौधोँ की बिक्री की जाती हैं।